"भारताची संविधान सभा" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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== प्रांतनिहाय संविधान सभेचे सदस्य == |
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=== मद्रास === |
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[[एनी मस्करेन]], |
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[[ओ.व्ही.अलगेसन]], |
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श्रीमती [[जी. दुर्गाबाई]], |
श्रीमती [[जी. दुर्गाबाई]], |
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[[कला वेंकटराव]], |
[[कला वेंकटराव]], |
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[[एन. |
[[एन. गोपालास्वामी अय्यंगार]], |
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डी. गोविंदा दास, |
डी. गोविंदा दास, |
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रेव्ह. |
रेव्ह. [[जेरोम डिसोझा]], |
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[[पी. |
[[पी. कक्कन]], |
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टी.एम. |
टी.एम. कालियानान गौंडर, |
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व्ही. |
व्ही.सी. केसावा राव, |
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[[अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर]] |
[[अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर]] |
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एल. कृष्णस्वामी भारती, |
एल. कृष्णस्वामी भारती, |
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पट्टम तनुपिल्लई |
पट्टम तनुपिल्लई |
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'''बॉम्बे''': |
=== '''बॉम्बे''':=== |
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[[बालचंद्र महेश्वर गुप्ते]], |
[[बालचंद्र महेश्वर गुप्ते]], |
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[[हंस मेहता]], |
[[हंस मेहता]], |
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ए. खान |
ए. खान |
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'''पश्चिम बंगाल''': |
=== '''पश्चिम बंगाल''':=== |
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[[मोनो मोहन दास]], |
[[मोनो मोहन दास]], |
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[[अरुण चंद्र गुहा]], |
[[अरुण चंद्र गुहा]], |
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अब्दुल हलीम घुझनवी |
अब्दुल हलीम घुझनवी |
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'''संयुक्त प्रांत''': |
=== '''संयुक्त प्रांत''':=== |
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[[मौलाना हिफझुर रहमान सेहोरवी]], |
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[[जयरामदास दौलतराम]], |
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चौधरी सूरज माल |
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धरणीधर बसू-मातारी, |
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युधिशिर मिश्रा |
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'''जम्मू आणि काश्मीर''': |
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मोतीराम बैगरा, |
मोतीराम बैगरा, |
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मौलाना मोहम्मद सईद मसूदी |
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[[विनायक सीताराम सरवते]], |
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बृजराज नारायण, |
बृजराज नारायण, |
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सीताराम एस जाजू |
सीताराम एस जाजू |
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[[बलवंतराय मेहता |
[[बलवंतराय मेहता|बलवंत राय गोपाळजी मेहता]], |
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[[जयसखलाल हठी]], |
[[जयसखलाल हठी]], |
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[[अमृतलाल विठलदास ठक्कर]], |
[[अमृतलाल विठलदास ठक्कर]], |
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[[समलदास गांधी | समलदास लक्ष्मीदास गांधी]] |
[[समलदास गांधी | समलदास लक्ष्मीदास गांधी]] |
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=== '''राजस्थान''':=== |
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[[व्ही. टी. कृष्णामचारी]], |
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[[हिरालाल शास्त्री]], |
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पटियाला आणि पूर्व पंजाब राज्ये संघ '': |
=== पटियाला आणि पूर्व पंजाब राज्ये संघ '':=== |
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रणजितसिंग, |
रणजितसिंग, |
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सोचेत सिंग, |
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=== '''बॉम्बे स्टेट्स''':=== |
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विनायकराव बलशंकर वैद्य, |
विनायकराव बलशंकर वैद्य, |
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[[रत्नप्पा भारमप्पा कुंभार]] बी.एन.दातार |
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'''ओरिसा राज्ये''': |
=== '''ओरिसा राज्ये''':=== |
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[[लाल मोहन पति]], |
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एन. माधव राऊ, |
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युधिष्ठिर मिश्रा |
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'''मध्य प्रांत राज्ये''': |
=== '''मध्य प्रांत राज्ये''':=== |
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[[आर.एल.मालवीय]], |
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किशोरीमोहन त्रिपाठी, |
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रामप्रसाद पोटाई |
रामप्रसाद पोटाई |
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=== '''युनायटेड प्रांत राज्ये''':=== |
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[[बशीर हुसेन जैदी | बी. एच. जैदी]], |
[[बशीर हुसेन जैदी | बी. एच. जैदी]], |
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[[कृष्णा सिंह (राजकारणी) | कृष्णा सिंह]] |
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=== '''मद्रास स्टेट्स''':=== |
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[[व्ही. रमायाह]], |
[[व्ही. रमायाह]], |
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[[बॉबबिलीचे रामकृष्ण रंगाव | रामकृष्ण रंगराव]]] |
[[बॉबबिलीचे रामकृष्ण रंगाव | रामकृष्ण रंगराव]]] |
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'''विंध्या प्रदेश''': |
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अवदेश प्रताप सिंह, |
अवदेश प्रताप सिंह, |
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शंभू नाथ शुक्ला, |
शंभू नाथ शुक्ला, |
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मन्नूलालजी द्विडेदी |
मन्नूलालजी द्विडेदी |
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'''कूच बिहार''': |
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महेश्वरी हिम्मतसिंग के |
महेश्वरी हिम्मतसिंग के |
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'''त्रिपुरा आणि मणिपूर''': |
=== '''त्रिपुरा आणि मणिपूर''':=== |
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गिरजा शंकर गुहा |
गिरजा शंकर गुहा |
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'''भोपाळ''': |
=== '''भोपाळ''':=== |
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[[लालसिंग]] |
[[लालसिंग]] |
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'''कच्छ''': |
=== '''कच्छ''':=== |
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[[भवानी अर्जुन खीमजी]] |
[[भवानी अर्जुन खीमजी]] |
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'''हिमाचल प्रदेश''': |
=== '''हिमाचल प्रदेश''':=== |
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[[यशवंतसिंग परमार]] |
[[यशवंतसिंग परमार]] |
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१७:५५, १५ जून २०२० ची आवृत्ती
भारताची संविधान सभा | |
---|---|
भारताच्या संविधान सभेचे बोधचिन्ह | |
प्रकार | |
प्रकार | एकसदनीय |
इतिहास | |
स्थापना | ९ डिसेंबर १९४६ |
उन्मुलन | २४ जानेवारी १९५० |
पुर्वाधिकार | इम्पिरिअल लेजिस्लेटिव कौन्सिल |
उत्तराधिकार | भारतीय संसद |
नेते | |
मसुदा समितीचे अध्यक्ष |
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, शेकाफे |
अध्यक्ष |
राजेंद्र प्रसाद, काँग्रेस |
उपाध्यक्ष |
हरेंद्र कुमार मुखर्जी वी.टी. कृष्णमचारी, |
अस्थायी अध्यक्ष |
सच्चिदानंद सिन्हा, काँग्रेस |
घटनात्मक कायदेशीर सल्लागार |
बी.एन. राव, |
संरचना | |
जागा |
३८९ (डिसेंबर १९४६ – जुन १९४७) २९९ (जुन १९४७ – जानेवारी १९५०) |
राजकीय गट |
काँग्रेस: २०८ जागा मुस्लिम लीग: ७३ जागा अन्य: १५ जागा संस्थानिक: ९३ जागा |
निवडणूक | |
मतदान पद्धत | First past the post |
बैठक ठिकाण | |
संसद भवन, नवी दिल्ली | |
संकेतस्थळ | |
तळटिपा | |
भारताची संविधान सभा (अन्य नावे: भारताची घटना समिती, भारताची घटना परिषद) ही भारताचे संविधान निर्माण करण्यासाठी १९४६ मध्ये स्थापन करण्यात आली होती. १९४७मध्ये भारताला ब्रिटीशांकडून स्वातंत्र्य दिल्यानंतर, संविधान सभेने भारताची पहिली संसद म्हणूनही काम केले.
