"जुन्नर तालुका" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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ओळ ७२: | ओळ ७२: | ||
==पर्यटन== |
==पर्यटन== |
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क] निसर्गाने नटलेले आठ किल्ले : |
क] निसर्गाने नटलेले आठ किल्ले : |
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# किल्ले चावंड (चावंड गाव) |
# किल्ले चावंड (चावंड गाव) |
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# किल्ले जीवधन (घाटघर) |
# किल्ले जीवधन (घाटघर) |
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ओळ ८१: | ओळ ८१: | ||
# किल्ले हडसर (हडसर गाव) |
# किल्ले हडसर (हडसर गाव) |
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# किल्ले ढाकोबा (आंबोली/ ढाकोबा) |
# किल्ले ढाकोबा (आंबोली/ ढाकोबा) |
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#किल्ले हरिचंद्रगड (खिरेश्वर) |
#किल्ले हरिचंद्रगड (खिरेश्वर) |
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ख] लेणी समूह :<br/> |
ख] लेणी समूह :<br/> |
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भारतात जुन्नर तालुका हा भारतातील एकमेव असा तालुका आहे की जेथे सर्वाधिक ३६० लेणी आहेत. त्यांमधे हिंदू, बौद्ध, जैन लेण्यांचा समावेश आहे. लेण्यांची यादी : |
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भारतात जुन्नर तालुका हा भारतातील एकमेव असा तालुका आहे की जेथे सर्वाधिक ३६० लेणी आहेत. त्यांमधे हिंदू, बौद्ध, जैन लेण्यांचा समावेश आहे. लेण्यांची यादी :- <br/> |
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# अंबा-अंबिका लेणी (खोरे वस्ती-जुन्नर) |
# अंबा-अंबिका लेणी (खोरे वस्ती-जुन्नर) |
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# खिरेश्वर लेणी समूह (खिरेश्वर) |
# खिरेश्वर लेणी समूह (खिरेश्वर) |
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ओळ ९९: | ओळ ९८: | ||
# हडसर लेणी (हडसर गाव) |
# हडसर लेणी (हडसर गाव) |
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ग] प्रसिद्ध मंदिरे : |
ग] प्रसिद्ध मंदिरे : |
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# अष्टविनायक मंदिर: |
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# गिरिजात्मक (लेण्याद्री) |
# गिरिजात्मक (लेण्याद्री) |
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# विघ्नेश्वर (ओझर) |
# विघ्नेश्वर (ओझर) |
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ग़-२ ] हेमाडपंथी बांधणीतील प्राचीन मंदिरे : |
ग़-२ ] हेमाडपंथी बांधणीतील प्राचीन मंदिरे : |
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# कुकडेश्वर मंदिर (कुकडेश्वर) |
# कुकडेश्वर मंदिर (कुकडेश्वर) |
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# नागेश्वर मंदिर (खिरेश्वर) |
# नागेश्वर मंदिर (खिरेश्वर) |
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ओळ ११०: | ओळ १०८: | ||
# हरिश्चंद्रेश्वर मंदिर (हरिश्चंद्रगड) |
# हरिश्चंद्रेश्वर मंदिर (हरिश्चंद्रगड) |
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ग-३] अन्य प्राचीन मंदिरे : |
ग-३] अन्य प्राचीन मंदिरे : |
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# उत्तरेश्वर मंदिर (जुन्नर) |
# उत्तरेश्वर मंदिर (जुन्नर) |
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# कपर्दिकेश्वर मंदिर (ओतूर) |
# कपर्दिकेश्वर मंदिर (ओतूर) |
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ओळ १२७: | ओळ १२५: | ||
# हाटकेश्वर मंदिर (हाटकेश्वर डोंगर) |
# हाटकेश्वर मंदिर (हाटकेश्वर डोंगर) |
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ग-४] संत समाधिमंदिरे : |
ग-४] संत समाधिमंदिरे : |
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# संत जगदगुरू तुकाराम महाराजांचे गुरू - केशव तथा बाबाजी चैतन्य महाराज यांची समाधी (ओतूर) |
# संत जगदगुरू तुकाराम महाराजांचे गुरू - केशव तथा बाबाजी चैतन्य महाराज यांची समाधी (ओतूर) |
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# संत मनाजीबाबा पवार(निमगावसावा) |
# संत मनाजीबाबा पवार(निमगावसावा) |
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ओळ १३३: | ओळ १३१: | ||
# संत ज्ञानेश्वर वेद प्रणीत रेड्याची समाधी (आळे) |
# संत ज्ञानेश्वर वेद प्रणीत रेड्याची समाधी (आळे) |
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घ] निसर्गरम्य घाट : |
घ] निसर्गरम्य घाट : |
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# अणे घाट |
# अणे घाट |
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# इंगळून घाट |
# इंगळून घाट |
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ओळ १४४: | ओळ १४२: | ||
# हिवरे-मिन्हेरे घाट |
# हिवरे-मिन्हेरे घाट |
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च] प्रसिद्घ धबधबे :<br/> |
च] प्रसिद्घ धबधबे :<br/> |
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1)आंबोली<br/> |
1)आंबोली<br/> |
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2)नाणेघाट<br/> |
2)नाणेघाट<br/> |
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ओळ १७५: | ओळ १७३: | ||
ट] उंच शिखरे :<br/> |
ट] उंच शिखरे :<br/> |
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1) हरिचंद्रगड(१४२४ मीटर) : पुणे जिल्ह्यातील सर्वात उंच डोगर शिखर<br/> |
1) हरिचंद्रगड(१४२४ मीटर) : पुणे जिल्ह्यातील सर्वात उंच डोगर शिखर<br/> |
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2) जीवधन |
2) जीवधन |
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ठ] पठारे : <br/> |
ठ] पठारे : <br/> |
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ओळ १८१: | ओळ १७९: | ||
2)नळावणे पठार<br/> |
2)नळावणे पठार<br/> |
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3)कोपरे-मांडवे पठार<br/> |
