"डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांचा जीवनक्रम" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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| align="left" | ‘‘भगवान बुद्धांचे चरित्र’’ हे पुस्तक वाचून [[बौद्ध धर्म|बौद्ध धर्माकडे]] पहिल्यांदा आकर्षीत |
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१२:१०, ११ मे २०१८ ची आवृत्ती
डॉ. बाबासाहेब अांबेडकर (१८९१-१९५६) यांचा जीवनक्रम खालीलप्रमाणे आहे.[१]
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जीवनक्रम
अ.क्र. | दिनांक / महिना | इसवी सन | वय वर्षे | घटना |
१ | १४ एप्रिल | १८९१ | ० | मध्यप्रदेशातील 'महू' गावी जन्म. |
२ | १८९६ | ५ | आई, भिमाईचे निधन | |
३ | ७ नोव्हेंबर | १९०० | ९ | साताऱ्याच्या सरकारी शाळेत (आजचे प्रतापसिंह हायस्कूल) १ल्या इंग्रजी इयत्तेत प्रवेश. |
४. | नोव्हेंबर | १९०४ | इयत्ता ४ थी उतीर्ण. | |
डिसेंबर | १९०४ | एलफिन्स्टन हायस्कूलमध्ये प्रवेश | ||
५. | एप्रिल | १९०६ | ९ वर्षीय रमाबाई यांच्याशी विवाह. | |
६. | १९०७ | ७५० पैकी ३८२ गुण मिळवून मॅट्रिक परीक्षा पास. केळुस्कर गुरूजींकडून "भगवान बुद्धांचे चरित्र" हे पुस्तक भेट. | ||
७. | ३ जानेवारी | १९०८ | एलफिन्स्टन महाविद्यालयात (मुंबई विद्यापीठ) प्रवेश | |
१९०८ | ‘‘भगवान बुद्धांचे चरित्र’’ हे पुस्तक वाचून बौद्ध धर्माकडे पहिल्यांदा आकर्षीत | |||
८. | ८ एप्रिल | १९०८ | रमाबाईंशी विवाह. | |
९. | १२ डिसेंबर | १९१२ | मुलगा यशवंत यांचा जन्म झाला. | |
१०. | जानेवारी | १९१३ | बी.ए. ची परीक्षा मुंबई विद्यापीठातून पास झाले. (पर्शियन आणि इंग्रजी हे विषय) | |
२ फेब्रुवारी | १९१३ | वडील रामजी आंबेडकर यांचे निधन | ||
११. | एप्रिल | १९१३ | बडोदा नरेश सयाजीराव गायकवाड यांनी अमेरीकेत उच्च शिक्षण घेण्यासाठी बाबासाहेबांची निवड केली | |
२० जुलै | १९१३ | न्यूयार्क शहरातील कोलंबिया विद्यापीठामध्ये प्रवेश | ||
१९१४ | अमेरीकेत लाला लजपतराय यांचेशी भेट | |||
१२. | २ जून | १९१५ | “प्राचीन भारतीय व्यापार” हा प्रबंध लिहून एम.ए. ची पदवी मिळवली. प्रमुख विषय अर्थशास्त्र होता समाजशास्त्र, इतिहास, तत्त्वज्ञान, मानववंशशास्त्र व राज्यशास्त्र हे अन्य विषय | |
१३. | जून | १९१६ | “नॅशनल डेव्हिडेंट ऑफ इंडिया –अ हिस्टॉरिकल ॲन्ड ॲनॅलिटिकल स्टडी “ हा प्रबंध कोलंबिया विद्यापीठ ने स्वीकारून पीएच.डी. पदवी प्रदान केली. लंडनला पुढील अभ्यासाकरिता रवाना. | |
९ मे | १९१९ | प्रा. गोल्डनवाईजर यांच्या मानववंशशास्त्र सेमिनार मध्ये कास्ट इन इंडिया हा वैचारिक प्रबंध वाचला | ||
१४. | ऑक्टोबर | १९१६ | अर्थशास्त्रच्या अभ्यासासाठी “लंडन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स ॲन्ड पोलिटिकल सायन्स” या संस्थेत प्रवेश मिळाला. | |
११ नोव्हेंबर | १९१६ | कायद्याच्या अभ्यासासाठी ग्रेज इन, लंडनमध्ये प्रवेश. | ||
१५. | जून | १९१७ | बडोदा संस्थानाच्या शिष्यवृत्तीची मुदत संपली, लंडनहून एम.एस्सी. (अर्थशास्त्र) या पदवीचा अभ्यास अपूर्ण ठेवून भारतात परत. | |
