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"कौरव" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक

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| १. [[दुर्योधन]] || २. [[युयुत्स]] || ३. [[दुःशासन]] || ४. [[दुस्सल]] || ५. [[दुश्शल]] || ६. [[जलसंघ]] || ७. [[सम]] || ८. [[सह]] || ९. [[विंद]] || १०. [[अनुविन्द]]
| १. [[दुर्योधन]] || २. [[युयुत्स]] || ३. [[दुःशासन]] || ४. [[दुस्सल]] || ५. [[दुश्शल]] || ६. [[जलसंघ]] || ७. [[सम]] || ८. [[सह]] || ९. [[विंद]] || १०. [[अनुविन्द]]
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| ११. [[दुर्धर्ष]] || १२. [[सुबाहू]] || १३. [[दुश्प्रघर्षण]] || १४. [[दुर्मर्षण]] || १५. [[दुर्मुख]] || १६. [[दुष्कर्ण]] || १७. [[सोम्नाथ्]] || १८. [[विविंशती]] || १९. [[विकर्ण]] || २०. [[शल]]
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| २१. [[सत्व]] || २२. [[सुलोचन]] || २३. [[चित्र]] || २४. [[उपचित्र]] || २५. [[चित्राक्ष]] || २६. [[चारुचित्रशरासन]] || २७. [[दुर्मद]] || २८. [[दुर्विगाह]] || २९. [[विवित्सु]] || ३०. [[विकटानन]]
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| ३१. [[उर्णनाभ]] || ३२. [[सुनाभ]] || ३३. [[नंद]] || ३४. [[उपनंद]] || ३५. [[चित्रबाण]] || ३६. [[चित्रवर्मा]] || ३७. [[सुवर्मा]] || ३८. [[दुर्विरोचन]] || ३९. [[अयोबाहु]] || ४०. [[चित्रांगद]]
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| ४१. [[चित्रकुंडल]] || ४२. [[भीमवेग]] || ४३. [[भीमबल]] || ४४. [[बलाकी]] || ४५. [[बलवर्धन]] || ४६. [[उग्रायुध]] || ४७. [[सुषेण]] || ४८. [[कुंडोदर]] || ४९. [[महोदर]] || ५०. [[चित्रायुध]]
| ४१. [[चित्रकुंडल]] || ४२. [[भीमवेग]] || ४३. [[भीमबल]] || ४४. [[बलाकी]] || ४५. [[बलवर्धन]] || ४६. [[उग्रायुध]] || ४७. [[सुषेण]] || ४८. [[कुंडोदर]] || ४९. [[महोदर]] || ५०. [[चित्रायुध]]
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| ५१. [[निषंगी]] || ५२. [[पाषी]] || ५३. [[वृंदारक]] || ५४. [[दृढवर्मा]] || ५५. [[दृढक्षत्र]] || ५६. [[सोमकिर्ती]] || ५७. [[अनुदर]] || ५८. [[दृढसंघ]] || ५९. [[जरासंघ]] || ६०. [[सत्यसंघ]]
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| ६१. [[सद्सुवाक]] || ६२. [[उग्रश्रवा]] || ६३. [[उग्रसेन]] || ६४. [[सेनानी]] || ६५. [[दुष्पराजय]] || ६६. [[अपराजित]] || ६७. [[पडिंतक]] || ६८. [[विशालाक्ष]] || ६९. [[दुराधर]] || ७०. [[आदित्यकेतु]]
| ६१. [[सद्सुवाक]] || ६२. [[उग्रश्रवा]] || ६३. [[उग्रसेन]] || ६४. [[सेनानी]] || ६५. [[दुष्पराजय]] || ६६. [[अपराजित]] || ६७. [[पडिंत]] || ६८. [[विशालाक्ष]] || ६९. [[दुराधर]] || ७०. [[आदित्यकेतु]]
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| ७१. [[बहाशी]] || ७२. [[नागदत्त]] || ७३. [[अग्रयायी]] || ७४. [[कवची]] || ७५. [[क्रथन]] || ७६. [[दृढहस्त]] || ७७. [[सुहस्त]] || ७८. [[वतवेग]] || ७९. [[सुवची]] || ८०. [[दण्डी]]
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| ८१. [[दंडधार]] || ८२. [[धर्नुग्रह]] || ८३. [[उग्र]] || ८४. [[भीमस्थ]] || ८५. [[वीरबाहू]] || ८६. [[अलोलुप]] || ८७. [[अभय]] || ८८. [[रौद्रकर्मा]] || ८९. [[दृढरथाश्रय]] || ९०. [[अनाधृष्य]]
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| ९१. [[कुंडभेदी]] || ९२. [[विरावी]] || ९३. [[प्रमथ]] || ९४. [[प्रमाथी]] || ९५. [[दीर्घरोमा]] || ९६. [[दीर्घबाहू]] || ९७. [[व्यूढोरू]] || ९८. [[कनकध्वज]] || ९९. [[कुंडाशी]] || १००. [[विरजा]]
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* ही नावांची यादी महाभारतातच द्रौपदी स्वयंवर, घोषयात्रा व उत्तरगोग्रहण आदी ठिकाणी अलग अलग प्रकारांनी दिली आहे. या विविध याद्यांपैकी एक यादी वर दिली आहे. मूळच्या यादीतील काही नावे पुन्हा पुन्हा आली आहेत, तर काही नावांऐवजी समान अर्थाची वेगळी नावे आहेत.
* शंभर कौरवांना एक बहिण पण होती. तिचे नाव '''दुशाला''' तिचा विवाह '''जयद्रथ''' ह्याचेशी झाला होता.

