विष्णु भिकाजी कोलते
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विष्णु भिकाजी कोलते | |
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जन्म नाव | डॉ .विष्णू भिकाजी कोलते |
जन्म |
जून २२, इ.स. १९०८ महाराष्ट्र, भारत |
मृत्यू |
एप्रिल ८, इ.स. १९९८ नागपूर महाराष्ट्र, भारत |
राष्ट्रीयत्व | भारतीय |
कार्यक्षेत्र | साहित्य |
भाषा | मराठी |
साहित्य प्रकार | इतिहास, ऐतिहासिक साहित्य |
विषय | महानुभावीय मराठी साहित्य |
वडील | भिकाजी कोलते |
पुरस्कार | पद्मश्री पुरस्कार (इ.स. १९९१) |
डॉ. विष्णू भिकाजी कोलते (जून २२, १९०८ - एप्रिल ८, १९९८) हे मराठी लेखक, महानुभाव साहित्याचे संशोधक व कवी होते. यांना इ.स. १९९१ साली पद्मश्री पुरस्काराने गौरवण्यात आले.[ संदर्भ हवा ]
जीवन
[संपादन]विष्णू भिकाजी कोलते यांचा जन्म २२ जून, इ.स. १९०८ रोजी नरवेल नावाच्या गावी झाला.[ संदर्भ हवा ] त्यांचे शालेय शिक्षण मलकापूर येथे, तर महाविद्यालयीन शिक्षण खामगाव व नागपूर येथे झाले. इ.स. १९३० साली त्यांनी एम.ए. पदव्युत्तर अभ्यासक्रम पुरा केला. इ.स. १९३१ ते इ.स. १९४४ या कालखंडात अमरावतीच्या विदर्भ महाविद्यालयात, तर इ.स. १९४४ ते इ.स. १९६४ या कालखंडात नागपुरातील मॉरिस कॉलेजात त्यांनी मराठी विषय शिकवला.[ संदर्भ हवा ] इ.स. १९६६ ते इ.स. १९७२ या काळात ते नागपूर विद्यापीठाचे कुलगुरू होते.[ संदर्भ हवा ] त्यांनी काव्य, नाटक, चरित्र, आत्मचरित्र या ललित साहित्य प्रकारांच्या क्षेत्रात आपली लेखणी चालविली. सोबतच अनेक ललित साहित्य कृतींचा आस्वाद घेऊन समीक्षालेखनही केले. संपादन आणि संशोधन कार्यात तर त्यांचे योगदान लक्षणीय आहे. प्राचीन शिलालेख, ताम्रपटांचे तसेच मध्ययुगीन मराठी साहित्याचे संपादन , संशोधन करून साहित्याच्या क्षेत्रात प्रतिष्ठेचे स्थान प्राप्त केले आहे.[१]
त्यांचे आत्मचरित्र अजुनी चालतोच वाट या नावाने इ.स. १९९४ साली प्रकाशित झाले.[ संदर्भ हवा ]
प्रकाशित साहित्य
[संपादन]लिखित साहित्य [ संदर्भ हवा ]
[संपादन]पुस्तकाचे नाव | प्रकाशन वर्ष (इ.स.) | प्रकाशन | साहित्यप्रकार | भाषा |
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अजुनी चालतोच वाट | इ.स. १९९४ | अत्मचरित्र | मराठी | |
गिरिपर्ण | इ.स. १९८९ | निबंधमाला | मराठी | |
चक्रधर : शेवटचे प्रकरण | इ.स. १९८२ | संशोधनात्मक | मराठी | |
श्री चक्रधर | चरित्रग्रंथ | मराठी | ||
प्राचीन मराठी साहित्य संशोधन | इ.स. १९६८ | संशोधनात्मक | मराठी | |
भास्कर भट्ट बोरीकर : चरित्र व काव्य विवेचन | इ.स. १९३५ | संशोधनात्मक | मराठी | |
मराठी अस्मितेचा शोध | इ.स. १९८९ | संशोधनात्मक | मराठी | |
मराठी संतों का सामाजिक कार्य | इ.स. १९३५ | संशोधनात्मक | हिंदी | |
महात्मा रावण (पुस्तिका) | माहितीपर | मराठी | ||
महानुभाव आचारधर्म | इ.स. १९४५ | संशोधनात्मक | मराठी | |
महानुभाव तत्त्वज्ञान | इ.स. १९४५ | संशोधनात्मक | मराठी | |
महानुभाव संशोधन (खंड १ व २) | इ.स. १९६२, इ.स. १९६४ |
संशोधनात्मक | मराठी | |
मूर्तिप्रकाश | १९६२ | संपादित ग्रंथ | मराठी | |
लव्हाळी | इ.स. १९२८ | काव्यसंग्रह | मराठी | |
सैह्याद्री-माहात्म्य | चरित्रात्मक | मराठी | ||
साहित्य संचार | इ.स. १९६५ | निबंधमाला | मराठी | |
स्नेहबंध | इ.स. १९९४ | निबंधमाला | मराठी | |
स्वस्तिक | इ.स. १९३७ | काव्यसंग्रह | मराठी |
संपादित साहित्य
[संपादन]पुस्तकाचे नाव | प्रकाशन वर्ष (इ.स.) | प्रकाशन | साहित्यप्रकार | भाषा |
---|---|---|---|---|
उद्धव गीता | इ.स. १९३५ | |||
स्थान पोथी | इ.स. १९३७ | |||
मूर्तिप्रकाश | इ.स. ???? | |||
रुक्मिणी स्वयंवर | इ.स. १९४० | |||
वाचाहरण | इ.स. १९५३ | |||
शिशुपाल वध | इ.स. १९६० | |||
लीळाचरित्र | इ.स. १९७८ | |||
श्री गोविंद प्रभू | इ.स. १९९४ |
गौरव
[संपादन]- अध्यक्ष, अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन, भोपाळ, इ.स. १९६७[ संदर्भ हवा ]
- भारत सरकारचा पद्मश्री पुरस्कार इ.स. १९९१[ संदर्भ हवा ]
- कुलगुरू, नागपूर विद्यापीठ (इ.स. १९६६ ते इ.स. १९७२)[ संदर्भ हवा ]
- अध्यक्ष, महाराष्ट्र भाषा सभा[ संदर्भ हवा ]
- अध्यक्ष, विदर्भ साहित्य संघ[ संदर्भ हवा ]
- साहित्य अकादमी विद्यावृत्ती[ संदर्भ हवा ]
संदर्भ
[संपादन]- ^ संपादक, तावरे, डॉ. स्नेहल (२००७). वैदर्भी प्रतिभा. पुणे: स्नेहवर्धन प्रकाशन. pp. १८१.