"प्रभाकर आत्माराम पाध्ये" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
संतोष दहिवळ (चर्चा | योगदान) No edit summary खूणपताका: मोबाईल संपादन मोबाईल वेब संपादन |
No edit summary |
||
ओळ ४: | ओळ ४: | ||
== जीवन == |
== जीवन == |
||
प्रभाकर पाध्यांचा जन्म [[जानेवारी ४]], [[इ.स. १९०९|१९०९]] रोजी झाला. पाध्यांनी [[पुणे|पुण्याच्या]] गोखले इन्स्टिट्यूट येथून प्रा. [[धनंजयराव गाडगीळ]] यांच्या हाताखाली शिकून [[अर्थशास्त्र]] विषयात एम.ए. पदवी मिळवली. परंतु पदवीनंतर त्यांनी [[मुंबई|मुंबईस]] परतून पत्रकारिता आरंभली. [[मो.ग. रांगणेकर|मो.ग. रांगणेकरांच्या]] 'चित्रा' साप्ताहिकात पाध्ये रुजू झाले. या साप्ताहिकातून पाध्यांनी राजकीय विषयांवर व्यासंगपूर्ण लिखाणास आरंभ केला. याशिवाय हरिभाऊ मोटे यांच्या 'प्रतिभा' साप्ताहिकात पाध्ये साहित्यिक घडामोडींवर लिहीत असत. |
प्रभाकर पाध्यांचा जन्म [[जानेवारी ४]], [[इ.स. १९०९|१९०९]] रोजी झाला. पाध्यांनी [[पुणे|पुण्याच्या]] गोखले इन्स्टिट्यूट येथून प्रा. [[धनंजयराव गाडगीळ]] यांच्या हाताखाली शिकून [[अर्थशास्त्र]] विषयात एम.ए. पदवी मिळवली. परंतु पदवीनंतर त्यांनी [[मुंबई|मुंबईस]] परतून पत्रकारिता आरंभली. [[मो.ग. रांगणेकर|मो.ग. रांगणेकरांच्या]] 'चित्रा' साप्ताहिकात पाध्ये रुजू झाले. या साप्ताहिकातून पाध्यांनी राजकीय विषयांवर व्यासंगपूर्ण लिखाणास आरंभ केला. याशिवाय हरिभाऊ मोटे यांच्या 'प्रतिभा' साप्ताहिकात पाध्ये साहित्यिक घडामोडींवर लिहीत असत. चित्रा साप्ताहिकातले त्यांचे लिखाण झाल्यावर ते [[इ.स. १९३८|१९३८]] - [[इ.स. १९४५|१९४५]] सालांदरम्यान 'धनुर्धारी'चे संपादक होते. त्यानंतर [[इ.स. १९४५|१९४५]] - [[इ.स. १९५३|१९५३]] सालांदरम्यान ते 'नवशक्ती'चे संपादक होते; परंतु फ्री प्रेस समूहाचे मालक एस. सदानंद यांच्याशी वैचारिक मतभेद उद्भवल्यावर ते नवशक्तीतून राजीनामा देऊन बाहेर पडले. |
||
प्रभाकर पाध्ये १९५३-५४मध्ये इंडियन कमिटी फॉर कल्चरल फ्रीडम या संस्थेचे चिटणीस, तर १९५५-५७ या काळात याच संस्थेच्या आशियाविभागाचे जनरल सेक्रेटरी होते. १९६७-७८ या काळात प्रभाकर पाध्ये सेंटर फॉर इंडियन रायटर्स या संस्थेचे संचालक होते. |
|||
⚫ | |||
⚫ | |||
<br />[[मार्च २२]], [[इ.स. १९८४|१९८४]] रोजी पाध्यांचे निधन झाले. |
<br />[[मार्च २२]], [[इ.स. १९८४|१९८४]] रोजी पाध्यांचे निधन झाले. |
||
ओळ १८: | ओळ २०: | ||
! width="20%"| प्रकाशन वर्ष (इ.स.) |
! width="20%"| प्रकाशन वर्ष (इ.स.) |
||
|- |
|- |
||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
| [[आभाळातील अभ्रे]] || || कॉंटिनेंटल प्रकाशन || |
| [[आभाळातील अभ्रे]] || || कॉंटिनेंटल प्रकाशन || |
||
|- |
|- |
||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
⚫ | |||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
| |
| कादंबरीकार खानोलकर||समीक्षा||नूतन प्रकाशन, पुणे||इ.स. १९७७ |
