"बंकिम चंद्र चॅटर्जी" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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[[वा.गो. आपटे]] यांनी चार खंडांत, बंकिमचंद्र यांचे संपूर्ण कादंबरीवाङ्मय, त्यातील बंगाली वातावरण, पार्श्वभूमी व पात्रांची नावे कायम ठेवून मराठीत आणले आहे. |
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१४:४६, १८ डिसेंबर २०१३ ची आवृत्ती
बंकिमचंद्र चटोपाध्याय | |
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जन्म नाव | बंकिमचंद्र यादवचंद्र चटोपाध्याय |
जन्म | जून २६, १८३८ |
मृत्यू | एप्रिल ८, १८९४ |
राष्ट्रीयत्व | भारतीय |
कार्यक्षेत्र | कवी, कादंबरीकार, पत्रकार, डेप्युटी मॅजिस्ट्रेट (पेशा) |
प्रसिद्ध साहित्यकृती | वंदे मातरम् हे गीत |
प्रभावित | भारतीय स्वातंत्र्यलढा |
वडील | यादवचंद्र चट्टोपाध्याय |
आई | दुर्गादेवी चट्टोपाध्याय |
पत्नी | राजलक्ष्मीदेवी चट्टोपाध्याय |
बंकिमचंद्र चटोपाध्याय (बंगाली: বঙ্কিম চন্দ্র চট্টোপাধ্যায় ; उच्चार: बोंकिमचोंद्रो चोट्टोपाद्धाय) (जून २६, १८३८ - एप्रिल ८, १८९४) हे बंगाली कवी, कादंबरीकार, पत्रकार होते. भविष्यात भारतीय प्रजासत्ताकाचे राष्ट्रगान ठरलेल्या वंदे मातरम् या गीताचे रचनाकार होते. १८७६ साली त्यांच्या आनंदमठ या कादंबरीमध्ये त्यांनी हे गीत लिहिले. ही कादंबरी १८८२ साली प्रकाशित झाली आणि लवकरच हे गीत भारतीय स्वातंत्र्यलढ्याचे प्रेरणागीत बनले.
प्रकाशित साहित्य
कादंबऱ्या
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वा.गो. आपटे यांनी चार खंडांत, बंकिमचंद्र यांचे संपूर्ण कादंबरीवाङ्मय, त्यातील बंगाली वातावरण, पार्श्वभूमी व पात्रांची नावे कायम ठेवून मराठीत आणले आहे.
निबंध
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पत्रकारिता
- बङ्गदर्शन पत्रिका (१८७२-१८७६)