शक्तिपीठे
महादेवाची प्रथम पत्नी सती हीची अनेक मंदिरे शक्तिपीठे म्हणून ओळखली जातात.
आख्यायिका
[संपादन]सतीची मंदिरे म्हणजे शक्तीपीठे. त्यासंबंधी विविध कथा प्रचलित आहेत उदा सतिचा प्रजापती दक्ष याने आयोजित केलेल्या यज्ञात दक्षाने सतीचा पती असलेल्या शिवशंकरांचा अपमान केल्याने शिव पत्नी सतीने यज्ञात उडी मारून आत्मदहन केले. हे समजल्यावर रागावलेल्या शिवाने वीरभद्रास आज्ञा करून यज्ञाचा विध्वंस केला. शोकाकुल अवस्थेत पत्नी सतीचे प्रेत घेऊन शिव सैरावैरा फिरू लागले. या भ्रमंतीत सतीच्या शरीराचे विविध अवयव ज्या ज्या ठिकाणी पडले त्या त्या ठिकाणी शक्तीपीठे निर्माण झाली. या पौराणिक कथेतून भारतभरातील देवीची विविध मंदिरे एकाच आदिशक्तीची पार्वतीची रुपे मानली गेली आहे.शक्तिपीठांच्या या ठिकाणांविषयी व त्यांच्या संख्येविषयी मतभिन्नता आढळते. ही संख्या कोठे १०८ तर काही लिखाणात ५१, ५२, ५५ किंवा ६४ अशी दिली आहे. देवीभागवतामधे पुढील १०८ पीठांमधील देवतांचा उल्लेख आहे. पैकी महाराष्ट्रात कोल्हापूरची महालक्ष्मी ऊर्फ अंबाबाई, तुळजापूरची भवानी, माहूरची रेणुका ही तीन पूर्ण पीठे आणि वणीची सप्तशृंगी हे अर्धे अशी साडेतीन शक्तिपीठे आहेत.
याद्या
[संपादन]१०८ शक्तिपीठे
[संपादन]१) विश्वलाक्षी २) लिंगधारिणी ३) ललिता ४) कामाक्षी ५)पद्माक्षी रेणुका ६) गोमती ७) कामचारणी ८) मदोत्कटा ९) जयंती १०) गौरी ११) रंभा १२) कार्तीमती १३) विश्वेश्वरी १४) पुरूहुता १५) सन्मार्गदायिनी १६) नंदा १७) भद्रकर्णिका १८) भवानी १९) बिल्वपत्रिका २०) माधवी २१) भद्रा २२) जया २३) कमला २४) रुद्राणी २५) काली २६) कपिला २७) महादेवी २८) जलप्रिया २९) मुकुटेश्वरी ३०) कुमारी ३१) ललिताअंबिका ३२) मंगला ३३) उत्पलाक्षी ३४) महोत्पला ३५) आमोक्षादी ३६) पाडळा ३७) नारायणी ३८) रुद्रसुंदरी ३९) विपुला ४०) कल्याणी ४१) एकवीरा ४२) चंद्रिका ४३) रमणा ४४) मृगावती ४५) कोटवी ४६) सुगंधा ४७) त्रिसंध्या ४८) रतिप्रिया ४९) शुभानंदा ५०) नंदिनी ५१) रुक्मिणी ५२) राधा ५३) देवकी ५४) परमेश्वरी ५५) सीता ५६) विंध्यवासिनी ५७) महालक्ष्मी ५८) उमा ५९) आरोग्या ६०) माहेश्वरी ६१) अभया ६२) नितंबा ६३) मांडवी ६४) रेणुका ६५) प्रचंडा ६६) चंडिका ६७) वरारोहा ६८) पुष्करावती ६९) देवमाता ७०) परावरा ७१) महाभागा ७२) पिंगळेश्वरी ७३) सिहिका ७४) अतिशांकरी ७५) उत्पला ७६) लोला ७७) लक्ष्मी ७८) अनंगा ७९) विश्वमुखी ८०) तारा ८१) पुष्टी ८२) मेधा ८३) भीमा ८४) तुष्टी ८५) शुद्धिकाया ८६) माता ८७) धरा ८८) धृती ८९) कळा ९०) शिवधारिणी ९१) अमृता ९२) उर्वशी ९३) औषधी ९४) कुशोदका ९५) मन्मंथा ९६) सत्यवादिनी ९७) निधी ९९) गायत्री १००) पार्वती १०१) इंद्राणी १०२) सरस्वती १०३) प्रभा १०४) वैष्णवी १०५) अरुंधती १०६) तिलोतमा १०७) विमला १०८) ब्रह्मकला
६४ शक्तिपीठे
[संपादन]देवी/पार्वती/शक्ति यांची ६३ पीठे पुढीलप्रमाणे:
खालील यादीत :
- शक्ति म्हणजे देवी दाक्षायणी किंवा सती म्हणजे पार्वती किंवा दुर्गा यांचे रूप.
