गरुड पुराण
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वेदिक संस्कृतील हा महत्त्वाचा ग्रंथ मानला जातो. या ग्रंथात माणसाने मनुष्य योनीत केलेल्या प्रत्येक पापाबद्दल त्याला होणाऱ्या शिक्षेचे वर्णन आहे.
सर्वसाधारणपणे हा ग्रंथ मनुष्य मेल्यानंतर गीतेच्या १५ व्या अध्यायाचे पारायण करून झाल्यानंतर वाचतात.
हिंदू धर्मग्रंथावरील लेखमालेचा भाग | |
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