रामचरितमानस
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रामचरितमानस हे तुलसीदासांनी लिहिलेले रामायण आहे. त्यातील सुंदरकांड हे वर्णन फार प्रभावी आहे. हा ग्रंथ तुलसीदासांनी सव्वीस दिवसात लिहून पुर्ण केला असे मानतात. रामचरितमानस या ग्रंथाची मराठी, बंगाली, इंग्लिश, रशियन व अनेक यूरोपीय भाषांत भाषांतरे झाली आहेत.
स्वरूप[संपादन]
या ग्रंथाच्या रचनेमागची प्रस्तावना तुलसीदासांनी सुरुवातीला मांडली आहे. रामचरितमानस हे चरित्रकाव्य आहे. या ग्रंथातही सात कांडे आहेत. रामकथेला सुरूवात करण्यापूर्वी रावणाच्या काही पूर्वजन्मांच्या व रामाच्या पूर्वावतारांच्या कथा सांगितल्या आहेत. कथा निरुपण करण्यावर यात जास्त भर आहे. रामलीला या उत्सवाचा प्रारंभ रामचरितमानासामुळेच झाला असे मानले जाते.
प्रमुख विभाग[संपादन]
- बालकाण्ड
- अयोध्याकाण्ड
- अरण्यकाण्ड
- किष्किन्धाकाण्ड
- सुन्दरकाण्ड
- लंकाकाण्ड
- उत्तरकाण्ड
विकिस्त्रोत[संपादन]
संपुर्ण रामचरित मानस उपलब्ध
बाह्य दुवे[संपादन]
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