3)कोपरे-मांडवे पठार<br/> |
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4)अणे पठार |
4)अणे पठार |
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ड] गिर्यारोहकांना आव्हान देणारे उंच कडे : |
ड] गिर्यारोहकांना आव्हान देणारे उंच कडे : |
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1) नाणे घाट<br/> |
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1) नाणेघाट |
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2) माळशेज घाट<br/> |
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2) माळशेजघाट |
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3) दार्या घाट<br/> |
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3) दार्याघाट |
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4) ढाकोबा |
4) ढाकोबा<br/> |
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5) दुर्गादेवी |
5) दुर्गादेवी<br/> |
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6) हरिचंद्रगड |
6) हरिचंद्रगड<br/> |
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ढ] नैसर्गिक पुल |
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ढ] नैसर्गिक पूल : |
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1) आणे घाटातिल नैसर्गिक पुल |
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1) अणे घाटातील नैसर्गिक पूल<br/> |
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2) हटकेश्वर डोंगरावरील नैसर्गिक पूल |
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ण] प्रसिद्ध विहीर: |
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1) बाराव बावडी-जुन्नर |
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ण] प्रसिद्ध विहिरी :<br/> |
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2) पुंदल बावडी-जुन्नर |
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1) बारव बावडी-जुन्नर<br/> |
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3) आमडेकर विहीर-पाडळी |
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2) पुंदल बावडी-जुन्नर<br/> |
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त] ऐतिहासीक वास्तु |
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3) आमडेकर विहीर-पाडळी<br/> |
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1) सैदागर हाबणी घुमट-हापुसबाग |
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2) 300 वर्षे जुनी मलिकांबर बाराबावडी पाणीपुरवठा योजना-जुन्नर शहर |
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त] ऐतिहासिक वास्तु :<br/> |
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3) नवाब गढी-बेल्हे |
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1) सैदागर हाबणी घुमट-हापूसबाग<br/> |
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2) ३०० वर्षे जुनी मलिकंबर बाराबावडी पाणीपुरवठा योजना-जुन्नर शहर<br/> |
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3) नवाब गढी-बेल्हे<br/> |
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4)गिब्सन निवास व समाधी |
4)गिब्सन निवास व समाधी |
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थ] जुन्नर तालुक्यातील दगड घंटेसारखे वाजतात. |
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थ] जुन्नर तालुक्यातील दगड घंटेसारखे वाजतात.<br/> |
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1)आंबे गावच्या पश्चिमेस 200 मीटरवर |
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1)आंबे गावच्या पश्चिमेस २०० मीटरवर<br/> |
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2)दुर्गादेवी किल्ले टॉप वर |
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2)दुर्गादेवी किल्ल्याच्या टॉपवर |
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द] रांजणखळगे : |
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1) माणिकडोह गाव-कुकडी नदी |
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द] रांजणखळगे :<br/> |
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1) माणिकडोह गाव-कुकडी नदी<br/> |
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2) निघोज-कुकडी नदी |
2) निघोज-कुकडी नदी |
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ध] दहा लाख वर्षांपुर्वीची ज्वालामुखीय राख |
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ध] दहा लाख वर्षांपूर्वीची ज्वालामुखीची राख :<br/> |
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डेक्कन कॉलेजच्या पुरातत्व संशोधन विभागाने केलेल्या उत्खननात बोरी बुद्रुक व खुर्द या गावांत कुकडी नदीच्या किनाऱ्यावर इंडोनेशियामध्ये 10 लाख वर्षांपूर्वी झालेल्या ज्वालामुखीच्या राखेचे साठे आढळून आले आहेत. याच ठिकाणी झालेल्या अन्य उत्खननांमध्ये अश्मयुनिक हत्यारे, हस्तीदंत आदी महत्वपूर्ण पुरातत्वावशेष सापडले आहेत. डेक्कन कॉलेज व बोरी ग्रामपंचायत या सर्व पुरातत्विय ठेव्याचे संरक्षण व संग्रहालय करण्यासाठी प्रयत्नशील आहेत. |
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डेक्कन कॉलेजच्या पुरातत्त्व संशोधन विभागाने केलेल्या उत्खननात बोरी बुद्रुक व खुर्द या गावांत कुकडी नदीच्या किनाऱ्यावर इंडोनेशियामध्ये दहा लाख वर्षांपूर्वी झालेल्या ज्वालामुखीच्या राखेचे साठे आढळून आले आहेत. याच ठिकाणी झालेल्या अन्य उत्खननांमध्ये अश्मयुगीन हत्यारे, हस्तिदंत आदी मोलाचे पुरातत्त्वावशेष सापडले आहेत. डेक्कन कॉलेज व बोरी ग्रामपंचायत या सर्व पुरातत्वीय ठेव्याचे संरक्षण व संग्रहालय करण्यासाठी प्रयत्नशील आहेत. |
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न] जागतिक केंद्रे: |
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1)जागतिक महादुर्बिन-खोडद |
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न] जागतिक केंद्रे :<br/> |