इतिहास
भारतासाठी संविधान सभा बनविण्याची कल्पना सर्वप्रथम १९३४ मध्ये मानवेंद्रनाथ रॉय यांनी दिली होती, ते भारतातील साम्यवादी चळवळीचे अग्रणी आणि मूलगामी लोकशाहीचे पुरस्कर्ते होते. १९३५ मध्ये ही भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस ची अधिकृत मागणी बनली, सी. राजगोपालाचारी १५ नोव्हेंबर १९३९. रोजी प्रौढ मतदानावर आधारित संविधान सभा घेण्याच्या मागणीसंदर्भात आवाज उठविला आणि ब्रिटिशांनी ऑगस्ट १९४० मध्ये हे मान्य केले.
८ ऑगस्ट १९४० रोजी राज्यपाल-जनरल कार्यकारी परिषद आणि युद्ध सल्लागार. परिषद स्थापना याबद्दल व्हायसरॉय लॉर्ड लिनलिथगो यांनी एक विधान केले. ऑगस्ट ऑफर म्हणून ओळखल्या जाणाऱ्या या ऑफरमध्ये अल्पसंख्यांकांच्या मतांना पूर्ण वजन देण्यात आले आणि भारतीयांना स्वतःची राज्यघटना तयार करण्याची परवानगी देण्यात आली. १९४६च्या कॅबिनेट मिशन प्लॅन च्या अंतर्गत संविधानसभेसाठी प्रथमच निवडणुका घेण्यात आल्या. भारतीय राज्यघटनेचा मसुदा संविधानसभेने तयार केला आणि त्याची अंमलबजावणी १ मे १९४६ रोजी कॅबिनेट मिशन योजनेंतर्गत करण्यात आली. संविधान सभा सदस्य प्रांतीय संमेलनाद्वारे एकल, हस्तांतरणीय-मत द्वारे निवडले गेले. प्रमाणिक प्रतिनिधित्व प्रणाली. संविधान सभाचे एकूण सदस्यत्व ३८९ होते, त्यापैकी २९२ राज्यांचे प्रतिनिधी होते,९३ हे रशियाचे प्रतिनिधी होते आणि चार दिल्लीचे मुख्य आयुक्त प्रांत, अजमेर-मेरवाडा, कुर्ग आणि ब्रिटीश बलुचिस्तानचे होते.
ऑगस्ट १९४६ पर्यंत ब्रिटीश भारतीय प्रांतांना देण्यात आलेल्या २५६ जागांसाठी झालेल्या निवडणुका पूर्ण झाल्या. कॉंग्रेसने २०८ जागा जिंकल्या आणि मुस्लिम लीगने ७३. जागा जिंकल्या. या निवडणुकीनंतर मुस्लिम लीगने कॉंग्रेसला सहकारण्यास नकार दिला. सप्टेंबर २०१}}} आणि राजकीय परिस्थिती ढासळली. हिंदू-मुस्लिम दंगल सुरू झाली आणि मुस्लिम लीगने भारतातील मुस्लिमांसाठी स्वतंत्र मतदार संघाची मागणी केली. ३ जून १९४७ रोजी लॉर्ड माउंटबॅटन, भारताच्या शेवटच्या ब्रिटीश गव्हर्नर जनरलने कॅबिनेट मिशन योजनेला भंग करण्याचा आपला हेतू जाहीर केला; याचा शेवट भारतीय स्वातंत्र्य कायदा १९४७ आणि भारत आणि पाकिस्तानच्या स्वतंत्र राष्ट्रांमध्ये झाला. भारतीय स्वातंत्र्य कायदा १८ जुलै १९४७ रोजी संमत झाला आणि जून १९४७ मध्ये भारत स्वतंत्र होईल अशी घोषणा केली गेली असली तरी १५ ऑगस्ट १९४७ रोजी या घटनेने स्वातंत्र्य मिळवून दिले. संविधान सभा प्रथमच ९ डिसेंबर १९४६ रोजी पुन्हा एकत्र येऊन बैठक झाली. १४ ऑगस्ट १९४७ रोजी भारतातील ब्रिटिश संसदेच्या अधिकाराच्या सार्वभौम संस्था आणि उत्तराधिकारी म्हणून. फाळणीच्या परिणामी, माउंटबेटन योजनेत, ३ जून १९४७ रोजी स्वतंत्र पाकिस्तानची संविधान सभा ची स्थापना केली गेली. पाकिस्तानमध्ये समाविष्ट झालेल्या क्षेत्रातील प्रतिनिधींनी भारतीय संविधान सभा सदस्य म्हणून काम करणे थांबवले. पश्चिम पंजाब आणि पूर्व बंगाल (जे पाकिस्तानचा एक भाग बनले, जरी पूर्व बंगाल नंतर नंतर] होण्यासाठी बांगलादेश) होण्यासाठी नवीन निवडणुका घेण्यात आल्या; पुनर्रचनेनंतर संविधान सभाचे सदस्यत्व २९९ होते आणि ३१ डिसेंबर १९४७ रोजी त्याची बैठक झाली. घटनेचा मसुदा वेगवेगळ्या जाती, प्रदेश धर्म, लिंग इत्यादींच्या २९९ प्रतिनिधींनी तयार केला होता. हे प्रतिनिधी ११४ दिवसांपर्यंत ३ वर्षात (२ वर्ष ११ महिने आणि १७ दिवसांचे) नेमके काय असावेत बसले आणि घटनेत काय असावे आणि काय काय काय कायदे यावर चर्चा केली. समाविष्ट. राज्यघटनेचे अध्यक्ष डॉ. बी.आर.आंबेडकर होते.