- भैरव म्हणजे शिवाचे एक रूप.
- शरीराचा भाग किंवा दागिना म्हणजे शरीराचा जो भाग किंवा अंगावरचा जो दागिना पृथ्वीवर पडला, आणि ज्यावर तेथे मंदिर बांधण्यात आले, तो.
क्र. | स्थान | भारतातील राज्य/देश | शरीराचा भाग किंवा दागिना | शक्ति | भैरव |
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१ | अमरनाथ, श्रीनगरपासून पहलगाममार्गे ९४ किमी बसने, चंदनवारी व तेथून १६ किमी पायी | जम्मू आणि काश्मीर | गळा | महामाया | त्रिसंध्येश्वर |
२ | अंबाजी, अनर्त गावाजवळ | गुजरात | हृदय | अंबाजी | बटुकभैरव |
३ | अर्बुद देवी, माउंट अबूपाशी, | राजस्थान | अधर (ओठ) | अर्बुद देवी किंवा अधर देवी | भैरव |
४ | अट्टाहास, वर्धमान जिल्ह्यातील दक्षिणदिही गावाजवळ, कटवा रेल्वे स्थानकानजिक. | पश्चिम बंगाल | ओठ | फुलारा | विश्वेश |
५ | बहुचरामाता, बेचराजी येथे | गुजरात | डावाहात | बहुचरामाता | कालभैरव |
६ | बहुला, अजय नदीकिनारी केतुग्राम, कटव्याहून ८ किमी बर्दवान | पश्चिम बंगाल | डावाहात | बहुला देवी | भिरुक |
७ | वक्रेश्वर,पापहरा नदीकिनारी, सिउरी शहरापासून २४ किमी वीरभूम जिल्हा, ७ किमी दुब्राजपूर रेल्वे स्थानकापासून | पश्चिम बंगाल | भुवयांमधील भाग | महिषमर्दिनी | वक्रनाथ |
८ | कावाडे, अलिबाग(श्रीबाग) मधे | महाराष्ट्र | वरचे दात भाग | पद्माक्षी किंवा नारायणी शक्तीपीठ | सम्हारा |
९ | भैरवपर्वत, भैरव पर्वतावर क्षिप्रा नदीकिनारी उज्जैन शहरात | मध्य प्रदेश | वरचा ओठ | अवंती | लंबकर्ण |
१० | भाबनीपूर करतोयातत येथे , २८ किमी अंतरावर आतील भागात, शेरपूर उपजिल्हा, बोग्रा जिल्हा | बांगलादेश | डावे पैंजण (दागिना) | अर्पणा | वामन |
११ | चंडिका स्थान किंवा चंडिस्थान, मुंगेर मंदिर येथे,गंगाकिनारी, गंगादर्शनजवळ. | बिहार | डावा डोळा | चंडिका किंवा चंडीदेवी | भोलेशंकर |
१२ | चिंतापूर्णी किंवा छिन्नमस्तिका, उना जिल्हा, हिमाचल प्रदेश, अंब अंदौरा रेल्वे स्थानकापासून २० किमी, चंदीगडपासून १५० किमी. | हिमाचल प्रदेश | पावले | छिन्नमस्तिका देवी | रुद्र महादेव |
१३ | दंतेश्वरी (बस्तर जिल्ह्याची कुलदेवी), दंतेवाडा, जगदलपूर पासून ८० किमी | छत्तीसगड | दात | दंतेश्वरी | कपालभैरव |
१४ | गंडकी, पोखराहून गंडकी नदीकिनारी १२५ किमी. येथे मुक्तिनाथ मंदिर आहे. | नेपाळ | ? | गंडकी चंडी | चक्रपाणी |
१५ | देवी सप्तशृंगी (अठरा भुजा असलेली),वणी नाशिक जिल्ह्यात | महाराष्ट्र | हनुवटी (२भाग) | भ्रामरी | विकृताक्ष |