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2)विक्रम दळणवळण उपग्रह केंद्र-आर्वी |
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1)जागतिक महादुर्बीण-खोडद<br/> |
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प] कारखाने: |
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2)विक्रम दळणवळण उपग्रह केंद्र-आर्वी<br/> |
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1)कागद कारखाने-जुन्नर |
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2)विघ्नहर साखर कारखाना-ओझर |
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प] कारखाने :<br/> |
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1)कागद कारखाने-जुन्नर<br/> |
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फ] आशियातील पहिली वायनरी-चाटो इंडेज-चौदानंबर |
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2)विघ्नहर साखर कारखाना-ओझर<br/> |
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(पुणे-नाशिक हायवे)श्री.शामराव चौघुले |
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3)नवर्निमित कारखाने-जुन्नर तालुका |
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ब] बिबट्या निवारण केंद्र: |
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1) माणिकडोह |
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फ] आशियातील पहिली वायनरी-चाटो इंडेज-चौदानंबर (पुणे-नाशिक हायवेवर)<br/> |
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भ] 350 वर्षे परंपरा / इतिहास असलेले आठवडे बाजार |
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1) सोमवार-बेल्हा |
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ब] बिबट्या निवारण केंद्र :<br/> |
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2) गुरूवार-ओतुर |
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1) माणिकडोह<br/> |
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3) शनिवार-मढ |
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4) शनिवार-नारयणगाव |
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भ] ३५० वर्षांची परंपरा / इतिहास असलेले आठवडे बाजार :<br/> |
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1) सोमवार-बेल्हा<br/> |
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2) गुरूवार-ओतूर<br/> |
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3) शनिवार-मढ<br/> |
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4) शनिवार-नारयणगाव<br/> |
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5) रविवार-जुन्नर |
5) रविवार-जुन्नर |
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म] खाद्य संस्कृती: |
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1) आण्याची आमटी-भाकरी |
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2) राजुरचा पेढा |
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3) नारायणगावचा कढीवडा, मिसळ |
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4) जुन्नरची मासवडी, मटकीभेळ |
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य] तमाशा पंढरी:नारायणगाव(जुन्नर तालुका) |
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तमाशा केंद्र म्हणुन नारायणगाव मान मिळाला. |
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1) भाऊ बापू मांग नारायणगावकर |
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2) सौ.विठाबाई नारायणगावकर(राष्ट्रपती पारीतोषीत) |
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3) दत्ता महाडीक पुणेकर - मंगरुळ पारगाव / बेल्हा |
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4) मंगला बनसोडे - नारायनगाव |
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5) मालती इनामदार - नारायऩगाव |
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6) पाडुरंग मुळे मांजरवाडीकर- मांजरवाडी/नारायणगाव |
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7) दत्तोबा तांबे शिरोलीकर - बोरी शिरोली |
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8) दगडू पारगावकर - पारगाव तर्फे आळे |
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म] खाद्य संस्कृती :<br/> |
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1) आण्याची आमटी-भाकरी<br/> |
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2) राजूरचा पेढा<br/> |
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3) नारायणगावचा कढीवडा, मिसळ<br/> |
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4) जुन्नरची मासवडी, मटकी भेळ |
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य] तमाशा पंढरी:नारायणगाव(जुन्नर तालुका):<br/> |
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तमाशा केंद्र म्हणून नारायणगाव मान मिळाला. प्रसिद्ध तमासगीर :<br/> |
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1) भाऊ बापू मांग नारायणगावकर<br/> |
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2) सौ.विठाबाई नारायणगावकर (राष्ट्रपती पारीतोषिकप्राप्त) |
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3) दत्ता महाडीक पुणेकर - मंगरुळ पारगाव / बेल्हा<br/> |
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4) मंगला बनसोडे - नारायणगाव<br/> |
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5) मालती इनामदार - नारायणगाव<br/> |
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6) पाडुरंग मुळे मांजरवाडीकर- मांजरवाडी/नारायणगाव<br/> |
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7) दत्तोबा तांबे शिरोलीकर - बोरी शिरोली<br/> |
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8) दगडू पारगावकर - पारगाव तर्फे आळे |
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र] पुणे जिल्हातील |
