आंध्र प्रदेशचे मुख्यमंत्री
Appearance
आंध्र प्रदेशचे मुख्यमंत्री
ఆంధ్ర ప్రదేశ్ రాష్ట్ర ముఖ్యమంత్రి (Chief Minister of State of Andhra Pradesh | |
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आंध्र प्रदेशची राजमुद्रा | |
भारतीय ध्वजचिन्ह | |
आंध्र प्रदेश सरकार | |
दर्जा | राज्यशासनाचे प्रमुख |
सदस्यता | आंध्र प्रदेश विधिमंडळ (विधानसभा किंवा विधान परिषद) |
मुख्यालय | मंत्रालय, अमरावती |
नियुक्ती कर्ता | आंध्र प्रदेशचे राज्यपाल |
कालावधी | ५ वर्ष |
निर्मिती | १ नोव्हेंबर १९५६ |
पहिले पदधारक | नीलम संजीव रेड्डी |
उपाधिकारी | आंध्र प्रदेशचे उपमुख्यमंत्री |
आंध्र प्रदेशचा मुख्यमंत्री हा भारताच्या आंध्र प्रदेश राज्याचा सरकारप्रमुख आहे. भारतीय संविधानानुसार राज्यप्रमुख जरी राज्यपाल असला तरी राज्याची सर्व सुत्रे व निर्णयक्षमता मुख्यमंत्र्याच्या व त्याच्या मंत्रीमंडळाच्या हातात असते. विधानसभा निवडणुकीमध्ये सर्वाधिक जागा मिळवणाऱ्या राजकीय पक्षाला राज्यपाल सरकारस्थापनेसाठी आमंत्रित करतो. त्या पक्षाच्या विधिमंडळ समितीद्वारे मुख्यमंत्र्याची निवड केली जाते. बहुमत सिद्ध करून मुख्यमंत्री आपल्या पदावर पाच वर्षे राहू शकतो.[१]
मुख्यमंत्र्यांची यादी
[संपादन]क्र | नाव | चित्र | पदावरील काळ | कार्यकाळ | निवडणूक | पक्ष | ||
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आंध्र राज्य (१९५३ ते १९५६) (१९५३ मध्ये मद्रास राज्याची फाळणी झाली व आंध्र राज्याची स्थापना झाली.) | ||||||||
१ | तंगुतूरी प्रकाशम (१९१३-१९९६) — |
१ ऑक्टोबर १९५३ | १५ नोव्हेंबर १९५४ | १ वर्ष, ४५ दिवस | १९५२ (मद्रास निवडणूक) |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस | ||
- | पद रिकामे (राष्ट्रपती राजवट)[२] |
१५ नोव्हेंबर १९५४ | २८ मार्च १९५५ | ० वर्षे, १३३ दिवस | — | - | ||
२ | बेझावडा गोपाळ रेड्डी (१९१३-१९९६) (मतदारसंघ: आत्मकुरु) |
२८ मार्च १९५५ | १ नोव्हेंबर १९५६ | १ वर्ष, २१८ दिवस | १९५५ | भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस | ||
आंध्र प्रदेश (१९५६ ते २०१४) (१९५६ मध्ये राज्य पुनर्रचना अधिनियमद्वारे हैदराबाद राज्याचा तेलुगु भाषिक भाग जोडत 'आंध्र प्रदेश' राज्याची स्थापना.) | ||||||||
१ | नीलम संजीव रेड्डी (१९१३-१९९६) (मतदारसंघ: श्रीकालहस्ती) |
१ नोव्हेंबर १९५६ | ११ जानेवारी १९६० | ३ वर्षे, ७१ दिवस | — ————————— १९५७ |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस | ||
२ | दामोदरम् संजीव्या (१९२१-१९७२) (मतदारसंघ: विधान परिषद सदस्य) |
११ जानेवारी १९६० | १२ मार्च १९६२ | २ वर्षे, ६० दिवस | — | |||
(१) | नीलम संजीव रेड्डी (दुसरा कार्यकाळ) (१९१३-१९९६) (मतदारसंघ: धोन) |
१२ मार्च १९६२ | २० फेब्रुवारी १९६४ | १ वर्ष, ३४५ दिवस | १९६२ | |||
३ | कासू ब्रह्मानंद रेड्डी (१९०९-१९९४) मतदारसंघ: फिरंगीपुरम (१९६७ पर्यंत) नरसरावपेट (१९६७ पासून) |
२० फेब्रुवारी १९६४ | ३० सप्टेंबर १९७१ | ७ वर्षे, २२२ दिवस | — ————————— १९६७ | |||
