अग्नि पुराण
Appearance
हा लेख/विभाग स्वत:च्या शब्दात विस्तार करण्यास मदत करा. |
हिंदू धर्मग्रंथावरील लेखमालेचा भाग | |
वेद | |
---|---|
ऋग्वेद · यजुर्वेद | |
सामवेद · अथर्ववेद | |
वेद-विभाग | |
संहिता · ब्राह्मणे | |
आरण्यके · उपनिषदे | |
उपनिषदे | |
ऐतरेय · बृहदारण्यक | |
ईश · तैत्तरिय · छांदोग्य | |
केन · मुंडक | |
मांडुक्य ·प्रश्न | |
श्वेतश्वतर ·नारायण | |
कठ | |
वेदांग | |
शिक्षा · छंद | |
व्याकरण · निरुक्त | |
ज्योतिष · कल्प | |
महाकाव्य | |
रामायण · महाभारत | |
इतर ग्रंथ | |
स्मृती · पुराणे | |
भगवद्गीता · ज्ञानेश्वरी · गीताई | |
पंचतंत्र · तंत्र | |
स्तोत्रे ·सूक्ते | |
मनाचे श्लोक · रामचरितमानस | |
शिक्षापत्री · वचनामृत |
अग्नि पुराण, हे हिंदू धर्मातील १८ पुराणांपैकी एक आहे.यात विष्णूच्या विविध अवतारांचे वर्णन आहे, तसेच राम ,कृष्ण आणि पृथ्वी आदी ग्रहांचेही वर्णन यात केले आहे.यात, पूजा,ज्योतिष,इतिहास,युद्ध, संस्कृत व्याकरण,आयुर्वेद व धनुर्वेद ईत्यादींचे वर्णन करणारे अनेक श्लोक आहेत. हे अग्नीपुराण, अग्नीने वशिष्ठ ऋषीस सांगीतले असे म्हणतात.
यात ३८३ प्रकरणे आहेत.'अग्निपुराण परिशिष्टम्' हे ईतर सहा प्रकरणांचे परिशिष्ट आहे.