१६ | हिंगलाज (किंवा हिंगुळा), दक्षिणबलुचिस्तान, ग्वादार पासून ईशान्येस काही तासाचा प्रवास व कराचीच्या वायव्येस सुमारे १२५ किमी. | पाकिस्तान | ब्रम्हरंध्र (डोक्याचा भाग) | कोट्टारे | भीमलोचन |
१७ | जयंती, नारटियांग गावाजवळ, जयंतिया हिल्स जिल्हा. या शक्तिपीठास नारटियांग दुर्गा मंदिर या स्थानिक नावाने ओळखले जाते. | मेघालय | डावी मांडी | जयंती | क्रमादिश्वर |
१८ | जेशोरेश्वरी, ईश्वरीपूर, श्यामनगर, सातखिरा जिल्हा. ईश्वरीपूर राजधानी असलेल्या राजा प्रतापदित्याने या मंदिराचे बांधकाम केले. | बांगलादेश | हाताचे पंजे व तळपाय | जेशोरेश्वरी | चंड |
१९ | ज्वालाजी, कांगरा पठाणकोट येथून ज्वालामुखी रोड स्थानकावरून २० किमी वर. | हिमाचल प्रदेश | जीभ | सिद्धिदा (अंबिका) | उन्मत्त भैरव |
२० | कालीपीठ, (कालीघाट, कलकत्ता) | पश्चिम बंगाल | उजव्या पायाची बोटे | कालिका | नकुलेश्वर |
२१ | कलमाधव, शोन नदीकिनारी, एका गुहेत अमरकंटकजवळच्या पर्वतावर. | मध्य प्रदेश | डावा पृष्ठभाग | काली | असितांग |
२१ | कामगिरी, कामाख्या, नीलांचल पर्वतावर, गोहत्तीजवळ | आसाम | गुप्तांग | कामाख्या | उमानंद |
२३ | कांचीपूरम, कामाक्षी मंदिर, कामकोटी पीठ- ललितासहस्रम् यात वर्णन केल्याप्रमाणे. | तमिळनाडू | कंबरपट्टा (ओटियान) | कामाक्षी | कालभैरव |
२४ | कंकालीतला,कोपै नदीकिनारी, वीरभूम जिल्ह्यातील बोलपूर रेल्वे स्थानकाच्या ईशान्येस १० किमी. स्थानिक नाव कंकालेश्वरी. | पश्चिम बंगाल | हाड | देवगर्भ | रुरु |
२५ | कन्याश्रम बालांबिका - कन्याकुमारीत भगवती मंदिर, भारताचे सर्वात शेवटचे दक्षिण टोक तमिळनाडू. तमिळनाडू (हे स्थान चितगांव, बांगलादेश येथे आहे असेही एक मत आहे) | तमिळनाडू | पाठ | सर्वणी | निमिष |
२६ | कर्नात, कांग्रा | हिमाचल प्रदेश | दिन्ही कान | जयदुर्गा | अभिरु |
२७ | किरीटयेथे किरीटकोना गावाजवळ,मुशिराबाद जिल्ह्यातील लालबाग कोर्ट रोड रेल्वे स्थानकापासून ३ किमी. | पश्चिम बंगाल | मुकुट | विमला | संवर्त |
२८ | स्थानिक नाव - आनंदमयी मंदिर. रत्नावली येथे,रत्नाकर नदीकिनारी, खानकु-कृष्णसागर येथे,हुगळी जिल्हा. | पश्चिम बंगाल | उजवा खांदा | कुमारी | शिव |
२९ | स्थानिक नाव - भ्रामरी देवी.जलपैगुडीत, बोडा गावाजवळ तिस्ता नदीकिनारी किंवा त्रिस्त्रोत (पुराणातील नाव) | पश्चिम बंगाल | डावा पाय | भ्रामरी | अंबर |
३० | मानस,तिबेटमधील कैलास पर्वताच्या पायथ्याशी मानससरोवरमध्ये असलेला एक दगडाचा तुकडा. | तिबेट | उजवा हात | दक्षायनी | अमर |