र] पुणे जिल्हातील प्पहिले सिनेमागृह :<br/> |
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1)शिवाजी थिएटर-जुन्नर |
1)शिवाजी थिएटर-जुन्नर<br/> |
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2)आर्यन थिएटर-पुणे |
2)आर्यन थिएटर-पुणे<br/> |
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ल] कलाकार / लेखक: |
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ल] कलाकार / लेखक:<br/> |
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0) गोविंद गारे - निमगिरी |
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0) गोविंद गारे - निमगिरी <br/> |
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1) अशोक हांडे - उंब्रज |
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१) अशोक हांडे - उंब्रज<br/> |
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2) डॉ. अमोल कोल्हे- नारायनगाव |
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2) डॉ. अमोल कोल्हे- नारायणगाव<br/> |
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3) नम्रता आवटे/संभेराव |
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3) नम्रता आवटे/संभेराव<br/> |
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4) शरद जोयेकर-राजुरी |
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4) शरद जोयेकर-राजुरी<br/> |
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5) मंगेश हाडवळे-राजुरी<br/> |
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6) सुभाष अवचट-ओतुर |
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6) सुभाष अवचट-ओतूर<br/> |
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7) अनिल अवचट-ओतूर<br/> |
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8) राजन खान-ओतुर |
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8) राजन खान-ओतूर<br/> |
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9) दत्ता पाडेकर-आळे |
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9) दत्ता पाडेकर-आळे<br/> |
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10) शुभांगी लाटकर-राजुरी |
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10) शुभांगी लाटकर-राजुरी<br/> |
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11) अंकुश चौधरी-खोडद |
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11) अंकुश चौधरी-खोडद<br/> |
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12) संजय ढेरंगे - पारगाव तर्फे आळे |
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12) संजय ढेरंगे - पारगाव तर्फे आळे<br/> |
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13) मनोज हाडवळे - राजुरी |
13) मनोज हाडवळे - राजुरी |
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14) लहु गायकवाड - नारायणगाव |
14) लहु गायकवाड - नारायणगाव |
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15) सुरेश काळे - |
15) सुरेश काळे - मंगरूळ |
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जुन्नरचे ऐतिहासिक, भौगोलिक, नैसर्गिक, धार्मिक, जीवन शैली, खानपान लोकांना कळावे म्हणून येथील “जुन्नर पर्यटन विकास संस्था” कार्यरत आहे. जुन्नरमधील संस्कृती जतनाचे, किल्ले संवर्धनाचे काम “शिवाजी ट्रेल” च्या माध्यमातून सुरू आहे. हचिको टूरिझम ही संस्था तेच काम करत आहे. पराशर कृषी पर्यटन हा त्याचाच एक भाग आहे. "जुन्नर निसर्ग पर्यटन" या फेसबुक पेजच्या माध्यमातून जुन्नर तालुक्याचा इतिहास व निसर्ग सौंदर्याचे आपण दर्शन घेऊ शकता. जुन्नर तालुक्यातील विविध पर्यटन ठिकाणे कोठे व कोणती आहे याबाबत सविस्तर माहिती पेजवर मांडण्यात आली आहे. |
जुन्नरचे ऐतिहासिक, भौगोलिक, नैसर्गिक, धार्मिक, जीवन शैली, खानपान लोकांना कळावे म्हणून येथील “जुन्नर पर्यटन विकास संस्था” कार्यरत आहे. जुन्नरमधील संस्कृती जतनाचे, किल्ले संवर्धनाचे काम “शिवाजी ट्रेल” च्या माध्यमातून सुरू आहे. हचिको टूरिझम ही संस्था तेच काम करत आहे. पराशर कृषी पर्यटन हा त्याचाच एक भाग आहे. "जुन्नर निसर्ग पर्यटन" या फेसबुक पेजच्या माध्यमातून जुन्नर तालुक्याचा इतिहास व निसर्ग सौंदर्याचे आपण दर्शन घेऊ शकता. जुन्नर तालुक्यातील विविध पर्यटन ठिकाणे कोठे व कोणती आहे याबाबत सविस्तर माहिती पेजवर मांडण्यात आली आहे. |
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तात्कालिन आमदार शरद सोनवणे यांच्या प्रयत्नातून २१ मार्च २०१८ रोजी महाराष्ट्र शासनाने जुन्नर तालुक्याला महाराष्ट्रातील पहिला "पर्यटन तालुका" घोषित केले. |
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तत्कालीन आमदार शरद सोनवणे यांच्या प्रयत्नातून २१ मार्च २०१८ रोजी महाराष्ट्र शासनाने जुन्नर तालुक्याला महाराष्ट्रातील पहिला "पर्यटन तालुका" म्हणून घोषित केले. |
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{{पुणे जिल्ह्यातील तालुके}} |
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२२:३५, १० फेब्रुवारी २०२० ची आवृत्ती
जुन्नर तालुका जुन्नर | |
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महाराष्ट्र राज्याच्या पुणे जिल्ह्याच्या नकाशावरील जुन्नर तालुका दर्शविणारे स्थान | |
१९.२ उ.अ. ७३.८८ पु.रे. | |
राज्य | महाराष्ट्र, भारत |
जिल्हा | पुणे |
जिल्हा उप-विभाग | मंचर(आंबेगाव) |
मुख्यालय | जुन्नर |
प्रमुख शहरे/खेडी | आळेफाटा, ओतूर, नारायणगाव, ओझर, बेल्हा, उंब्रज, अणे, मढ, निमगाव सावा |
तहसीलदार | हनुमंत कोळकर |
लोकसभा मतदारसंघ | शिरूर |
विधानसभा मतदारसंघ | जुन्नर |
आमदार | अतुल वल्लभ बेनके |
जुन्नर तालुका हा भारताच्या महाराष्ट्र राज्यातील पुणे जिल्ह्याचा एक तालुका आहे. जुन्नर शहर हे तालुक्याचे मुख्यालय आहे. महाराष्ट्रातील पहिला पर्यटन तालुका म्हणून हा तालुका प्रसिद्ध आहे
इतिहास
दंडकारण्य असलेला भूभाग जेव्हा नागरी वस्तीखाली येऊ लागला, तेव्हा महाराष्ट्र नावाचा प्रदेश भौगोलिक दृष्ट्या अस्तित्वात आला.