४ | पी.व्ही. नरसिंम्हा राव (१९२१-२००४) (मतदारसंघ: मंथनी) |
३० सप्टेंबर १९७१ | १० जानेवारी १९७३ | १ वर्ष, १०२ दिवस | — ————————— १९७२ |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस (रेक्विझिश्तनीस्त) | ||
- | पर रिकामे (राष्ट्रपती राजवट) |
११ जानेवारी १९७३ | १० डिसेंबर १९७३ | ० वर्षे, ३३३ दिवस | — | - | ||
५ | जलगम वेंगळा राव (१९२१-१९९९) (मतदारसंघ: वेमसूर) |
१० डिसेंबर १९७३ | ६ मार्च १९७८ | ४ वर्षे, ८६ दिवस | — | भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस (रेक्विझिश्तनीस्त) | ||
६ | मर्री चन्ना रेड्डी (१९१९-१९९६) (मतदारसंघ: मेडचल) |
६ मार्च १९७८ | ११ ऑक्टोबर १९८० | २ वर्षे, २१९ दिवस | १९७८ | भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस (इंदिरा) | ||
७ | तंगुतुरी अंजय्या (१९१९-१९८६) (मतदारसंघ: विधान परिषद सदस्य) |
११ ऑक्टोबर १९८० | २४ फेब्रुवारी १९८२ | १ वर्ष, १३६ दिवस | — | |||
८ | भवनम वेंकटरामी रेड्डी (१९३१-२००२) (मतदारसंघ: विधान परिषद सदस्य) |
२४ फेब्रुवारी १९८२ | २० सप्टेंबर १९८२ | ० वर्षे, २०८ दिवस | — | |||
९ | के. विजय भास्कर रेड्डी (१९२०-२००१) (मतदारसंघ: विधान परिषद सदस्य) |
२० सप्टेंबर १९८२ | ९ जानेवारी १९८३ | ० वर्षे, १११ दिवस | — | |||
१० | नंदमुरी तारका रामा राव (१९२३-१९९६) (मतदारसंघ: तिरुपती) |
९ जानेवारी १९८३ | १६ ऑगस्ट १९८४ | १ वर्ष, २२० दिवस | १९८३ | तेलुगू देशम पक्ष | ||
११ | ॲड. नडेंला भास्कर राव (जन्म १९३५) (मतदारसंघ: वेमुरू) |
१६ ऑगस्ट १९८४ | १६ सप्टेंबर १९८४ | ० वर्षे, ३१ दिवस | — | |||
(१०) | नंदमुरी तारका रामा राव (दुसरा कार्यकाळ) (१९२३-१९९६) मतदारसंघ: तिरुपती (१९८५ पर्यंत) हिंदुपूर (१९८५ पासून) |
१६ ऑगस्ट १९८४ | २ डिसेंबर १९८९ | ५ वर्षे, १०८ दिवस | — ————————— १९८५ | |||
(६) | मर्री चन्ना रेड्डी (दुसरा कार्यकाळ) (१९१९-१९९६) (मतदारसंघ: सनथनगर) |
२ डिसेंबर १९८९ | १७ डिसेंबर १९९० | १ वर्ष, १५ दिवस | १९८९ | भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस (इंदिरा) | ||
१२ | नेदुरुमल्ली जर्नादन रेड्डी (१९३५-२०१४) (मतदारसंघ: वेंकटगिरी) |
१७ डिसेंबर १९९० | ९ ऑक्टोबर १९९२ | १ वर्ष, २९७ दिवस | — | |||
(९) | के. विजय भास्कर रेड्डी (दुसरा कार्यकाळ) (१९२०-२००१) (मतदारसंघ: धोन) |
९ ऑक्टोबर १९९२ | १२ डिसेंबर १९९४ | २ वर्षे, ६४ दिवस | — | |||
(१०) | नंदमुरी तारका रामा राव (तिसरा कार्यकाळ) (१९२३-१९९६) (मतदारसंघ:हिंदुपूर) |
१२ डिसेंबर १९९४ | १ सप्टेंबर १९९५ | ० वर्षे, २६३ दिवस | १९९४ | तेलुगू देशम पक्ष | ||
१३ | नरा चंद्रबाबू नायडू (जन्म १९५०) (मतदारसंघ:कुप्पम) |
१ सप्टेंबर १९९५ | १४ मे २००४ | ८ वर्षे, २५६ दिवस | — ————————— १९९९ | |||
१४ | डॉ. येदुगिरी सन्दिती राजशेखर रेड्डी (१९४९-२००९) (मतदारसंघ: पुलिवेंडला) |
१४ मे २००४ | २ सप्टेंबर २००९ | ५ वर्षे, १११ दिवस | २००४ ————————— २००९ |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस | ||
१५ | कोनिजेटी रोसैय्या (१९३३-२०२१) (मतदारसंघ: विधान परिषद सदस्य) |