१६. | सप्टेंबर | १९१७ | बडोदा संस्थानाला दिलेल्या हमीपत्रानुसार सेवा करण्यासाठी बडोद्याला गेले. | |
१७. | १९१८ | साऊथ बॅरो कमिशनपुढे साक्ष | ||
१८. | १० नोव्हेंबर | १९१८ | मुंबईतील सिडनहँम महाविद्यालयात प्राध्यापक पदावर रुजू, (विषय- राजकीय अर्थशास्ञ). | |
१६ जानेवारी | इ.स. १९१९ | ‘महार’ या टोपण नावाने दि टाईम्स ऑफ इंडिया मध्ये लिखाण | ||
१९. | ३१ जानेवारी | इ.स. १९२० | साप्ताहिक मूकनायक सुरू केले | |
२०. | मार्च २१ | इ.स.१९२० | माणगाव, कोल्हापूर संस्थान येथे शाहू महाराज अध्यक्षपदी असलेल्या अस्पृश्य परिषदेत भाषण | |
२१. | मे | इ.स.१९२० | शाहू महाराज यांच्या अध्यक्षतेखाली नागपुरात भरलेल्या अस्पृश्यांच्या पहिल्या अखिल भारतीय परिषदेला उपस्थित राहिले. | |
५ जुलै | इ.स. १९२० | प्राध्यापक पदाचा राजीनामा देऊन उच्च शिक्षणासाठी लंडनला प्रयाण. | ||
इ.स. १९२० | बर्टाड रसेल यांनी “प्रिन्सिपल ऑफ सोशल रिकन्स्ट्रकशन” या विषयांवर चर्चेसाठी निमंत्रित केले. | |||
एप्रिल | १९२१ | “भारतातील जिम्मेदार सरकारचे उत्तरदायित्व” या विषयावर विद्यार्थी संघटनेसमोर पेपर वाचला. त्यांचे विचार प्रो. हेरॉल्ड लास्की या शिक्षकांना क्रांतिकारी वाटले. | ||
२२. | जून | इ.स.१९२१ | लंडन विद्यापीठाने त्यांना “प्रॉव्हिन्सीअल डीसेन्ट्रलायझेशन ऑफ इम्पेरीयल फायनान्स इन ब्रिटीश इंडिया” या प्रबंधाला एम.एस्सी. (अर्थशास्त्र) ही पदवी प्रदान केली. | |
एप्रिल | इ.स. १९२२ | उच्च शिक्षणासाठी जर्मनीतील बॉन विद्यापीठामध्ये गेले. | ||
२८ जून | इ.स. १९२२ | ग्रेज इन विद्यापीठाने बार-ॲट-लॉ (बॅरिस्टर ॲट लॉ) पदवी प्रदान केली. | ||
२३. | ऑक्टोंबर | इ.स.१९२२ | लंडन विद्यापीठात “दी प्रोब्लेम ऑफ रुपी” हा डी.एससी प्रबंध सादर केला . | |
२४. | एप्रिल | इ.स.१९२३ | जर्मनीतील बॉन विद्यापीठातील उच्च अध्ययन पूर्ण केले व भारतात परतले. | |
२५. | ऑगस्ट ४ | इ.स.१९२३ | बॉम्बे लेजिस्लेटीव्ह कौन्सिलने एस. के.बोले यांनी मांडलेला ठराव स्वीकारला, त्यानुसार अस्पृश्यांसाठी सार्वजनिक पाणवठे,विहिरी व धर्मशाळा वापरण्यास खुली करण्यात आली. | |
नोव्हेंबर | इ.स. १९२३ | लंडन विद्यापीठाने डी.एससी. प्रदान केली. | ||
२६. | जुलै २० | इ.स.१९२४ | मुंबईत दामोदर हॉलमध्ये घेण्यात आलेल्या एका बैठकीत बहिष्कृत हितकारिणी सभा स्थापन केली, घोषवाक्य – शिका, संघटित व्हा, संघर्ष करा. | |
४ जानेवारी | इ.स. १९२५ | उच्च शाळांत शिकणार्या अस्पृश्य विद्यार्थ्यांसाठी सोलापूरमध्ये वसतिगृह सुरु केले. | ||
१५ डिसेंबर | इ.स. १९२५ | हिल्ट यंगच्या अध्यक्षेसाठी(?) आलेल्या रॉयल कमिशन समोर साक्ष दिली. | ||
डिसेंबर | इ.स. १९२५ | |||
२७. | जानेवारी | इ.स.१९२७ | मुंबईच्या गव्हर्नरने बॉम्बे लेजिस्लेटीव्ह कौन्सिलवर नियुक्ती केली. | |
१ जानेवारी | इ.स. १९२७ | भिमा कोरेगांवच्या विजय स्तंभाला भेट दिली. महार सैनिकांना वंदन केले. | ||