सातवाहन राजे हे महाराष्ट्राचे पहिले राजे. साधारण इसवी सनापूर्वी ५०० सालातल्या कालखंडात महाराष्ट्र समृद्धीच्या शिखरावर होता. प्रतिष्ठान [आताचे पैठण] ही सातवाहन राजांची राजधानी आणि जीर्णनगर [आताचे जुन्नर] ही उपराजधानी होती.
त्या काळी जगभरातील व्यापारी कल्याण बंदरावर आपला माल घेऊन उतरत असत. मग नाणे घाट मार्गे ते घाटमाथ्यावर येऊन जुन्नर मार्गे पैठणला व्यापार करत करत जात असत. तेव्हाचे कर आकारणीचे दगडी रांजण आजही नाणे घाटात आहेत. कल्याण-नाणे घाट-जुन्नर-नगर-पैठण हा महाराष्ट्रातील प्राचीन व्यापारी मार्ग होता. त्यामुळे या मार्गावरील जुन्नरची बाजारपेठ तेव्हापासूनच प्रसिद्ध होती..
हा व्यापार उदीम वाढत जावा, आपल्या प्रदेशाची अशीच भरभराट होत राहावी आणि नाणे घाट मार्गे जुन्नरच्या डोंगराळ भागातून येणाऱ्या या व्यापारीमार्गाचे संरक्षण व्हावे आणि लूटमारीपासून बचाव व्हावा म्हणून त्या त्या वेळच्या राजवटींमध्ये भैरवगड, जीवधन, चावंड, हडसर, निमगिरी, ढाकोबा, शिवनेरी, नारायणगड, शिंदोला, रांजण गड, कोंबडकिल्ला यासारख्या किल्ल्यांची निर्मिती झाली.
टिकाऊ खडकाचा प्रदेश म्हणून भारतातील सर्वात जास्त गिरिदुर्ग जुन्नरमध्ये निर्माण झाले. देशविदेशातून येणारे व्यापारी त्यांची संस्कृती पण सोबत घेऊन यायचे. जुन्नरमध्ये डेक्कन कॉलेजचे विद्यार्थी उत्खनन करत असताना त्यांना ग्रीक लोकांची देवता "युरोस"ची मूर्ती सापडली. चिनी भांडी, जुनी नाणी, सोन्याच्या मोहरा, शिलालेख असे खूप काही या भागात सापडते. येणारे व्यापारी मुक्त हस्ताने दान करत असत.त्यामुळे जुन्नर परिसरात प्रत्येक धर्माची, धर्मपीठाची भरभराट झाली.
भौगोलिक अनुकूलतेबरोबर राजाश्रय व लोकाश्रयही जुन्नर परिसराला मिळत गेला. आणि म्हणूनच लेण्याद्रीला बौद्ध लेणीसमूह निर्माण झाला, मानमोडी डोंगरात जैन देवी देवता अंबा अंबिकांच्या गुहा कोरल्या गेल्या. जुन्नर शहरात प्राचीन जैन मंदिर उभारले गेले.
मध्ययुगीन काळात लेण्याद्रीच्या बौद्ध लेण्यांमध्ये गिरिजात्मक गणपतीची स्थापना झाली, पेशवे काळात जुन्नरजवळच्या ओझरच्या विघ्नहराचा जीर्णोद्धार झाला. जवळच्याच ओतूर येथे गुरु चैतन्य महाराजांनी वैष्णव पंथाचा ’रामकृष्ण हर” हा मंत्र संत तुकारामांना दिला. संत ज्ञानेश्वरांनी आपल्या रेड्याला जुन्नर तालुक्यातल्या आळे गावी समाधी दिली, पिंपळगाव धरणाजवळ खुबी गावात खिरेश्वर या पांडव कालीन मंदिराची निर्मिती झाली, खिरेश्वराच्या उत्तरेला हरिश्चंद्रगडाची अभेद्य वास्तू उभी राहिली.
फेब्रुवारी १६३०मध्ये जुन्नरच्या शिवनेरी किल्ल्यावर शिवाजीमहाराजांचा जन्म झाला.
पेशवे कालीन महालक्ष्मी मंदिर उंब्रज येथे आहे.कोल्हापूर महालक्ष्मीचे ते उपपीठ मानले जाते
जुन्नरचा भूगोल व आधुनिक इतिहास
जुन्नरला आधी जीर्ण नगर मग जुन्नेर आणि नंतर जुन्नर असे नाव बदलत गेले. जुन्नर शहरापर्यंतचा प्रदेश हा पश्चिमेकडून डोंगराळ आहे आणि पूर्वेकडील प्रदेश हा मैदानी भूभाग आहे. त्यामुळे इथल्या डोंगर कड्यात माळशेज घाट, नाणे घाट व दाऱ्या घाट आहेत.
अणे घाटातील नैसर्गिक पूल, बोरी गावात कुकडी नदीच्या पात्रात आढळणारी १४ लाख वर्ष जुनी गुंफा ही सारे जुन्नरचे भौगोलिक महत्त्वाची ठिकाणे.आहेत.
जुन्नरमध्ये माणिक डोह धरणाच्या पायथ्याला बिबट निवारा केंद्र उभारण्यात आले असून आजमितीला जवळपास ३० बिबटे वाघ त्या ठिकाणी उपचार घेत आहेत.