३१ | मणिबंध,गायत्री पर्वतावर पुष्करजवळ, अजमेरच्या वायव्येस ११ किमी. | राजस्थान | दोन मणिबंध | गायत्री | सर्वानंद |
३२ | मिथिला, जनकपूर रेल्वे स्थानकाजवळ, भारत व नेपाळ यांच्या सीमेवर. | नेपाळ | डावा खांदा | उमा | महोदर |
३३ | नैनाटिवु (मनिपल्लवम्), उत्तर प्रांत,श्रीलंका. जाफना राज्याच्य जून्या राजधानीपासून ३६ किमी वर स्थित, नल्लुर.या मूर्तीची पूजा इंद्र करीत होता असे मानल्या जाते.रामायणातील राम व रावण यांनीही या देवतेची पूजा केली असे मानतात.महाभारतातील नाग व गरुड यांचे आपसातील हाडवैर या देवतेच्या पूजनानंतर संपुष्टात आले असा समज आहे. | श्री लंका | पैंजण | इंद्राक्षी (नागपूषणी / भुवनेश्वरी) | राक्षसेश्वर (नयनार) |
३४ | नलहाती, नलतेश्वरी मंदिर म्हणून, नलहाती स्थानकाजवळ वीरभूम जिल्हा | पश्चिम बंगाल | स्वरयंत्र व श्वासनलिकेचा भाग | कलिका देवी | योगेश |
३५ | नेपाळ, पशुपतीनाथ मंदिराजवळ, गुह्येश्वरी मंदिरयेथे. | नेपाळ | जांघ | गुह्येश्वरी देवी | कपाली |
३६ | चंद्रनाथ पर्वतावर,सीताकुंड स्थानक येथे, चित्तगाँग जिल्हा, बांगलादेश. प्रख्यात चंद्रनाथ मंदिर याच्या पर्वतावर या शक्तिपीठाचे भैरव मंदिर आहे. | बांगलादेश | उजवा हात | भवानी | चंद्रशेखर |
३७ | पद्मावती देवी (पद्मावतीपुरी धाम), Panns? सतन्याहून ८० किमी | मध्य प्रदेश | पद्म | पद्मावती देवी | कपालभैरव |
३८ | पंचसागर नेमके स्थान माहित नाही,बहुदा हरिद्वारजवळ. | उत्तराखंड | खालचे दात | वराही | महारुद्र |
३९ | पाटण देवी, पटणा येथे. | बिहार | कपड्यासह डावा खांदा | बडी पाटण देवी/छोटी पाटण देवी | भैरव |
४० | प्रभास, वेरावळ स्थानकापासून ४ किमी.जूनागढ जिल्ह्यात सोमनाथ मंदिर. | गुजरात | पोट | चंद्रभग | वक्रतुंड |
४१ | प्रयाग, अलाहाबादच्या संगमाजवळ. | उत्तर प्रदेश | हाताचे बोट | अलोपी देवी मंदिर किंवा माध्वेश्वरी | भव |
४२ | सद्य कुरुक्षेत्र शहर किंवा थानेसर जुने स्थानेश्वर | हरयाणा | घोट्याचे हाड | सावित्री/भद्रकाली | स्तनु |
४३ | रामगिरी,चित्रकूट येथे, झांशी माणिकपूर रेल्वेमार्गावर | उत्तर प्रदेश | उजवा स्तन | शिवानी | चंद्र |
४४ | सैंथिया, स्थानिक नाव - नंदिकेश्वरी मंदिर. परकोटात असलेल्या वडाच्या झाडाखाली, रेल्वे स्थानकापासून फक्त १.५ किमी.वीरभूम जिल्हा | पश्चिम बंगाल | गंडमाळा (कंठसूत्र) | नंदिनी | नंदिकेश्वर |
४५ | सर्वशैल किंवा गोदावरीतीर,कोटलिंगेश्वर मंदिर येथे,राजमुंद्रीजवळ, गोदावरी नदीच्या तीरावर. | आंध्र प्रदेश | गाल | राखिनी किंवा विश्वेश्वरी | वत्सनाभ किंवा दंडपाणी |