भारताची राज्यघटना ही जगातील सर्वात मोठी घटना आहे कारण त्यात इतर देशांच्या घटनांमधील कायद्यांचा समावेश आहे.
पार्श्वभूमी आणि निवडणूका
अप्रत्यक्षपणे निवडलेल्या प्रतिनिधींचा समावेश असलेल्यासभेधान सभेची स्थापना भारताच्या घटनेच्या मसुद्यासाठी (आताचे पाकिस्तान आणि बांगलादेशातील स्वतंत्र देशांसह) केली गेली. १९४७ मध्ये स्वातंत्र्यानंतर तीन वर्षे, भारतातील पहिले संसद. सार्वभौम प्रौढ मताधिकारांच्या आधारे ही विधानसभा निवडली गेली नव्हती आणि मुस्लिम आणि शीख यांना अल्पसंख्याक म्हणून विशेष प्रतिनिधित्व प्राप्त झाले. मुस्लिम लीगने आपली निर्मिती रोखण्यात अपयशी ठरल्यानंतर विधानसभेवर बहिष्कार टाकला. मतदार संघाचा एक मोठा भाग कॉंग्रेस पक्षाकडून एकपक्षीय वातावरणात काढला गेला असला तरी कॉंग्रेस पक्षाने पुराणमतवादी उद्योगपतींपासून ते कट्टरपंथी मार्क्सवादी ते हिंदू पुनरुज्जीवनवादी अशा विविध मतांचा समावेश केला.
९ डिसेंबर १९४६ रोजी दिल्लीत प्रथमच संविधान सभेची बैठक झाली आणि त्याचे शेवटचे अधिवेशन २४ जानेवारी १९५० रोजी झाले.[१]
जवाहरलाल नेहरूंनी संविधान सभेबाबत आशा व्यक्त केली:
या संमेलनाचे पहिले काम म्हणजे एका नवीन राज्यघटनेच्या माध्यमातून भारत मुक्त करणे, उपासमार लोकांना खायला घालणे, आणि नग्न लोकांना वस्त्रे घालणे आणि प्रत्येक भारतीयाला त्याच्या क्षमतेनुसार स्वत:चा विकास करण्याची संपूर्ण संधी देणे हे या विधानसभेचे पहिले काम आहे. हे नक्कीच एक उत्तम कार्य आहे. आज भारत बघा. आम्ही बर्याच ठिकाणी निराशेच्या ठिकाणी बसलो आहोत आणि बर्याच शहरांमध्ये अशांतता निर्माण झाली आहे. या भांडणे आणि कलहांद्वारे वातावरणात अधिग्रहण होते ज्याला जातीय त्रास होतो आणि दुर्दैवाने आम्ही कधीकधी त्या टाळू शकत नाही. पण सध्या गरीब आणि उपासमारची समस्या कशी सोडवायची हा भारतातील सर्वात मोठा आणि महत्त्वाचा प्रश्न आहे. आपण जिथे जिथे वळू तिथे आपण या समस्येचा सामना करतो. आम्ही लवकरच ही समस्या सोडवू शकत नसल्यास, आमची सर्व कागद घटने निरुपयोगी आणि निरुपयोगी ठरतील. हा मुद्दा लक्षात घेऊन पुढे ढकला आणि प्रतीक्षा करण्यास कोणी सुचवू शकेल?
भारतीय नेते आणि ब्रिटनमधील १९४६ चे कॅबिनेट मिशन च्या सदस्यांमधील वाटाघाटीनंतर संविधान सभा स्थापन झाली तेव्हा भारत अजूनही ब्रिटीशांच्या अधिपत्याखाली होता. प्रांतिक विधानसभा निवडणुका १९४६ च्या मध्यावर घेण्यात आल्या. संविधान सभा सदस्य अप्रत्यक्षपणे नव्याने निवडलेल्या प्रांतीय असेंब्लीच्या सदस्यांद्वारे निवडले गेले आणि पाकिस्तान चा भाग बनविणाऱ्या प्रांतांसाठी प्रारंभी प्रतिनिधींचा समावेश होता. त्यातील काही आता बांग्लादेश मध्ये आहेत. संविधान सभेचे २९९ प्रतिनिधी होते, ज्यात पंधरा
[२] महिला.
अंतरिम सरकार ची स्थापना २ सप्टेंबर १९४६ रोजी नवनिर्वाचित मतदार संघातून झाली. कॉंग्रेस पार्टी यांनी विधानसभेत (बहुतेक ६९ टक्के जागा) आणि बहुतेक जागा मुस्लिम लीग यांनी विधानसभेत राखीव ठेवली होती. मुसलमान. तेथे अनुसूचित जाती महासंघ, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी आणि युनियनवादी पार्टी सारख्या छोट्या पक्षांचे सदस्यही होते.
जून १९४७ मध्ये सिंध, पूर्व बंगाल, बलुचिस्तान, पश्चिम पंजाब आणि उत्तर-पश्चिम फ्रंटियर प्रांत यांचे प्रतिनिधी मंडळे उत्तर पश्चिम फ्रंटियर प्रांत कराची मध्ये बैठक घेऊन पाकिस्तानची संविधान सभा स्थापन करण्यासाठी माघार घेतली. १५ ऑगस्ट १९४७. रोजी भारताचे वर्चस्व आणि पाकिस्तानचे वर्चस्व स्वतंत्र राष्ट्र बनले आणि कराचीमध्ये माघार न घेतलेल्या संविधान समितीचे सदस्य भारताचे संसद झाले. मुस्लिम लीगचे २८ सदस्य भारतीय विधानसभेत सहभागी झाले आणि नंतर संस्थानिकांची यादी मधून ९३ सदस्य नामित झाले; कॉंग्रेस पक्षाने बहुमत ८२ टक्के मिळविले.
संविधान आणि निवडणुका
- हेसुद्धा पाहा: भारतीय संविधान
९ डिसेंबर १९४६ रोजी सकाळी ११ वाजता संविधान सभेचे पहिले अधिवेशन सुरू झाले, तेथे २०७ सदस्य उपस्थित होते. १९४७ च्या सुरुवातीस, मुस्लिम लीग आणि संस्थानिकांचे प्रतिनिधी सामील झाले आणि संविधानसभेने २६ नोव्हेंबर १९४९ रोजी राज्यघटनेच्या अंतिम मसुद्याला मंजुरी दिली. २४ जानेवारी १९५० रोजी राज्यघटनेचा परिणाम झाला ( प्रजासत्ताक दिन ) म्हणून आणि संविधान सभा ही भारताची अस्थायी संसद बनली (१९५२ मध्ये नव्या राज्यघटनेअंतर्गत झालेल्या पहिल्या निवडणुका होईपर्यंत सुरू).