समुद्र सपाटीपासून २२६० फूट उंचीवर असणाऱ्या या जुन्नरच्या पठाराला वनरक्षक डॉ. अलेक्झांडर गिब्सन यांनी भारताचे आरोग्य केंद्र म्हटले आहे. इथल्या स्वच्छ आणि मोकळ्या हवेत श्वसनाचे आजार बरे होतात हे त्यांचे निरीक्षण होते. म्हणूनच ब्रिटिश काळात ते ब्रिटिशांना जुन्नरला जाऊन आराम करायचा सल्ला देत असत. त्यांनी जुन्नरमध्ये हिवरे बुद्रुक या ठिकणी १८३९ साली वनस्पती उद्यान उभारले होते.
१९९५साली जगातील सर्वात मोठी रेडिओ इलेक्ट्रॉनिक दुर्बीण जुन्नर तालुक्यात खोडद या गावी उभारण्यात आली. जवळच आर्वीचे उपग्रह भूकेंद्रही आहे.
जुन्नर तालुक्यातील शेती
आंबा, केळी या फळांचे मूळ ठिकाण परदेशात इंडो-बर्मा भागात आहे, त्याचे मूळ बीज तिथे सापडते. अगदी तेच मूळ बीज माळशेज घाटातसुद्धा सापडते.
भाजीपाला, फळफळावळ, दुध दुभते, तांदूळ, ज्वारी, द्राक्षे, डाळिंबे, ऊस आणि फुले अशी विविध प्रकारची शेती जुन्नरमध्ये केली जाते. मांडवी,पुष्पावती,काळू, कुकडी,आणि मिना या नद्यांचा याच तालुक्यात उगम होतो.
जुन्नर हा महाराष्ट्रातील सर्वात जास्त धरणे असलेला तालुका आहे. पिंपळगाव जोगा, माणिक डोह, येडगाव, चिल्हेवाडी-पाचघर, आणि वडज ही ५ धरणे जुन्नरमध्ये आहेत, संततधार पडणाऱ्या पावसापासून ते अवर्षणग्रस्त भागापर्यतचे भूभाग जुन्नर तालुक्यामध्ये आहेत. जुन्नरमध्ये असणारी खोडदची दुर्बीण, बिबट्या चे क्षेत्र व डोंगराळ भाग यामुळे जुन्नरला आरक्षित हरीत पट्टा म्हणून घोषित केले आहे. याचा फायदा असा झाला की जुन्नर मधली मोकळी हवा अशीच शुद्ध राहिली आहे. आणि राहण्यासाठी, फिरण्यासाठी, आरामासाठी आणि पर्यटनसाठी जुन्नर हे अतिशय उपयुक्त ठिकाण बनले आहे. तसेच जुन्नरमध्ये मिळणारी मटण भाकरी आणि मसाला वडी [मासवडी] प्रसिद्ध आहेत.
महात्मा ज्योतिबा फुल्यांच्या “शेतकऱ्याचा आसूडमध्ये जुन्नर कोर्टाच्या निकालाचा उल्लेख आहे.
चित्रकार सुभाष अवचट, मुक्तांगण, कवी, लेखक, विचारवंत, अनिल अवचट, मराठी बाणा’वाले अशोक हांडे, नाटक-सिनेमात शिवाजीची भूमिका करणारे डॉ. अमोल कोल्हे, तमाशाची लोककला महाराष्ट्राच्या कानाकोपऱ्यात पोहोचविणा्ऱ्या विठाबाई नारायणगावकर ही मंडळी मूळ जुन्नरचीच होत. दत्ता महाडिक, “टिंग्या” चित्रपटातून कीर्ती मिळवणारे मंगेश हाडवळे, मराठी मालिका क्षेत्रात स्वतचे स्थान निर्माण करणारी नम्रता आवटे ही जुन्नरची आणखी प्रसिद्ध माणसे. शेखर शेटे यांचाही जन्म याच जुन्नरला झाला.
