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2402:8100:302D:1D3B:C217:6586:7203:A02 साठी सदस्य-योगदान

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१८ मार्च २०१८

  • ०८:०६०८:०६, १८ मार्च २०१८ फरक इति −१,१९२ गुढीपाडवागुडीपाडवा ये त्यौहार महाराष्ट्र में खासकर मनाया जाता है। लेकिन बहोत सारे मूलनिवासी, शुद्र मराठा समाज ने अब तक इसके पीछे का इतिहास जानने की कभी कोशिश नहीं की। हालाकि संभाजी ब्रिगेड ने सच्चा इतिहास बताने का काम शुरू किया है। लेकीन अभी भी बहुत सारे लोगों को इसका ज्ञान नहीं है। गुडीपाडवा के दिन शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज को ब्राह्मणों ने औरंगजेब को धोखा करके पकड़ के दिया था और उनको मनुस्मृति के अनुसार सजा दी गयी थी। ब्राह्मणों ने उनका सर काट के भाले पर लटकाया था और उसका जुलूस निकाला क्योंकि उन्होंने बुद्ध भूषण नाम का ग्रन्थ बहुत कम उम्र में लिखा था और ब्राह्मणों की दादागिरी को ललकारा था। बहुत सारे ब्राह्मण चोरो को भी उन्होंने पकडवा कर संभाजी महाराज के हवाले किया था और संभाजी महाराज ने उन्हें सजा भी दी थी। इसका बदला लेने के लिए ब्राह्मणों ने संभाजी महाराज की बदनामी की और उनको धोखे से मार डाला, वो आज ही के दिन, गुडीपाडवा ! कह जाता है कि ये त्यौहार श्री राम अयोध्या वापिस आने पर उनके स्वागत के लिए मनाया जाता है, लेकिन जहा श्री राम वापस आया था उस अयोध्या नगरी में तो कोई गुडीपाडवा उत् खूणपताका: 'मुखपृष्ठ सदर' लेखात बदल ? दृश्य संपादन मोबाईल संपादन मोबाईल वेब संपादन