संघटना
डॉ. राजेंद्र प्रसाद यांची संविधान सभेचे अध्यक्ष म्हणून तर हरेंद्र कुमार मुखर्जी यांची उपाध्यक्ष म्हणून निवड झाली. आणि मुखर्जी हे बंगालमधील ख्रिश्चन आणि कलकत्ता विद्यापीठाचे माजी कुलगुरू होते. विधानसभेच्या अल्पसंख्यांक समितीचे अध्यक्षपदी, भारत प्रजासत्ताक झाल्यानंतर मुखर्जी यांना पश्चिम बंगालचा राज्यपाल म्हणून नियुक्त करण्यात आले. न्यायशास्त्रज्ञ बी.एन. राव विधानसभेचे घटनात्मक सल्लागार म्हणून नियुक्त केले गेले; बी.एन. राव यांनी घटनेचा मूळ मसुदा तयार केला आणि नंतर हेग मधील हेग मधील कायमस्वरुपी आंतरराष्ट्रीय न्यायालयात न्यायाधीश म्हणून नेमणूक केली.
संविधान सभेच्या कामाचे पाच टप्पे होते:
- विविध समित्यांनी विषयांवर अहवाल सादर केला.
- बी.एन. राव यांनी इतर राष्ट्रांच्या राज्यघटनेविषयीच्या अहवालांवर आणि त्यांच्या संशोधनावर आधारित प्रारंभिक मसुदा तयार केला.
- मसुदा समितीचे अध्यक्ष म्हणून बाबासाहेब आंबेडकर यांनी सविस्तर घटनेचा मसुदा तयार करुन सादर केला जो सार्वजनिक चर्चेसाठी प्रकाशित करण्यात आला.
- राज्यघटनेच्या मसुद्यावर चर्चा करण्यात आली आणि दुरुस्ती प्रस्तावित व लागू करण्यात आली.
- काँग्रेस पक्षाच्या नेतृत्वात तज्ज्ञांच्या समितीने राज्यघटनेचा अवलंब केला. ही महत्त्वाची भूमिका होती.
घटनाक्रम
- ६ डिसेंबर १९४६: संविधान सभा स्थापन झाली. (फ्रेंच प्रथेनुसार)
- ९ डिसेंबर १९४६: संविधान सभेची पहिली बैठक संविधान सभागृहात झाली (आताचा संसद भवन सेंट्रल हॉल). संविधान सभेला संबोधित करणारे पहिली व्यक्ती जे.बी. कृपलानी होते; तात्पुरते अध्यक्ष म्हणून सच्चिदानंद सिन्हा नियुक्त. (स्वतंत्र देशाची मागणी करत मुस्लिम लीगने बैठकीवर बहिष्कार घातला.)
- ११ डिसेंबर १९४६: संविधान सभेचे अध्यक्ष म्हणून राजेंद्र प्रसाद, उपाध्यक्ष म्हणून हरेंद्र कुमार मुखर्जी आणि घटनात्मक कायदेशीर सल्लागार म्हणून बी.एन. राव नियुक्त. (सुरुवातीला ३८९ सदस्य, जे भारताच्या फाळणीनंतर घटून २९९ झाले. ३८९ - २९२ पैकी सरकारी प्रांत, ४ मुख्य आयुक्त प्रांताचे आणि ९३ संस्थानिकांचे सदस्य होते.)
- १३ डिसेंबर १९४६: जवाहरलाल नेहरू यांनी वस्तुनिष्ठ ठराव घटनेची मूलभूत तत्त्वे मांडली. जी नंतर घटनेची प्रस्तावना ठरली.
- २२ जानेवारी १९४७: वस्तुनिष्ठ ठराव सर्वानुमते स्वीकारला.
- २२ जुलै १९४७: संविधान सभेने तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज म्हणून स्वीकारला.
- १५ ऑगस्ट १९४७ : भारताला स्वातंत्र्य प्राप्त झाले. भारत आणि पाकिस्त विभाजित झाले.
- २९ ऑगस्ट १९४७: मसुदा समिती नेमली, जीचे अध्यक्ष डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर होते, तर या समितीचे इतर सदस्य होते: के.एम.मुंशी, मोहम्मद सादुलाह, अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, गोपाळ स्वामी अय्यंगार, एन. माधव राव (त्यांनी बी.एल. मिटरची जागा घेतली ज्यांनी प्रकृती अस्वास्थ्यामुळे राजीनामा दिला होता), टी.टी. कृष्णामचारी (१९४८ मध्ये मृत्यू झालेल्या डीपी खेतानची जागा त्यांनी घेतली),
- १६ जुलै १९४८: हरेंद्र कुमार मुखर्जी व्ही.टी. कृष्णामचारी संविधानसभेचे दुसरे उपाध्यक्ष म्हणूनही निवडले गेले.
- २६ नोव्हेंबर १९४९: भारतीय संविधान संविधान सभेने स्वीकारले व काही कलमे आमलात आली.
- २४ जानेवारी १९५०: संविधानसभेची शेवटची बैठक झाली. भारतीय संविधानामध्ये सर्वांनी स्वाक्षऱ्या करुन त्यास मान्यता दिली. (संविधान ३९५ कलमे, ८ अनुसूची, २२ भाग आहे.)
- २६ जानेवारी १९५०: संपूर्ण भारतीय संविधान अमलात आले. (संविधान निर्मितीसाठी २ वर्षे, ११ महिने, १८ दिवस लागले व एकूण ₹ ६.४ दशलक्ष इतका खर्च आला.)
- भारत प्रजासत्ताक झाल्यानंतर गणेश वासुदेव मावळणकर लोकसभेचे पहिले सभापती होते.
समित्या
संविधान सभेने संविधान बनवण्याच्या वेगवेगळ्या कामांसाठी एकूण २२ समित्या नेमल्या होत्या. यापैकी आठ प्रमुख समित्या आणि इतर उपसमित्या होत्या.
