अशोक चक्र (पदक)
अशोक चक्र | ||
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पुरस्कार माहिती | ||
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प्रकार | नागरिक | |
वर्ग | सामान्य | |
स्थापित | ०४ जानेवारी १९५२ | |
प्रथम पुरस्कार वर्ष | १९५४ | |
अंतिम पुरस्कार वर्ष | २०१२ | |
एकूण सन्मानित | २३५ | |
सन्मानकर्ते | भारत सरकार | |
पूर्व नावे | पहिला वर्ग | |
उलट | ![]() | |
रिबन | Ashoka Chakra ribbon.svg |
अशोक चक्र पुरस्कार हा भारताचा सैन्य पुरस्कार असून शांती काळात दाखवलेल्या अतुलनीय कामगिरीबाबत हा पुरस्कार देण्यात येतो.
पदक[संपादन]
अशोक चक्र पदक गोलाकार, दोनों तरफ रिमों के साथ 1.38 इंच का व्यास और स्वर्ण-कलई का होता है। इसके अग्रभाग पर तथा केन्द्र में अशोक चक्र की प्रतिकृति उत्कीर्ण होती है जिसके चारों ओर कमल-माला है। इसके पश्चभाग पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों में “अशोक चक्र” शब्द उत्कीर्ण होते हैं। "[१]
फीता[संपादन]
अशोक चक्र का फीता नारंगी खड़ी लाइन द्वारा दो बराबर भागों में विभाजित हरे रंग का होता है।
बार[संपादन]
यदि कोई चक्र प्राप्तकर्ता ऐसी वीरता का कार्य पुनः करता है जो उसे चक्र प्राप्त करने के लिए पुनः पात्र बनाता है तो फीते को जोड़े जाने के लिए ऐसे और वीरता के कार्य की पहचान बार द्वारा की जाती है जिसके द्वारा चक्र संलग्न हो जाता है और प्रत्येक ऐसे तदनन्तर वीरतापूर्ण कार्य के लिए एक अतिरिक्त बार शामिल किया जाता है। ऐसे प्रत्येक बार के लिए लघुचित्र में चक्र की एक प्रतिकृति, इसे अकेले पहनते समय फीते के साथ शामिल की जाती है।
अशोक चक्र पदक का इतिहास[संपादन]
अशोक चक्र पदक सन्मान सेना के जवान, आम नागरिक को जीवित या मरणोपरांत दिया जाता है। १९४७ में स्वतंत्रता के बाद से अब तक ९० लोगों को अशोक चक्र सम्मान दिए गए हैं। इस सन्मान की स्थापना ४ जनवरी १९५२ को हुई थी । प्रारम्भ में इसका नाम ‘अशोक चक्र, वर्ग-1’ था। सन् १९६७ में इस सन्मान से वर्ग की अनिवार्यता को हटा दिया गया और इसके समकक्ष तीन सन्मान घोषित किए गए। इनका नामकरण क्रमश ‘अशोक चक्र’, ‘कीर्ति चक्र’ और ‘शौर्य चक्र’ किया गया। १ फरवरी १९९९ से केंद्र सरकार ने अशोक चक्र के लिए १४०० रुपए का मासिक भत्ता निर्धारित किया है।
अशोक चक्र प्राप्तकर्ता[संपादन]
पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की सूची, वर्षवार
साचा:भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सन्मान और पदक