||
⚫ | |||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
⚫ | |||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
⚫ | |||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
⚫ | |||
⚫ | |||
|- |
|||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
⚫ | |||
⚫ | |||
|- |
|||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
| पत्रकारितेची मूलतत्त्वे|| वैचारिक|| ||इ.स. १९९१ |
|||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
| पाकिस्तानी की पन्नास टक्के|| राजकीय|| ||इ.स. १९४४ |
|||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
| पाटणकरांची सौंदर्यमीमांसा ||समीक्षा) || || इ.स. १९७७ |
|||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
⚫ | |||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
⚫ | |||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
| मानव आणि मार्क्स|| राजकीय|| ||इ.स. १९८० |
|||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
⚫ | |||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
| [[वामन मल्हार आणि विचारसौंदर्य]] || समीक्षा || मौज प्रकाशन ||इ.स. १९७८ |
|||
⚫ | |||
|- |
|||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
|व्यक्तिवेध||व्यक्तिचित्रे||केसरी प्रकाशन, पुणे||इ.स. १९७३ |
| व्यक्तिवेध||व्यक्तिचित्रे||केसरी प्रकाशन, पुणे||इ.स. १९७३ |
||
|- |
|||
⚫ | |||
|- |
|||
⚫ | |||
|- |
|- |
||
| |
| हिरवी उने||प्रवासवर्णन||पाॅप्युलर प्रकाशन, मुंबई||इ.स. १९६४ |
||
|} |
|} |
||
१३:५९, २९ सप्टेंबर २०१४ ची आवृत्ती
प्रभाकर आत्माराम पाध्ये (जानेवारी ४, १९०९ - मार्च २२, १९८४) हे मराठी पत्रकार, विचारवंत, लेखक होते.
जीवन
प्रभाकर पाध्यांचा जन्म जानेवारी ४, १९०९ रोजी झाला. पाध्यांनी पुण्याच्या गोखले इन्स्टिट्यूट येथून प्रा. धनंजयराव गाडगीळ यांच्या हाताखाली शिकून अर्थशास्त्र विषयात एम.ए. पदवी मिळवली. परंतु पदवीनंतर त्यांनी मुंबईस परतून पत्रकारिता आरंभली. मो.ग. रांगणेकरांच्या 'चित्रा' साप्ताहिकात पाध्ये रुजू झाले. या साप्ताहिकातून पाध्यांनी राजकीय विषयांवर व्यासंगपूर्ण लिखाणास आरंभ केला. याशिवाय हरिभाऊ मोटे यांच्या 'प्रतिभा' साप्ताहिकात पाध्ये साहित्यिक घडामोडींवर लिहीत असत. चित्रा साप्ताहिकातले त्यांचे लिखाण झाल्यावर ते १९३८ - १९४५ सालांदरम्यान 'धनुर्धारी'चे संपादक होते. त्यानंतर १९४५ - १९५३ सालांदरम्यान ते 'नवशक्ती'चे संपादक होते; परंतु फ्री प्रेस समूहाचे मालक एस. सदानंद यांच्याशी वैचारिक मतभेद उद्भवल्यावर ते नवशक्तीतून राजीनामा देऊन बाहेर पडले.
प्रभाकर पाध्ये १९५३-५४मध्ये इंडियन कमिटी फॉर कल्चरल फ्रीडम या संस्थेचे चिटणीस, तर १९५५-५७ या काळात याच संस्थेच्या आशियाविभागाचे जनरल सेक्रेटरी होते. १९६७-७८ या काळात प्रभाकर पाध्ये सेंटर फॉर इंडियन रायटर्स या संस्थेचे संचालक होते.