प्रमुख समित्या
- मसुदा समिती - बाबासाहेब आंबेडकर
- केंद्रीय ऊर्जा समिती - जवाहरलाल नेहरू
- केंद्रीय घटना समिती - जवाहरलाल नेहरू
- प्रांतीय घटना समिती - वल्लभभाई पटेल
- मुलभूत हक्क, अल्पसंख्यांक आणि आदिवासी आणि अपवर्जित क्षेत्रांची सल्लागार समिती - वल्लभभाई पटेल. या समितीच्या खालील पोटसमिती होत्याः
- मूलभूत अधिकार उपसमिती - जे.बी कृपलानी
- अल्पसंख्याकांची उपसमिती - हरेंद्र कुमार मुखर्जी
- उत्तर-पूर्व सीमांत आदिवासी क्षेत्र आणि आसाम वगळलेले आणि अंशतः वगळलेले उप-समिती - गोपीनाथ बोर्दोलोई
- वगळलेले आणि अंशतः वगळलेले क्षेत्र (आसामच्या व्यतिरिक्त) उपसमिती - ए.व्ही. ठक्कर
- प्रक्रिया समितीचे नियम - राजेंद्र प्रसाद
- राज्ये समिती (राज्यांशी वाटाघाटी करण्यासाठी समिती) - जवाहरलाल नेहरू
- सुकाणू समिती - राजेंद्र प्रसाद
- राष्ट्रीय ध्वज तदर्थ समिती - राजेंद्र प्रसाद
- संघटनेच्या कार्य समितीची बैठक - ग.वा. मावळणकर
- सभा समिती - बी.पी. सीताराममय
- भाषा समिती - मोटुरी सत्यनारायण
- व्यवसाय समितीचा आदेश - के.एम. मुन्शी
संविधान सभेच्या प्रामुख्याने १६ समित्या होत्या. राज्यघटनेसाठी घटनेसाठी अनेक समित्या स्थापन केल्या गेल्या. प्रमुख समित्यांची यादी खालीलप्रमाणे आहे.
१. राजेंद्र प्रसाद यांच्या अध्यक्षतेखाली प्रक्रिया नियम समिती.
२. राजेंद्र प्रसाद यांच्या अध्यक्षतेखाली सुकाणू समिती.
३. राजेंद्र प्रसाद यांच्या अध्यक्षतेखाली वित्त व कर्मचारी समिती.
४. प्रमाणपत्रे समिती - ज्यांचे अध्यक्ष-अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर.
५. गृहनिर्माण समिती, बी.पट्टाभी सितारामैया यांच्या अध्यक्षतेखाली.
६. सुकाणू समिती, सभापती-के.एम.मुंशी.
७. राजेंद्र प्रसाद यांच्या अध्यक्षतेखाली राष्ट्रीय ध्वजावरील तदर्थ समिती.
८. संविधान सभा च्या कामकाजाची समिती, ज्याचे अध्यक्ष जी.व्ही.मावळणकर.
९. जवाहरलाल नेहरू यांच्या अध्यक्षतेखाली राज्ये समिती.
१०. सरदार वल्लभभाई पटेल यांच्या अध्यक्षतेखाली मूलभूत हक्क, अल्पसंख्यांक आणि आदिवासी व वगळलेल्या क्षेत्रांची सल्लागार समिती.
११. जे.बी. कृपलानी यांच्या अध्यक्षतेखाली मूलभूत अधिकारांवर उपसमिती.
१२. गोपीनाथ बारदोलोई यांच्या अध्यक्षतेखाली पूर्व-पूर्व सीमांत आदिवासी आणि आसामच्या वगळलेल्या आणि अंशतः वगळलेल्या क्षेत्रावरील उपसमिती.
१३. अध्यक्ष-ए.व्ही.ठक्कर सह वगळलेले आणि अंशतः वगळलेले क्षेत्र (आसामचे क्षेत्र वगळता) वरील उपसमिती.
१४. फेडरल पावर समिती, जवाहरलाल नेहरू यांच्या अध्यक्षतेखाली.
१५. फेडरल कॉन्स्टिट्यूशन कमिटी, जवाहरलाल नेहरू यांच्या अध्यक्षतेखाली.
१६. मसुदा समिती, ज्याचे अध्यक्ष बी.आर.आंबेडकर.
डॉक्युमेंटरी तथ्यपूर्ण सत्य म्हणजे या सर्व समित्यांनी त्यांच्या कार्यक्षमतेच्या सर्वोत्कृष्टतेने कार्य करून घटनेचे काम केले आहे. अनुक्रमांक १ ते अनुक्रमे १५ या कालावधीत वर्णन केलेल्या समित्यांच्या अहवालांवर संविधानसभेत चर्चा, वादविवाद आणि वादविवाद होते. अखेरीस, ज्या मुद्द्यांवरून संविधान सभा मान्य झाली किंवा बहुसंख्य लोकांच्या पसंतीस गेले त्यानुसार संविधान १ डॉ. आंबेडकर यांच्या अध्यक्षतेखालील ७-सदस्यांच्या समितीनेच लिहिले होते, ज्याचा आदेश १६ रोजी देण्यात आला होता. या समितीने राज्यघटना तयार केली नव्हती. सर्वात मोठी वस्तुस्थिती अशी आहे की मूलभूत हक्कांच्या निर्धारासाठी समितीचे अध्यक्ष सरदार बल्लभभाई पटेल होते. डॉ. आंबेडकर या समितीचे सदस्यही नव्हते. मूलभूत अधिकार लेखात मागासवर्गीयांचे प्रतिनिधित्व आहे. व्यावसायिक आरक्षण रद्द करून देशातील सर्व घटकांच्या समानतेच्या उद्देशाने घटनात्मक प्रतिनिधित्व (आरक्षण) केले गेले. जेणेकरून प्रशासनात प्रत्येकाचा सहभाग उच्च स्तरावर सुनिश्चित होऊ शकेल.
टीका
घटनेची अलीकडील काळात टीका केली गेली आहे की घटनात्मक सदस्यांची निवड सार्वभौम मताधिक्याने नव्हे तर उलट ते मुख्यत: कॉंग्रेस पक्षाचे सदस्य होते. असा युक्तिवाद केला जात आहे की कॉंग्रेस पक्षाने ब्रिटिश सत्ता उलथून टाकण्याचे नव्हे तर त्यांची सत्ता भारतीयांच्या हाती हस्तांतरित करण्याचे उद्दीष्ट ठेवले आहे. भारतीय संविधान: चमत्कारी, आत्मसमर्पण, आशा, ”या त्यांच्या पुस्तकात राजीव धवन यांनी असा युक्तिवाद केला आहे की राज्यघटना तयार करण्यात भारतीय लोकांचा फारसा विचार नव्हता जो त्यांना स्वीकारण्याशिवाय पर्याय नव्हता. संविधान सभासद हे बहुतेक प्रबळ जातींचे हिंदू पुरुष होते, ज्यांनी शेवटी घटनेतील काही विशिष्ट हिंदू, वर्चस्व-जाती आणि पुरुषप्रधान पक्षांना अंतर्भूत केले.