* शंभर कौरवांना सर्वात धाकटी एक बहीण होती. तिचे नाव '''दुःशला''' तिचा विवाह '''जयद्रथ''' ह्याचेशी झाला होता.
{{महाभारत}}
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१४:३०, ५ एप्रिल २०१५ ची आवृत्ती

भारताच्या प्राचीन इतिहासातील प्रसिद्ध कुरू कुलातील व्यक्तींना कौरव असे म्हटले जाते. महर्षी व्यास रचित महाभारत या महाकाव्यामुळे ढोबळमानाने दुर्योधन व त्याच्या बंधूंना कौरव असे म्हणण्याची प्रथा पडली आहे. १०० कौरवांची नावे जन्माच्या क्रमाने खालीलप्रमाणे

१. दुर्योधन २. युयुत्स ३. दुःशासन ४. दुस्सल ५. दुश्शल ६. जलसंघ ७. सम ८. सह ९. विंद १०. अनुविन्द
११. दुर्धर्ष १२. सुबाहू १३. दुष्प्रधर्षण १४. दुर्मर्षण १५. दुर्मुख १६. दुष्कर्ण १७. सोमनाथ १८. विविंशती १९. विकर्ण २०. शल
२१. सत्व २२. सुलोचन २३. चित्र २४. उपचित्र २५. चित्राक्ष २६. चारुचित्र २७. दुर्मद २८. दुर्विगाह २९. विवित्सु ३०. विकटानन
३१. ऊर्णनाभ ३२. सुनाभ ३३. नंद ३४. उपनंद ३५. चित्रबाण ३६. चित्रवर्मा ३७. सुवर्मा ३८. दुर्विरोचन ३९. अयोबाहु ४०. चित्रांगद
४१. चित्रकुंडल ४२. भीमवेग ४३. भीमबल ४४. बलाकी ४५. बलवर्धन ४६. उग्रायुध ४७. सुषेण ४८. कुंडोदर ४९. महोदर ५०. चित्रायुध
५१. निषंगी ५२. पाषी ५३. वृंदारक ५४. दृढवर्मा ५५. दृढक्षत्र ५६. सोमकीर्ति ५७. अनुदर ५८. दृढसंघ ५९. जरासंघ ६०. सत्यसंघ
६१. सद्सुवाक ६२. उग्रश्रवा ६३. उग्रसेन ६४. सेनानी ६५. दुष्पराजय ६६. अपराजित ६७. पडिंत ६८. विशालाक्ष ६९. दुराधर ७०. आदित्यकेतु
७१. बहाशी ७२. नागदत्त ७३. अग्रयायी ७४. कवची ७५. क्रथन ७६. दृढहस्त ७७. सुहस्त ७८. वातवेग ७९. सुवची ८०. दण्डी
८१. दंडधार ८२. धनुर्ग्रह ८३. उग्र ८४. भीमस्थ ८५. वीरबाहु ८६. अलोलुप ८७. अभय ८८. रौद्रकर्मा ८९. दृढरथाश्रय ९०. अनाधृष्य
९१. कुंडभेदी ९२. विरावी ९३. प्रमथ ९४. प्रमाथी ९५. दीर्घरोमा ९६. दीर्घबाहु ९७. व्यूढोरू ९८. कनकध्वज ९९. कुंडाशी १००. विरजा
  • ही नावांची यादी महाभारतातच द्रौपदी स्वयंवर, घोषयात्रा व उत्तरगोग्रहण आदी ठिकाणी अलग अलग प्रकारांनी दिली आहे. या विविध याद्यांपैकी एक यादी वर दिली आहे. मूळच्या यादीतील काही नावे पुन्हा पुन्हा आली आहेत, तर काही नावांऐवजी समान अर्थाची वेगळी नावे आहेत.
  • शंभर कौरवांना सर्वात धाकटी एक बहीण होती. तिचे नाव दुःशला तिचा विवाह जयद्रथ ह्याचेशी झाला होता.