मार्च | १९२७ | डॉ. आंबेडकरांनी [[समता सैनिक दल]ाची स्थापना केली. | ||
२८. | १९-२० मार्च | इ.स.१९२७ | डॉ. आंबेडकरांनी दलितांच्या मानवाधिकाराला प्रस्थापित करण्यासाठी चवदार तळे महाड सत्याग्रह केला. दि. २० ला त्यांनी तळ्याचे पाणी प्राषण केले व त्याचे इतर सत्याग्रहींनी अनुसरन केले. | |
३ एप्रिल | इ.स.१९२७ | डॉ. आंबेडकरांनी पाक्षिक ‘बहिष्कृत भारत’ सुरु केले. याचे संपादक स्वत: बाबासाहेब होते. | ||
२९. | एप्रिल ३ | इ.स.१९२७ | बहिष्कृत भारत नावाचे मराठी पाक्षिक सुरू केले. संपादकाची जबाबदारी त्यांनी स्वतःच स्वीकारली. | |
३ मे | इ.स. १९२७ | कल्याण जवळील बदलापुर गावांत आयोजित शिवाजी जयंती समारोह त्यांच्या अध्यक्षतेत संपन्न झाला. | ||
८ जून | इ.स.१९२७ | डॉ. आंबेडकरांच्या ‘इवोल्युशन ऑफ प्रोविन्सयल फायनन्स इन ब्रिटिश इंडिया’ या प्रबंधासाठी कोलंबिया विद्यापीठाने त्यांना डॉक्टर ऑफ फिलॉसॉफी (पीएच.डी.) पदवी विधिवत (व अधिकृतपणे) प्रदान केली. | ||
३०. | ऑगस्ट ४ | इ.स. १९२७ | महाड नगरपालिकेने इ.स.१९२४ साली स्वतःच पास केलेला ठराव रद्द केला. या ठरावाद्वारे नगरपालिकेने चवदार तळे अस्पृशांसाठी खुले केल्याचे जाहीर केले होते. | |
३१. | सप्टेंबर | इ.स.१९२७ | समाज समता संघ स्थापन केला. | |
३२. | ऑगस्ट | इ.स.१९२८ | बहिष्कृत हितकारिणी सभेतर्फे सायमन कमिशनला एक मागण्याचा खलिता सादर केला व त्यात डीस्प्रेड क्लासेसला संयुक्त मतदार संघ आणि राखीव जागांची मागणी केली. | |
३३. | ३ मार्च | इ.स. १९३० | नाशिक येथील काळाराम मंदिरात प्रवेश करण्यासाठी डॉ.बाबासाहेब आंबेडकरांच्या नेतृत्वाखाली सत्याग्रहाचा आरंभ झाला. हे आंदोलन ऑक्टोबर इ.स. १९३५ पर्यंत सुरु राहिले. | |
३४. | १७ ते २१ नोव्हेंबर | इ.स.१९३० | लंडन येथे भरलेल्या पहिल्या गोलमेज परिषदेत प्रभावी भाषणे केली. भारतीय अस्पृश्याच्या हक्काचे रक्षण करणारा खलिता तेथे सादर केला. | |
३५ | ऑगस्ट १४ | इ.स.१९३१ | मणिभवन मलबार हिल येथे आंबेडकर-गांधी भेट. | |
३६. | २० ऑगस्ट | इ.स.१९३२ | भारतातल्या जातीय प्रश्नावर ब्रिटीश प्रधानमंत्री यांनी निवडा जाहीर केला. ज्यात अस्पृशाना प्रांतिक विधानसभामध्ये वेगळ्या जागा आणि दोन मते देण्याचा हक्क मान्य केला. | |
३७. | २४ सप्टेंबर | इ.स.१९३२ | पुणे करारावर डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर यांनी स्वाक्षरी केली. | |
३८. | इ.स.१९३४ | परळ येथून दादरला राजगृह येथे राहण्यास गेले, कारण पुस्तकांसाठी जागा अपुरी पडत होती. | ||
३९. | मे २६ | इ.स.१९३५ | रमाई यांचे निधन | |
४०. | जून १ | इ.स.१९३५ | डॉ. आंबेडकरांची मुंबईच्या शासकीय विधी महाविध्यालयाच्या प्राचार्य पदी नेमणूक. | |
४१ | ऑक्टोबर १३ | इ.स.१९३५ | येवला, येथे धर्मांतराची घोषणा | |
४२ | ऑगस्ट | इ.स.१९३६ | “स्वतंत्र मजूर पक्ष” नावाच्या राजकीय पक्षाची स्थापना केली. | |
४३ | मार्च १८ | इ.स.१९३७ | मुंबई उच्च नायालयाने महाडच्या चवदार तळ्यातील पाणी भरण्याबाबतच्या,दीर्घकाळ रेंगाळलेल्या केसचा निकाल अस्पृशांच्या बाजूने दिला. | |