संविधान सभेचे महत्त्वाचे सदस्य
- बाबासाहेब आंबेडकर, घटनातज्ज्ञ व मसुदा समितीचे अध्यक्ष
- बी.एन. राव, घटनात्मक सल्लागार
- जवाहरलाल नेहरू, भारताचे पहिले पंतप्रधान
- सरदार वल्लभभाई पटेल, पहिले उपपंतप्रधान आणि गृहमंत्री
- जे.बी. कृपलानी, स्वातंत्र्याच्या वेळी भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेसचे अध्यक्ष
- मौलाना अबुल कलाम आझाद, शिक्षणमंत्री
- राजेंद्र प्रसाद, संविधान सभेचे अध्यक्ष
- सी. राजगोपालाचारी, भारताचे गव्हर्नर जनरल
- सैराटचंद्र बोस, बॅरिस्टर आणि भारतीय स्वातंत्र्य कार्यकर्ते
- कृष्णा सिन्हा, बिहारचे पहिले मुख्यमंत्री
- बिनोदानंद झा
- अनुग्रह नारायण सिन्हा, बिहारचे उपमुख्यमंत्री आणि अर्थमंत्री
- रफी अहमद किदवई
- असफ अली, रेल्वे आणि परिवहन मंत्री
- स्यामा प्रसाद मुखर्जी, उद्योग मंत्री, हिंदू महासभेचे अध्यक्ष
- मोटुरी सत्यनारायण, स्वातंत्र्य सेनानी
- राजकुमारी अमृत कौर, आरोग्य मंत्री
- हंसा मेहता, अखिल भारतीय महिला परिषदेचे अध्यक्ष
- एन.जी. रंगा
- दीप नारायण सिंह, बिहारचे मंत्री
- गोपीनाथ बोर्दोलोई, आसामचे राजकारणी
- सर सय्यद मुहम्मद सदुल्ला, आसाम
- पी. सुब्बारायण
- कैलाशनाथ काटजू
- एन. गोपालास्वामी अय्यंगार
- टी.टी. कृष्णामचारी
- रामेश्वर प्रसाद सिन्हा
- दुर्गाबाई देशमुख
- के.एम. मुन्शी
- काएद मिलथ मोहम्मद इस्माईल साहिब, आययूएमएलचे पहिले अध्यक्ष आणि खासदार
- कृष्ण बल्लभ सहाय
- फ्रँक अँथनी, अँग्लो-भारतीय प्रतिनिधी
- सर्वपल्ली राधाकृष्णन
- जॉन मथाई, भारताचे पहिले रेल्वेमंत्री
- प्रताप सिंह कैरॉन
- के. कामराज, तामिळनाडूचे तिसरे मुख्यमंत्री
- चिदंबरम सुब्रमण्यम
- जयपालसिंग मुंडा, माजी हॉकी कर्णधार आणि आदिवासी नेते
- हरगोविंद पंत
- मौलाना हिफझुर रहमान सेहोरवी
प्रांतनिहाय संविधान सभेचे सदस्य
मद्रास
एनी मस्करेन, ओ.व्ही.अलगेसन, सौ. अम्मू स्वामीनाथन, एम.अनंतहासं आयंगर, मोटुरी सत्यनारायण, सौ. दक्षयानी वलयुद्धन, श्रीमती जी. दुर्गाबाई, कला वेंकटराव, एन. गोपालास्वामी अय्यंगार, डी. गोविंदा दास, रेव्ह. जेरोम डिसोझा, पी. कक्कन, टी.एम. कालियानान गौंडर, के. कामराज, व्ही.सी. केसावा राव, टी.टी. कृष्णामचारी, अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर एल. कृष्णस्वामी भारती, पी.कुनिरामन, मोसालीकांती तिरुमाला राव, व्ही. आय. मुनुस्वामी पिल्लई, एम. ए. मुथिय्या चेटियार, व्ही. नादिमुथु पिल्लई, एस. नागप्पा, पी एल एल नरसिंह राजू, बी. पट्टाभी सितारामाया, सी. पेरूमलस्वामी रेड्डी, ट. प्रकाशन, एस. एच. प्रॅटर, बॉबीबिलीचा राजा स्वेताचलपती रामकृष्ण रेंगा रोआ, आर. के. शानमुखम चेट्टी, ट. उ. रामलिंगम चेतियार, रामनाथ गोएंका, ओ.पी.रामास्वामी रेडियार, एन. जी. रंगा, नीलम संजीवा रेड्डी, शेक गॅलिब साहिब, के. संधानम, बी. शिवराव,, कल्लूर सुब्बा राव, यू. श्रीनिवास मल्ल्या, पी. सुब्बारायण, सी. सुब्रमण्यम, व् सुब्रमण्यम, एम. सी. वीरबाहू पिल्लई, पी. एम. वलयुदापाणी, ए. के. मेनन, टी. जे. एम. विल्सन, कदे मिलथ मोहम्मद इस्माईल साहिब, के. टी. एम. अहमद इब्राहिम, महबूब अली बेग साहिब बहादूर, बी. पोकर साहिब बहादूर, पट्टम तनुपिल्लई
बॉम्बे:
बालचंद्र महेश्वर गुप्ते, हंस मेहता, हरि विनायक पाटस्कर, डॉ. बी. आर. आंबेडकर, जोसेफ अल्बान डिसोझा, कन्यालाल नानाभाई देसाई, केशवराव मारुतीराव जेधे, खंडूभाई कसनजी देसाई, बाळ गंगाधर खेर, एम.आर. मसाणी, के.एम. मुंशी, नरहर विष्णू गाडगीळ, एस. निजलिंगप्पा, एस. के. पाटील, रामचंद्र मनोहर नलावडे, आर. आर. दिवाकर, शंकरराव देव, जी. व्ही. मावळणकर, वल्लभभाई पटेल, अब्दुल कादर मोहम्मद शेख, ए. खान
पश्चिम बंगाल:
मोनो मोहन दास, अरुण चंद्र गुहा, लक्ष्मी कांता मैत्र, मिहिर लाल चट्टोपाध्याय, सतीस चंद्र सामंता, सुरेशचंद्र मजूमदार, उपेंद्रनाथ बर्मन, प्रभुदयाल हिमसिंगका, बसंत कुमार दास, रेणुका रे, एच. सी. मुखर्जी, सुरेंद्र मोहन घोसे, स्यामा प्रसाद मुखर्जी, अरि बहादुर गुरुंग, आर. ई. प्लॅटेल, के. सी. नोगी, रघिब अहसन, सोमनाथ लाहिरी, जसीमुद्दीन अहमद, नजीरुद्दीन अहमद, अब्दुल हमीद, अब्दुल हलीम घुझनवी