४६ | शिवहरकारय,कराचीजवळच्या सुक्कुर स्थानकापासून थोडे दूर. | पाकिस्तान | डोळे | महिषमर्दिनी | क्रोधिष |
४७ | शोनदेश, अमरकंटकमधील नर्मदा नदीच्या उगमाजवळ. | मध्य प्रदेश | उजवा पृष्ठभाग | नर्मदा | भद्रसेन |
४८ | श्री पार्वती, लडाखजवळ, जम्मू आणि काश्मीर. दुसरी श्रद्धा:श्रीपर्वत पर्वतावरील श्रीशैलम येथे.कुर्नूलजिल्हा. | आंध्र प्रदेश | उजव्या पायातील पैंजण(दागिना) | श्रीसुंदरी | सुंदरानंद |
४९ | श्री शैल,जोनीपूर गाव येथे, दक्षिण सुरमा, गोतटीकर जवळ, सिल्हेट शहरापासून ३ किमी ईशान्येस. | बांगलादेश | गळा | महालक्ष्मी | सांबरानंद |
५० | शुची,सुचिंद्रमयेथे असलेल्या शिव मंदिरात, कन्याकुमारी त्रिवेंद्रम रस्त्यावर ११ किमी दूर. | तमिळनाडू | वरचे दात | नारायणी | संहार |
५१ | सुगंध, शिकारपूर मध्ये, गौरनदी,बरीसाल शहरापासून सुमारे २० किमी. बांगलादेश, सोंडा नदीच्या किनारी. | बांगलादेश | नाक | सुगंध | त्र्यंबक |
५२ | उदयपूर, त्रिपुरा, त्रिपुरसुंदरी मंदिर या पर्वतावर, राधाकिशोरपूर गावाजवळ, [[उदयपूर, त्रिपुरा|उदयपूर] शहरापासून थोड्याच अंतरावर | त्रिपुरा | उजवा पाय | त्रिपुरसुंदरी | त्रिपुरेष |
५३ | उज्जनी, गुस्कारा स्थानकापासून १६ किमी, बर्दवानी जिल्ह्यात. | पश्चिम बंगाल | उजवे मनगट | मंगल चंडिका | कपिलांबर |
५४ | वज्रेश्वरी मंदिर, कांग्रा, धर्मशाळा तहसिलीपासून १८ किमी, कांग्रा | हिमाचल प्रदेश | डावा स्तन | वज्रेश्वरी | कालभैरव |
५५ | वाराणसी, मणिकर्णिका घाट येथे, गंगा नदीकिनारी काशीला | उत्तर प्रदेश | कर्णकुंडले | विशालाक्षी व मणिकर्णी | कालभैरव |
५६ | विभास, तामलुक पूर्व मेदिनीपूर जिल्ह्यात. | पश्चिम बंगाल | डावा घोटा | कपालिनी (भिमरूप) | सर्वानंद |
५७ | विराट,भरतपूर जवळ. | राजस्थान | डाव्या पायाची बोटे | अंबिका | अमृतेश्वर |
५८ | वृंदावन,बस स्थानकाजवळ,भूतेश्वर रस्त्यावर, भूतेश्वर मंदिर परिसरात, कात्यायनीपीठ. वृंदावन | उत्तर प्रदेश | केसांच्या कड्या | उमा | भूतेष |
५९ | दंतकाली धरण येथे | नेपाळ | दात | दंतकाली देवी | भैरव |
६० | चंडि मंदिर, मेमरी रेल्बे स्थानक येथे बर्दवानजिल्ह्यात | पश्चिम बंगाल | छोटे आतडे | मा चंडी | शिव |
६१ | सरकुंडा,मसुरीहून ४४ किमी व नवीन टेहरीपासून २५ किमी बसने. टेहरी गढवाल जिल्हा.
उत्तराखंड |
डोक्याचा भाग | ? | ? | |
६२ | सुरकंडा मंदिर नवीन टेहरी येथे, टेहरी गढवाल जिल्ह्यात | उत्तराखंड | डोक्याचा भाग | मा सुरकंडा | कालभैरव |
६३ | तारापीठ बीरभूम जिल्हा | पश्चिम बंगाल | ३रा डोळा |