४४ | डिसेंबर | इ.स.१९४० | थॉट्स आॅन पाकिस्तान हे पुस्तक प्रसिद्ध | |
४५ | जुलै १८ | इ.स.१९४२ | आॅल इंडिया शेड्यूल कास्ट फेडरेशनची नागपूर येथे स्थापना. | |
४६ | जुलै २० | इ.स.१९४२ | व्हाइसरॉयच्या कार्यकारी मंडलावर मजूर खात्याच्या मंत्री म्हणून नेमणूक. | |
४७ | जून | इ.स.१९४५ | “व्हॉट काँग्रेस ॲन्ड गांधी हॅव डन टू दी अनटचेबल” या ग्रंथाचे प्रकाशन | |
४८ | जून २० | इ.स.१९४५ | डॉ.बाबासाहेब आंबेडकरांनी मुंबईत दी पीपल्स एजुकेशन सोसायटी तर्फे सिद्धार्थ महाविद्यालयाची स्थापना केली. | |
४९ | ऑक्टोबर | इ.स.१९४६ | “हू वेअर दी शुद्राज” या ग्रंथाचे प्रकाशन. डॉ.आंबेडकर बंगालमधून घटनासमितीवर निवडून गेले. | |
५० | ऑगस्ट २९ | इ.स.१९४७ | स्वतंत्र भारताच्या राज्यघटनेचे लेखन करण्यासाठी “मसुदा समितीच्या” अध्यक्षपदी नियुक्ती | |
५१ | फेब्रुवारी | इ.स.१९४८ | घटनेच्या मसुद्याचे लेखन पूर्ण. | |
५२ | एप्रिल १५ | इ.स.१९४८ | डॉ.शारदा कबीर यांच्याशी नवी दिल्ली येथे विवाह. | |
५३ | नोव्हेंबर ४ | इ.स.१९४८ | डॉ.बाबासाहेब आंबेडकरांनी घटना समितीपुढे घटनेचा मसुदा सादर केला. | |
५४ | सप्टेंबर १ | इ.स.१९५० | मिलिंद महाविद्यालय औरंगाबाद ची कोनशीला डॉ.राजेंद्र प्रसाद यांच्या हस्ते बसवण्यात आली. | |
५५ | फेब्रुवारी ५ | इ.स.१९५१ | भारतीय संसदेपुढे हिंदू कोड बील मांडले. | |
५६ | जुलै | इ.स.१९५१ | भारतीय बुद्ध जनसंघ या संस्थेची स्थापना | |
५७ | सप्टेंबर २७ | इ.स.१९५१ | मंत्रीमंडळातील पदाचा राजीनामा, मुंबई राज्यातून राज्यसभेवर निवड. | |
५८ | जून ५ | इ.स.१९५२ | कोलंबिया विद्यापीठाने डॉक्टर ऑफ लॉ(एल एल डी) ही पदवी प्रदान केली. | |
५९ | जानेवारी १२ | इ.स.१९५३ | हैदराबाद येथील उस्मानिया विद्यापीठाने डॉक्टर ऑफ लिटरेचर(डी.लिट) ही पदवी प्रदान केली . | |
६० | डिसेंबर | इ.स.१९५४ | ब्रम्हदेशातील रंगून येथे भरलेल्या तिसर्या आंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिषदेत सहभाग. | |
६१ | मे | इ.स.१९५६ | बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडियाची मुंबईत स्थापना. प्रबुद्ध भारत हे साप्ताहिक सुरू केले | |
६२ | जून | इ.स.१९५६ | पीपल्स एजुकेशन सोसायटीने मुंबईत सिद्धार्थ विधी महाविद्यालय सुरू केले. | |
६३ | ऑक्टोबर १४ | इ.स.१९५६ | नागपूर येथे महास्थवीर चन्द्रमणी यांच्या कडून बौद्ध धम्म दीक्षा;बौद्ध धम्म स्विकार केला. | |
६४ | ऑक्टोबर १५ | इ.स.१९५६ | डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर यांनी आपल्या लाखो अनुयायांना नागपूर येथे बुद्ध धम्माची दीक्षा दिली. | |
६५ | नोव्हेंबर | इ.स.१९५६ | नेपाल येथील काठमांडू येथे भरलेल्या जागतिक बौद्ध परिषदेत भाग घेतला.तेथे बुद्ध व कार्ल मार्क्स या विषयावर भाषण केले. | |
६६ | डिसेंबर ६ | इ.स.१९५६ | नवी दिल्ली येथे अलीपूर रोड निवास्थानी डॉ.आंबेडकरांचे महापरिनिर्वाण |
हे सुद्धा पहा
संदर्भ
- ^ "महामानवाचा जीवनपट !". Loksatta. 2018-04-14. 2018-05-10 रोजी पाहिले.