पर्यटन
क] निसर्गाने नटलेले आठ किल्ले :
- किल्ले चावंड (चावंड गाव)
- किल्ले जीवधन (घाटघर)
- किल्ले नारायणगड (नारायणगाव, खोडद)
- किल्ले निमगिरीव हनुमंतगड (निमगिरी गाव)
- किल्ले शिवनेरी (जुन्नर)
- किल्ले सिंदोळा (मढ, पारगाव)
- किल्ले हडसर (हडसर गाव)
- किल्ले ढाकोबा (आंबोली/ ढाकोबा)
- किल्ले हरिचंद्रगड (खिरेश्वर)
ख] लेणी समूह :
भारतात जुन्नर तालुका हा भारतातील एकमेव असा तालुका आहे की जेथे सर्वाधिक ३६० लेणी आहेत. त्यांमधे हिंदू, बौद्ध, जैन लेण्यांचा समावेश आहे. लेण्यांची यादी :
- अंबा-अंबिका लेणी (खोरे वस्ती-जुन्नर)
- खिरेश्वर लेणी समूह (खिरेश्वर)
- चावंड लेणी (चावंड गाव)
- जीवधन लेणी समूह (घाटघर)
- तुळजा भवानी लेणी (पाडळी)
- नाणेघाट लेणी (घाटघर)
- निमगिरी लेणी (निमगिरी गाव)
- भूत लेणी (जुन्नर)
- लेण्याद्री विनायक लेणी (लेण्याद्री)
- शिवाई लेणी (शिवनेरी किल्ला-जुन्नर)
- सुलेमान लेणी (लेण्याद्री)
- हडसर लेणी (हडसर गाव)
ग] प्रसिद्ध मंदिरे :
- गिरिजात्मक (लेण्याद्री)
- विघ्नेश्वर (ओझर)
ग़-२ ] हेमाडपंथी बांधणीतील प्राचीन मंदिरे :
- कुकडेश्वर मंदिर (कुकडेश्वर)
- नागेश्वर मंदिर (खिरेश्वर)
- अर्धपीठ काशी ब्रम्हनाथ मंदिर(पारुंडे)
- हरिश्चंद्रेश्वर मंदिर (हरिश्चंद्रगड)
ग-३] अन्य प्राचीन मंदिरे :
- उत्तरेश्वर मंदिर (जुन्नर)
- कपर्दिकेश्वर मंदिर (ओतूर)
- खंडोबा मंदिर (धामनखेल)
- खंडोबा मंदिर (नळावणे)
- खंडोबा मंदिर (वडज)
- गुप्त विठोबा-प्रतिपंढरपूर मंदिर (बांगरवाडी)
- जगदंबा माता मंदिर (खोडद)
- दुर्गादेवी मंदिर (दुर्गावाडी)
- पंचलिंगेश्वर मंदिर(जुन्नर)
- पातालेश्वर मंदिर (जुन्नर)
- महालक्ष्मी मंदिर (उंब्रज)
- रेणुका माता मंदिर (निमदरी)
- वरसूबाई माता मंदिर (सुकाळवेढे)
- शनी मंदिर-प्रतिशिंगणापूर (हिवरे-बुद्रुक)
- हाटकेश्वर मंदिर (हाटकेश्वर डोंगर)
ग-४] संत समाधिमंदिरे :
- संत जगदगुरू तुकाराम महाराजांचे गुरू - केशव तथा बाबाजी चैतन्य महाराज यांची समाधी (ओतूर)
- संत मनाजीबाबा पवार(निमगावसावा)
- संत रंगदासस्वामी समाधी (अणे)
- संत ज्ञानेश्वर वेद प्रणीत रेड्याची समाधी (आळे)
घ] निसर्गरम्य घाट :
- अणे घाट
- इंगळून घाट
- कोपरे-मांडवे घाट
- दार्या घाट
- नाणेघाट-पुरातन व्यापारी मार्ग
- माळशेज घाट
- म्हसवंडी घाट
- लागाचा घाट
- हिवरे-मिन्हेरे घाट
च] प्रसिद्घ धबधबे :
1)आंबोली
2)नाणेघाट
3)माळशेज घाट
4)इंगळूज
5)हातवीत
6)दुर्गादेवी
7)मुंजाबा डोंगर(धुरनळी)
छ] नद्या व उगम :
1)मांडवी नदी-उगम-फोपसंडी(अहमदगर)
2)पुष्पावती नदी-उगम-हरिचंद्रगड
3)काळू नदी-उगम-हरिचंद्रगड
4)कुकडी नदी-उगम-कुकडेश्वर
5)मीना नदी-उगम-आंबोली
ज] धरणे :
1)चिल्हेवाडी धरण-मांडवी नदी
2)पिंपळगाव जोगा धरण-पुष्पावती नदी
3)माणिकडोह धरण- कुकडी नदी
4)येडगाव धरण-कुकडी नदी
5)वडज धरण-मीना नदी
झ] खिंडी :
1)गणेश खिंड
2)मढ खिंड
3)आळे खिंड
4)टोलार खिंड
ट] उंच शिखरे :
1) हरिचंद्रगड(१४२४ मीटर) : पुणे जिल्ह्यातील सर्वात उंच डोगर शिखर
2) जीवधन
ठ] पठारे :
1)अंबे-हातवीत पठार
2)नळावणे पठार
3)कोपरे-मांडवे पठार
4)अणे पठार
ड] गिर्यारोहकांना आव्हान देणारे उंच कडे :
1) नाणे घाट
2) माळशेज घाट
3) दार्या घाट
4) ढाकोबा
5) दुर्गादेवी
6) हरिचंद्रगड
ढ] नैसर्गिक पूल :
1) अणे घाटातील नैसर्गिक पूल
2) हटकेश्वर डोंगरावरील नैसर्गिक पूल
ण] प्रसिद्ध विहिरी :
1) बारव बावडी-जुन्नर
2) पुंदल बावडी-जुन्नर
3) आमडेकर विहीर-पाडळी
त] ऐतिहासिक वास्तु :
1) सैदागर हाबणी घुमट-हापूसबाग
2) ३०० वर्षे जुनी मलिकंबर बाराबावडी पाणीपुरवठा योजना-जुन्नर शहर
3) नवाब गढी-बेल्हे
4)गिब्सन निवास व समाधी
थ] जुन्नर तालुक्यातील दगड घंटेसारखे वाजतात.