संयुक्त प्रांत:
मौलाना हिफझुर रहमान सेहोरवी, अजित प्रसाद जैन, अल्गु राय शास्त्री, बाळकृष्ण शर्मा, बंशी धर मिसरा, भगवान दिन, दामोदर स्वरूप सेठ, दयाल दास भगत, धर्म प्रकाश, ए. धरम दास, आर. व्ही. धुळेकर, फिरोज गांधी, गोपाल नारायण, कृष्णचंद्र शर्मा, गोविंद बल्लभ पंत, गोविंद मालवीय, हर गोविंद पंत, हरिहर नाथ शास्त्री, हृदय नाथ कुंजरू, जसपत रॉय कपूर, जगन्नाथ बक्षसिंग, जवाहरलाल नेहरू, जोगेंद्र सिंह, जुगल किशोर, ज्वाला प्रसाद श्रीवास्तव, बी. व्ही. केसकर, कमला चौधरी, कमलापती त्रिपाठी, जे. बी कृपलानी, महावीर त्यागी, खुर्शेद लाल, मसूर्या दिन, मोहन लाल सकसेना, पदमपत सिंघानिया, फूल सिंह, परागी लाल, पूर्णिमा बॅनर्जी, पुरुषोत्तम दास टंडन, हीरा वल्लभ त्रिपाठी, राम चंद्र गुप्ता, शिब्बन लाल सक्सेना, सतीश चंद्र, जॉन मठाई, सुचेता कृपलानी, सुंदर लॉल, वेंकटेश नारायण तिवारी, मोहनलाल गौतम, विश्वभार दयाल त्रिपाठी, विष्णू शरण दुब्लीश, बेगम ऐजाज रसूल, हैदर हुसेन, हसरत मोहनी, अबुल कलाम आझाद, मुहम्मद इस्माईल खान, रफी अहमद किदवई, झेड एच लारी
पूर्व पंजाब:
बक्षी टेक चंद, जयरामदास दौलतराम, ठाकूरदास भार्गव, बिक्रमलाल सोंधी, यशवंत राय, रणबीरसिंग हूडा, लाला अचिंत राम, नंद लाल, बलदेव सिंह, ज्ञानी गुरमुख सिंह मुसाफिर, सरदार हुकम सिंह, सरदार भोपिंदरसिंग मान, सरदार रतनसिंग लोहगड चौधरी सूरज माल
बिहार:
अमीयो कुमार घोष, अनुग्रह नारायण सिन्हा, बनारसी प्रसाद झुंझुनवाला, भागवत प्रसाद, बोनिफास लाकरा, ब्रजेश्वर प्रसाद, चंडिका राम, के. टी. शाह, देवेंद्र नाथ सामंता, दिप नारायण सिन्हा, गुप्तनाथ सिंह, जादुबान सहाय, जगत नारायण लाल, जगजीवन राम, जयपालसिंग मुंडा, कामेश्वर सिंग दरभंगाचे, कमलेश्वरी प्रसाद यादव, महेश प्रसाद सिन्हा, कृष्णा बल्लभ सहाय, रघुनंदन प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद, रामेश्वर प्रसाद सिन्हा, रामनारायण सिंह, सच्चिदानंद सिन्हा, सारंगधर सिन्हा, सत्यनारायण सिन्हा, बिनोदानंद झा, पी. के. सेन, श्रीकृष्ण सिन्हा, श्री नारायण महठा, सायमानंदन मिश्रा, हुसेन इमाम, सय्यद जाफर इमाम, लतीफुर रहमान, मोहम्मद ताहिर, ताजामुल हुसेन, चौधरी आबिद हुसेन. हरगोविंद मिश्रा
मध्य प्रांत आणि बेरार:
अंबिका चरण शुक्ला, रघु विरा, राजकुमारी अमृत कौर, भगवंतराव मांडलोई, बृजलाल बियाणी, ठाकूर चीडीलाल, सेठ गोविंद दास, हरि सिंह गौर, हरी विष्णू कामथ, हेमचंद्र जागोबाजी खांडेकर, रतनलाल किशोरीलाल मालवीय, घनश्यामसिंह गुप्ता, लक्ष्मण श्रावण भटकर, पंजाबराव देशमुख, रविशंकर शुक्ला, आर. के. सिद्धवा, दादा धर्माधिकारी, फ्रँक अँथनी, काजी सय्यद करीमुद्दीन, गणपतराव दानी
आसाम:
निबरन चंद्र लस्कर, धरणीधर बसू-मातारी, गोपीनाथ बारदोलोई, जे. जे. एम. निकोलस-रॉय, कुलधर चालिहा, रोहिणी कुमार चौधरी, मुहम्मद सादुल्ला, अब्दूर रौफ
ओरिसा:
विश्वनाथ दास, कृष्णचंद्र गजपती नारायण देव, हरेकृष्ण महताब, लक्ष्मीनारायण साहू लोकनाथ मिश्रा, नंदकिशोर दास, राजकृष्ण बोस, संतानू कुमार दास, युधिशिर मिश्रा
दिल्ली:
अजमेर-मेरवाडा:
कुर्ग:
मैसूर:
के.सी. रेड्डी, टी. सिद्दलिंगिया, एच. आर. गुरुव रेड्डी, एस. व्. कृष्णमूर्ती राव, के. हनुमंथैया, एच. सिद्धवीरप्पा, टी. चन्न्या
जम्मू आणि काश्मीर:
शेख मुहम्मद अब्दुल्ला, मोतीराम बैगरा, मिर्झा मोहम्मद अफझल बेग, मौलाना मोहम्मद सईद मसूदी
त्रावणकोर-कोचीन:
पाटम ए. थानू पिल्लई, आर. शंकर, पी. टी. चाको, पानमपल्ली गोविंदा मेनन, Ieनी मस्करेन, पी.एस. नटराज पिल्लई, के.ए. मोहम्मद, पी.के.लक्ष्मणान
मध्य भारत:
विनायक सीताराम सरवते, बृजराज नारायण, गोपीकृष्ण विजयवर्गीय, राम सहाय, कुसुम कांत जैन, राधावल्लभ विजयवर्गीय, सीताराम एस जाजू
बलवंत राय गोपाळजी मेहता, जयसखलाल हठी, अमृतलाल विठलदास ठक्कर, चिमणलाल चकुभाई शाह, समलदास लक्ष्मीदास गांधी
राजस्थान:
व्ही. टी. कृष्णामचारी, हिरालाल शास्त्री, खेत्रीचे सरदारसिंहजी, जसवंतसिंगजी, राज भादूर, माणिक्य लाल वर्मा, गोकुळ लाल आसावा, रामचंद्र उपाध्याय, बलवंत सिन्हा मेहता, दलेल सिंग, जैनारायण व्यास
पटियाला आणि पूर्व पंजाब राज्ये संघ :
