तैत्तिरीयोपनिषद
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तैत्तिरीय हे उपनिषद हे जुने शांकरभाष्य असलेले उपनिषद आहे.
हे यजुर्वेदाच्या तैत्तिरीय शाखेशी संबंधित आहे. हे तीन भागात मांडलेले आहे. या भागांना वल्ली असे म्हंटले जाते.
या वल्ली पुढील प्रमाणे.
शिक्षावल्ली[संपादन]
हा वेदांगांचा पहिला भाग आहे.
यातल्या पहिल्या अनुवाकाची सुरुवात शांतिमंत्राने होते.
दुसरा अनुवाक् हा शिक्षावल्लीची अनुक्रमणिका आहे.
ब्रह्मानंदवल्ली[संपादन]
भृगुवल्ली[संपादन]
या वल्लीमध्ये वरुणाच्या मुलाने, भृगूने तपश्चर्येने व वरुणाच्या कृपेने ब्राह्मणत्व कसे मिळविले याचे वर्णन आहे.
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