1)आंबे गावच्या पश्चिमेस २०० मीटरवर
2)दुर्गादेवी किल्ल्याच्या टॉपवर
द] रांजणखळगे :
1) माणिकडोह गाव-कुकडी नदी
2) निघोज-कुकडी नदी
ध] दहा लाख वर्षांपूर्वीची ज्वालामुखीची राख :
डेक्कन कॉलेजच्या पुरातत्त्व संशोधन विभागाने केलेल्या उत्खननात बोरी बुद्रुक व खुर्द या गावांत कुकडी नदीच्या किनाऱ्यावर इंडोनेशियामध्ये दहा लाख वर्षांपूर्वी झालेल्या ज्वालामुखीच्या राखेचे साठे आढळून आले आहेत. याच ठिकाणी झालेल्या अन्य उत्खननांमध्ये अश्मयुगीन हत्यारे, हस्तिदंत आदी मोलाचे पुरातत्त्वावशेष सापडले आहेत. डेक्कन कॉलेज व बोरी ग्रामपंचायत या सर्व पुरातत्वीय ठेव्याचे संरक्षण व संग्रहालय करण्यासाठी प्रयत्नशील आहेत.
न] जागतिक केंद्रे :
1)जागतिक महादुर्बीण-खोडद
2)विक्रम दळणवळण उपग्रह केंद्र-आर्वी
प] कारखाने :
1)कागद कारखाने-जुन्नर
2)विघ्नहर साखर कारखाना-ओझर
3)नवर्निमित कारखाने-जुन्नर तालुका
फ] आशियातील पहिली वायनरी-चाटो इंडेज-चौदानंबर (पुणे-नाशिक हायवेवर)
ब] बिबट्या निवारण केंद्र :
1) माणिकडोह
भ] ३५० वर्षांची परंपरा / इतिहास असलेले आठवडे बाजार :
1) सोमवार-बेल्हा
2) गुरूवार-ओतूर
3) शनिवार-मढ
4) शनिवार-नारयणगाव
5) रविवार-जुन्नर
म] खाद्य संस्कृती :
1) आण्याची आमटी-भाकरी
2) राजूरचा पेढा
3) नारायणगावचा कढीवडा, मिसळ
4) जुन्नरची मासवडी, मटकी भेळ
य] तमाशा पंढरी:नारायणगाव(जुन्नर तालुका):
तमाशा केंद्र म्हणून नारायणगाव मान मिळाला. प्रसिद्ध तमासगीर :
1) भाऊ बापू मांग नारायणगावकर
2) सौ.विठाबाई नारायणगावकर (राष्ट्रपती पारीतोषिकप्राप्त) 3) दत्ता महाडीक पुणेकर - मंगरुळ पारगाव / बेल्हा
4) मंगला बनसोडे - नारायणगाव
5) मालती इनामदार - नारायणगाव
6) पाडुरंग मुळे मांजरवाडीकर- मांजरवाडी/नारायणगाव
7) दत्तोबा तांबे शिरोलीकर - बोरी शिरोली
8) दगडू पारगावकर - पारगाव तर्फे आळे
र] पुणे जिल्हातील प्पहिले सिनेमागृह :
1)शिवाजी थिएटर-जुन्नर
2)आर्यन थिएटर-पुणे
ल] कलाकार / लेखक:
0) गोविंद गारे - निमगिरी
१) अशोक हांडे - उंब्रज
2) डॉ. अमोल कोल्हे- नारायणगाव
3) नम्रता आवटे/संभेराव
4) शरद जोयेकर-राजुरी
5) मंगेश हाडवळे-राजुरी
6) सुभाष अवचट-ओतूर
7) अनिल अवचट-ओतूर
8) राजन खान-ओतूर
9) दत्ता पाडेकर-आळे
10) शुभांगी लाटकर-राजुरी
11) अंकुश चौधरी-खोडद
12) संजय ढेरंगे - पारगाव तर्फे आळे
13) मनोज हाडवळे - राजुरी 14) लहु गायकवाड - नारायणगाव 15) सुरेश काळे - मंगरूळ
जुन्नरचे ऐतिहासिक, भौगोलिक, नैसर्गिक, धार्मिक, जीवन शैली, खानपान लोकांना कळावे म्हणून येथील “जुन्नर पर्यटन विकास संस्था” कार्यरत आहे. जुन्नरमधील संस्कृती जतनाचे, किल्ले संवर्धनाचे काम “शिवाजी ट्रेल” च्या माध्यमातून सुरू आहे. हचिको टूरिझम ही संस्था तेच काम करत आहे. पराशर कृषी पर्यटन हा त्याचाच एक भाग आहे. "जुन्नर निसर्ग पर्यटन" या फेसबुक पेजच्या माध्यमातून जुन्नर तालुक्याचा इतिहास व निसर्ग सौंदर्याचे आपण दर्शन घेऊ शकता. जुन्नर तालुक्यातील विविध पर्यटन ठिकाणे कोठे व कोणती आहे याबाबत सविस्तर माहिती पेजवर मांडण्यात आली आहे.
तत्कालीन आमदार शरद सोनवणे यांच्या प्रयत्नातून २१ मार्च २०१८ रोजी महाराष्ट्र शासनाने जुन्नर तालुक्याला महाराष्ट्रातील पहिला "पर्यटन तालुका" म्हणून घोषित केले.
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अकोले तालुका | संगमनेर तालुका | संगमनेर तालुका | ||
मुरबाड तालुका | पारनेर तालुका | |||
जुन्नर तालुका | ||||
आंबेगाव तालुका | शिरूर तालुका |
संदर्भ
पुणे जिल्ह्यातील उत्तरेचा शेती प्रधान तालुका