रणजितसिंग, सोचेत सिंग, भगवंत रॉय
बॉम्बे स्टेट्स:
विनायकराव बलशंकर वैद्य, बी. एन. मुनावल्ली, गोकुळभाई दौलतराम भट्ट, जीवराज नारायण मेहता, गोपाळदास ए देसाई, परानलाल ठाकूरलाल मुंशी, बी.एच.खर्डेकर, रत्नप्पा भारमप्पा कुंभार बी.एन.दातार
ओरिसा राज्ये:
लाल मोहन पति, एन. माधव राऊ, राज कुंवर, सारंगाधर दास, युधिष्ठिर मिश्रा
मध्य प्रांत राज्ये:
आर.एल.मालवीय, किशोरीमोहन त्रिपाठी, रामप्रसाद पोटाई
युनायटेड प्रांत राज्ये:
मद्रास स्टेट्स:
व्ही. रमायाह, रामकृष्ण रंगराव]
विंध्या प्रदेश:
अवदेश प्रताप सिंह, शंभू नाथ शुक्ला, राम सहाय तिवारी, मन्नूलालजी द्विडेदी
कूच बिहार:
महेश्वरी हिम्मतसिंग के
त्रिपुरा आणि मणिपूर:
गिरजा शंकर गुहा
भोपाळ:
कच्छ:
हिमाचल प्रदेश:
नंतर विभाजनानंतर माघार घेतलेले सदस्य
पूर्व बंगाल: अब्दुल्ला अल महमूद, मौलाना मोहम्मद अब्दुल्ला अल बाकी, अब्दुल हमीद, अब्दुल कसीम खान, मोहम्मद अक्रम खान, ए.हमीद, अझीझुद्दीन अहमद, मुहम्मद हबीबुल्ला बहार, प्रेम हरि बरमा, राज कुमार चक्रवर्ती, श्रीसचंद्र चट्टोपाध्याय, अब्दुल मतीन चौधरी, मुर्तजा रझा चौधरी, हमीदुल हक चौधरी, अक्षय कुमार दास, धीरेंद्र नाथ दत्ता, भूपेंद्र कुमार दत्ता, इब्राहिम खान, फजलुल हक, फजलूर रहमान, घायसुद्दीन पठाण, बेगम शाइस्ता सोहरावर्दी इक्रमुल्ला, लियाकत अली खान, माफीझुद्दीन अहमद, महमूद हुसेन, ज्ञानेंद्रचंद्र मजुमदार, ए. एम. मलिक, बिराट चंद्र मंडळ, जोगेंद्र नाथ मंडळ, मोहम्मद अली, ख्वाजा नाझीमुद्दीन, एम.ए.बी.एल. नूर अहमद, नूरुल अमीन, इश्तियाक हुसेन कुरेशी, श्री धनंजय एम.ए. बी.एल. रॉय,, माऊडी भाकेश चंदा, बी.एल. सेराजुल इस्लाम, मौलाना शब्बीर अहमद उस्मानी, शहाबुद्दीन ख्वाजा, एच.एस. सुहरावर्डी, हरेंद्र कुमार सुर, तमीझुद्दीन खान, कविवि केरवार दत्ता, गुलाम मोहम्मद
पश्चिम पंजाब: मियां मुमताज मोहम्मद खान दौलताना, गंगा सारण, जफरउल्ला खान, इफ्तिखार हुसेन खान, मियां मुहम्मद इफ्तिखरुद्दीन, मुहम्मद अली जिन्ना, शेख करमत अली, नजीर अहमद खान, सरदार अब्दुर रब निस्तार, फिरोज खान नून, ओमर हयात मलिक, शाह नवाज बेगम जहां आरा, सरदार शौकत हयात खान,
वायव्य सीमावर्ती प्रांत: खान अब्दुल गफर खान, खान सरदार बहादूर खान, सरदार असद उल्लाह जान खान
सिंध: अब्दुस सत्तार अब्दुर रहमान, आल्हाज मुहम्मद हाशिम गॅझडर, एम.ए. खुहरो
बलुचिस्तान: एस. बी. नवाब मोहम्मद खान जोगझई
मद्रास: दुर्गाबाई देशमुख
बॉम्बे: हंसा मेहता
मध्य प्रांत आणि बेरार: राजकुमारी अमृत कौर
चित्रदालन
जवाहरलाल नेहरू आणि अन्य सदस्य १४ आणि १५ ऑगस्ट १९४७ रोजी आयोजित केलेल्या भारतीय संविधान सभेच्या मध्यरात्री अधिवेशनात प्रतिज्ञा घेत होते.
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अध्यक्ष, भारतीय संविधान सभेच्या मसुदा समितीच्या अन्य सदस्यांसह, २९ ऑगस्ट १९४७ रोजी.
२५ नोव्हेंबर १९४९ रोजी डॉ. राजेंद्र प्रसाद यांना भारतीय राज्यघटनेचा अंतिम मसुदा सादर करताना मसुदा समितीचे अध्यक्ष डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर.
भारताच्या संविधान सभेत डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर.
जवाहरलाल नेहरू १९४६ मध्ये संविधान सभेला संबोधित करताना.
संदर्भ
- ^ एम.लक्ष्मीकांत, इंडियन पॉलीटी फॉर सिव्हिल सर्व्हिसेस एक्झामिनेशन, तृतीय आवृत्ती, (नवी दिल्ली: टाटा मॅकग्रा हिल एज्युकेशन प्रायव्हेट लिमिटेड, २०११), पी. २.३
- ^ रविचंद्रन, प्रियदर्शनी (२०१६-०३-११). "ज्या महिलांनी आमच्या घटनेचा मसुदा तयार करण्यात मदत केली". livemint.com/. २०१८-१२-०२ रोजी पाहिले.
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अधिक वाचन
- ऑस्टिन, ग्रॅनविले भारतीय संविधान, राष्ट्राचा आधार , नवी दिल्ली: ओओपी इंडिया, १९९९
- बिपन चंद्र, मृदुला मुखर्जी आणि आदित्य मुखर्जी. स्वातंत्र्य पासून भारत : सुधारित संस्करण. नवी दिल्ली: पेंग्विन बुक्स इंडिया, २००८
- राज्यसभा टीव्हीने बनवलेल्या "संविधान" नावाच्या भारतीय १० भागांच्या टीव्ही मालिकेमध्ये भारतीय संविधानाची निर्मिती कशी केली गेली याचे सविस्तर वर्णन केले गेले आहे.