पत्रकारितेच्या जोडीनेच पाध्यांनी ललित साहित्यही लिहिले. त्यांची 'मैत्रीण' ही कादंबरी, 'त्रिसुपर्ण' (इ.स. १९८३) हा दृष्टांतकथासंग्रह व अन्य चार कथासंग्रह प्रकाशित झाले. पाध्यांनी प्रवासवर्णने व समीक्षाही लिहिल्या. त्यांच्या 'सौंदर्यानुभव' या समीक्षापर ग्रंथाला साहित्य अकादमी पुरस्कार लाभला.
मार्च २२, १९८४ रोजी पाध्यांचे निधन झाले.
प्रकाशित साहित्य
नाव | साहित्यप्रकार | प्रकाशन | प्रकाशन वर्ष (इ.स.) |
---|---|---|---|
अगस्तीच्या अंगणात | प्रवासवर्णन | पाॅप्युलर प्रकाशन, मुंबई | इ.स. १९५७ |
अंधारातील सावल्या | कथासंग्रह | पाॅप्युलर प्रकाशन, मुंबई | इ.स. १९६५ |
अर्धवर्तुळे | कथासंग्रह | स्कूल अॅन्ड काॅलेज बुक स्टाॅल, कोल्हापूर | इ.स. १९४६ |
आजकालचा महाराष्ट्र | वैचारिक | कर्नाटक पब्लिशिंग हाऊस, मुंबई | इ.स. १९३५ |
आभाळातील अभ्रे | कॉंटिनेंटल प्रकाशन | ||
उडता गालिचा | प्रवासवर्णन | पाॅप्युलर प्रकाशन, मुंबई | इ.स. १९५९ |
कलेची क्षितिजे | समीक्षा | इ.स. १९४२ | |
कादंबरीकार खानोलकर | समीक्षा | नूतन प्रकाशन, पुणे | इ.स. १९७७ |
कृष्णकमळीची वेल | कथासंग्रह | केशव भिकाजी ढवळे, मुंबई | इ.स. १९४५ |
जग नवे नवी क्षितिजे | प्रवासवर्णन | इ.स. १९५३ | |
तीन तपस्वी | व्यक्तिचित्रे | दा.ना. मोघे प्रकाशन, कोल्हापूर | इ.स. १९४६ |
तोकोनोमा | प्रवासवर्णन | पाॅप्युलर प्रकाशन, मुंबई | इ.स. १९६१ |
त्रिसुपर्ण | कथासंग्रह | मौज प्रकाशन | १९८३ |
नवे जग नवी क्षितिजे | प्रवासवर्णन | पाॅप्युलर प्रकाशन, मुंबई | इ.स. १९५४ |
पत्रकारितेची मूलतत्त्वे | वैचारिक | इ.स. १९९१ | |
पाकिस्तानी की पन्नास टक्के | राजकीय | इ.स. १९४४ | |
पाटणकरांची सौंदर्यमीमांसा | समीक्षा) | इ.स. १९७७ | |
प्रकाशातील व्यक्ती | व्यक्तिचित्रे | काॅंटिनेन्टल प्रकाशन, पुणे | इ.स. १९४१ |
मर्ढेकरांची सौंदर्यमीमांसा | समीक्षा | मौज प्रकाशन | इ.स. १९७० |
मानव आणि मार्क्स | राजकीय | इ.स. १९८० | |
मैत्रीण | कादंबरी | ||
वामन मल्हार आणि विचारसौंदर्य | समीक्षा | मौज प्रकाशन | इ.स. १९७८ |
विचारधारा | कॉंटिनेंटल प्रकाशन | ||
व्यक्तिवेध | व्यक्तिचित्रे | केसरी प्रकाशन, पुणे | इ.स. १९७३ |
व्याधाची चांदणी | कथासंग्रह | रामकृष्ण प्रकाशन मंडळ, मुंबई | इ.स. १९४४ |
सौंदर्यानुभव | समीक्षा | मौज प्रकाशन | |
हिरवी उने | प्रवासवर्णन | पाॅप्युलर प्रकाशन, मुंबई | इ.स. १९६४ |
पुरस्कार
- साहित्य अकादमी पुरस्कार (इ.स. १९८२) – 'सौंदर्यानुभव' ग्रंथासाठी.
हा लेख/विभाग स्वत:च्या शब्दात विस्तार करण्यास मदत करा. |