२ सप्टेंबर २००९ | २४ नोव्हेंबर २०१० | १ वर्ष, ८३ दिवस | — | |||
१६ | ॲड. नल्लारी किरण कुमार रेड्डी (जन्म १९५९) (मतदारसंघ:पिलेरु) |
२४ नोव्हेंबर २०१० | १ मार्च २०१४ | ३ वर्षे, ९७ दिवस | — | |||
विभाजित आंध्र प्रदेश (२०१४ पासून) (२०१४ मध्ये आंध्र प्रदेश पुनर्रचना अधिनियमद्वारे आंध्र प्रदेशपासून तेलंगण राज्याची स्थापना.) | ||||||||
- | पद रिकामे (राष्ट्रपती राजवट) |
१ मार्च २०१४ | ८ जून २०१४ | ० वर्षे, ९९ दिवस | — | - | ||
(१३) | नरा चंद्रबाबू नायडू (दुसरा कार्यकाळ) (जन्म १९५०) (मतदारसंघ:कुप्पम) |
८ जून २०१४ | २९ मे २०१९ | ४ वर्षे, ३५५ दिवस | २०१४ | तेलुगू देशम पक्ष | ||
१७ | येदुगिरी सन्दिती जगनमोहन रेड्डी (जन्म १९७२) (मतदारसंघ:पुलिवेंडला) |
३० मे २०१९ | ११ जून २०२४ | ५ वर्षे, १२ दिवस | २०१९ | युवाजन श्रमिक रयतु काँग्रेस पक्ष | ||
(१३) | नरा चंद्रबाबू नायडू (तिसरा कार्यकाळ) (जन्म १९५०) (मतदारसंघ:कुप्पम) |
१२ जून २०२४ | विद्यमान | ० वर्षे, १४६ दिवस | २०२४ | तेलुगू देशम पक्ष |
आंध्र प्रदेशमधील राष्ट्रपती राजवट तपशील
[संपादन]आंध्र प्रदेशात आत्तापर्यंत एकूण तीन वेळा राष्ट्रपती राजवट लावण्यात आली आहे.
- पहिला कार्यकाळ : १५ नोव्हेंबर १९५४ ते २८ मार्च १९५५ : तत्कालीन मुख्यमंत्री तंगुतूरी प्रकाशम यांचे सरकार अविश्वास प्रस्तावात १२७ विरुद्ध १३३ मतांनी पडले. भारताचे तत्कालीन राष्ट्रपती राजेंद्र प्रसाद यांनी राष्ट्रपती राजवट लावली. त्यानंतर विधानसभा विसर्जीत करण्यात आली आणि नवी विधानसभा गठित करण्यासाठी १९५५ साली निवडणूक घोषित करण्यात आली. निवडणूकीनंतर राष्ट्रपती राजवट उठविण्यात आली.
- दुसरा कार्यकाळ : ११ जानेवारी १९७३ ते १० डिसेंबर १९७३ : जय आंध्र आंदोलनामुळे कायदा व सुव्यवस्था बिघडल्याने तत्कालीन मुख्यमंत्री पी.व्ही. नरसिंहराव यांचे सरकार पडले. भारताचे तत्कालीन राष्ट्रपती नीलम संजीव रेड्डी यांनी राष्ट्रपती राजवट लावली. १० डिसेंबर १९७३ रोजी नवीन सरकार स्थापना झाल्याने राष्ट्रपती राजवट उठविण्यात आली.
- तिसरा कार्यकाळ : १ मार्च २०१४ ते ७ जून २०१४ : केंद्र सरकारने संसदेत आंध्र प्रदेश पुनर्रचना अधिनियम, २०१४ पारीत केले आणि आंध्र प्रदेशचे विभाजन करत तेलंगण राज्याची स्थापना केली. या निर्णयाच्या विरोधात तत्कालीन मुख्यमंत्री ॲड. नल्लारी किरण कुमार रेड्डी यांनी राजीनामा दिल्याने भारताचे तत्कालीन राष्ट्रपती प्रणब मुखर्जी यांनी राष्ट्रपती राजवट लागू केली. २०१४च्या विधानसभा निवडणूकीनंतर नवीन सरकार स्थापना झाल्याने राष्ट्रपती राजवट उठवली.
संदर्भ
[संपादन]- ^ Durga Das Basu. Introduction to the Constitution of India. 1960. 20th Edition, 2011 Reprint. pp. 241, 245. LexisNexis Butterworths Wadhwa Nagpur. आयएसबीएन 978-81-8038-559-9. Note: although the text talks about Indian state governments in general, it applies for the specific case of Andhra Pradesh as well.
- ^ Amberish K. Diwanji. "A dummy's guide to President's rule". Rediff.com. 15 March 2005.