"तैत्तिरीय उपनिषद्" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
Content deleted Content added
छो →भृगुवल्ली: removing साचा:सोळा संस्कार where not relevant using AWB |
छो →भृगुवल्ली: removing साचा:हिंदू कालमापन where not directly relevant using AWB |
||
ओळ १७: | ओळ १७: | ||
{{साचा:हिंदू देवता आणि साहित्य}} |
{{साचा:हिंदू देवता आणि साहित्य}} |
||
{{साचा:हिंदू कालमापन}} |
|||
[[वर्ग:हिंदू धर्म]] |
[[वर्ग:हिंदू धर्म]] |
१८:४०, ६ ऑगस्ट २०११ ची आवृत्ती
हिंदू धर्मग्रंथावरील लेखमालेचा भाग | |
वेद | |
---|---|
ऋग्वेद · यजुर्वेद | |
सामवेद · अथर्ववेद | |
वेद-विभाग | |
संहिता · ब्राह्मणे | |
आरण्यके · उपनिषदे | |
उपनिषदे | |
ऐतरेय · बृहदारण्यक | |
ईश · तैत्तरिय · छांदोग्य | |
केन · मुंडक | |
मांडुक्य ·प्रश्न | |
श्वेतश्वतर ·नारायण | |
कठ | |
वेदांग | |
शिक्षा · छंद | |
व्याकरण · निरुक्त | |
ज्योतिष · कल्प | |
महाकाव्य | |
रामायण · महाभारत | |
इतर ग्रंथ | |
स्मृती · पुराणे | |
भगवद्गीता · ज्ञानेश्वरी · गीताई | |
पंचतंत्र · तंत्र | |
स्तोत्रे ·सूक्ते | |
मनाचे श्लोक · रामचरितमानस | |
शिक्षापत्री · वचनामृत |
तैत्तिरिय हे उपनिषद हे जूने शांकरभाष्य असलेले उपनिषद आहे.
हे तैत्तिरिय शाखेशी संबंधित आहे. हे तीन भागात मांडलेले आहे. या भागांना वल्ली असे म्हंटले जाते.
या वल्ली पूढील प्रमाणे.
शीक्षावल्ली
हा वेदांगांचा पहिला भाग आहे. यातल्या पहिल्या अनुवाकाची सुरुवात शांतीमंत्राने होते. दुसरा अनुवाक हा शीक्षावल्लीची अनुक्रमणिका आहे.
ब्रह्मानंदवल्ली
भृगुवल्ली
ही वल्ली वरूणाच्या मुलाने, भृगुने तपश्चर्येने व वरूणाच्या कृपेने ब्राह्मणत्व कसे मिळविले याचे वर्णन आहे.
हा लेख/विभाग स्वत:च्या शब्दात विस्तार करण्यास मदत करा. |
वेद | |
---|---|
ऋग्वेद • यजुर्वेद •सामवेद • अथर्ववेद |