"वसंतराव राजूरकर" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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वसंतराव राजूरकर (जन्म : [[ग्वाल्हेर]], २४ एप्रिल, इ.स. १९३२; मृत्यू : [[हैदराबाद]], १२ फेब्रुवारी, इ.स. २०१६) हे एक ग्व्ल्हेर घराण्याचे भारतीय शास्त्रीय संगीत गाणारे मराठी गायक होते. गायिका मालिनी राजूरकर या त्यांच्या पत्नी. त्यांना दोन कन्या आहेत. |
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वसंतरावांनी गायन शाळेत संगीत विशारद केले. पुढे त्यांचे काका (गायक गोविंदराव राजूरकर) प्राचार्य असलेल्या अजमेरच्या संगीत महाविद्यालयात वसंतरावांनी पुढचे शिक्षण घेतले. पं. [[राजाभैय्या पूंछवाले]] यांच्या घरी दर गुरुवारी होणार्या बैठकीमध्ये वसंतराव तंबोर्याची साथ करताकरता गाऊ लागले. |
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पुढे हैदराबाद येथील म्युझिक कंपनीमध्ये नोकरी स्वीकारून वसंतराव १९५४ मध्ये तेथेच स्थायिक झाले. अजमेर येथे काकांकडे गेल्यानंतर त्यांची शिष्या मालिनी वैद्य यांच्याशी वसंतरावांचा परिचय झाला आणि पुढे हे दोघेही विवाहबद्ध झाले. |
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== पूर्वायुष्य == |
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== सांगीतिक कारकीर्द == |
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== संगीत ध्वनिमुद्रिका == |
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== पुरस्कार व सन्मान== |
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==वसंतराव राजूरकरांचे शिष्य== |
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धृपद, ख्याल, टप्पा, बंदिशची ठुमरी, ठायीची ठुमरी, तराणा, त्रिवट, चतरंग, रासख्याल, उपख्याल, अष्टपदी वगैरे विव्ध संग्र्र्तप्रकारांवर प्रभुत्व असलेल्या वसंतराव राजूरकर यांनी अखेरपर्यंत विद्यादान केले. हैदराबादच्या संगीत महाविद्यालयाते ते अध्यापक होते. |
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आराधना कर्हाड-शास्त्रीे, कल्पना झोकरकर, नितीन वेलणकर, प्रभा लिमये, मालिनी वैद्य राजूरकर, मुक्ता धर्म, वगैर त्यांचे शिष्य होत. |
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[[वर्ग:भारतीय शास्त्रीय गायक|राजूरकर, वसंतराव]] |
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[[वर्ग:मराठी गायक|राजूरकर, वसंतराव]] |
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००:३५, १८ फेब्रुवारी २०१६ ची आवृत्ती
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वसंतराव राजूरकर | |
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आयुष्य | |
जन्म | २४ एप्रिल.१९३२ |
जन्म स्थान | ग्वाल्हेर (भारत) |
मृत्यू | १२ फेब्रुवारी, २०१६ |
मृत्यू स्थान | हैदराबाद |
मृत्यूचे कारण | दीर्घ आजार व वृद्धापकाळ |
व्यक्तिगत माहिती | |
धर्म | हिंदू |
नागरिकत्व | भारतीय |
मूळ_गाव | ग्वाल्हेर |
देश | भारत |
भाषा | मराठी |
पारिवारिक माहिती | |
जोडीदार | मालिनी राजूरकर (पत्नी) |
अपत्ये | दोन कन्या |
संगीत साधना | |
गायन प्रकार | गायन |
संगीत कारकीर्द | |
पेशा | गायकी |
वसंतराव राजूरकर (जन्म : ग्वाल्हेर, २४ एप्रिल, इ.स. १९३२; मृत्यू : हैदराबाद, १२ फेब्रुवारी, इ.स. २०१६) हे एक ग्व्ल्हेर घराण्याचे भारतीय शास्त्रीय संगीत गाणारे मराठी गायक होते. गायिका मालिनी राजूरकर या त्यांच्या पत्नी. त्यांना दोन कन्या आहेत.
वसंतरावांनी गायन शाळेत संगीत विशारद केले. पुढे त्यांचे काका (गायक गोविंदराव राजूरकर) प्राचार्य असलेल्या अजमेरच्या संगीत महाविद्यालयात वसंतरावांनी पुढचे शिक्षण घेतले. पं. राजाभैय्या पूंछवाले यांच्या घरी दर गुरुवारी होणार्या बैठकीमध्ये वसंतराव तंबोर्याची साथ करताकरता गाऊ लागले.
पुढे हैदराबाद येथील म्युझिक कंपनीमध्ये नोकरी स्वीकारून वसंतराव १९५४ मध्ये तेथेच स्थायिक झाले. अजमेर येथे काकांकडे गेल्यानंतर त्यांची शिष्या मालिनी वैद्य यांच्याशी वसंतरावांचा परिचय झाला आणि पुढे हे दोघेही विवाहबद्ध झाले.
वसंतराव राजूरकरांचे शिष्य
धृपद, ख्याल, टप्पा, बंदिशची ठुमरी, ठायीची ठुमरी, तराणा, त्रिवट, चतरंग, रासख्याल, उपख्याल, अष्टपदी वगैरे विव्ध संग्र्र्तप्रकारांवर प्रभुत्व असलेल्या वसंतराव राजूरकर यांनी अखेरपर्यंत विद्यादान केले. हैदराबादच्या संगीत महाविद्यालयाते ते अध्यापक होते.
आराधना कर्हाड-शास्त्रीे, कल्पना झोकरकर, नितीन वेलणकर, प्रभा लिमये, मालिनी वैद्य राजूरकर, मुक्ता धर्म, वगैर त्यांचे शिष्य होत. वर्गःइ.स. २०१६ मधील मृत्यू