"अविनाश बिनीवाले" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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११:५१, ७ फेब्रुवारी २०१८ ची आवृत्ती
अविनाश बिनीवाले | |
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चित्र:Avinash Biniwale.jpg | |
जन्म |
१२ मार्च १९४३ |
ख्याती | भाषाअभ्यासक, भाषाशिक्षक, लेखक |
पुरस्कार |
१. "भाषा आपली सर्वांचीच" साठी "कोमसाप"चा पुरस्कार (२००१) २. " जय कैलाश " कादम्बरीसाठी हिन्दी साहित्य अकादमीचा पुरस्कार (२०१४) |
अविनाश बिनीवाले (जन्म १२ मार्च १९४३) हे भाषाभ्यासक आणि बहुभाषाविद लेखक आहेत. त्यांनी भाषा, भाषाव्यवहार इत्यादी विषयांवर मराठीतून विपुल लेखन केले आहे.
शिक्षण व अध्यापन
अविनाश बिनीवाले ह्यांनी पुण्यातील फर्ग्युसन महाविद्यालय येथून जर्मन व संस्कृत ह्या विषयांत बी.ए. ही पदवी मिळवली. नंतर ते मुंबई विद्यापीठाच्या परदेशी-भाषा-विभागातून जर्मन आणि भाषाविज्ञान ह्या विषयांत एम.ए. झाले. त्यांनी पुढे हैदराबादच्या सेंट्रल इन्स्टिट्यूट ऑफ इंग्लिश ॲन्ड फॉरेन लँग्वेजेस येथून परदेशी भाषा म्हणून जर्मनचे अध्यापन ही पदविका मिळवली.
अविनाश बिनीवाले यांनी मुंबईच्या एल्फिन्स्टन महाविद्यालयात जर्मन भाषेचे अध्यापन केले आणि ह्याच महाविद्यालयातून जर्मन-विभागाचे विभागप्रमुख म्हणून ते सेवानिवृत्त झाले.
ह्या व्यतिरिक्त त्यांनी बराच काळ पदवी स्तरापर्यंतच्या विद्यार्थ्यांना भूगोल शिकवला. ते उद्योगक्षेत्रात भाषांतरकार/दुभाषी म्हणून दोन वर्षे काम करत होते. १९६७ मध्ये ते महाराष्ट्र शिक्षणसेवेत राजपत्रित अधिकारी म्हणून निवडले गेले. १९६३ पासून जर्मन भाषा आणि साहित्य ह्यांचे अध्यापन ते करत आले आहेत.
कोल्हापूरच्या विद्यापीठात त्यांनी ७ वर्षे रशियन भाषेचा पदविका अभ्यासक्रम शिकवला. मुंबई विद्यापीठाद्वारे अमराठी भाषकांना मराठी शिकवण्यासाठी चालवण्यात येणाऱ्या अभ्यासक्रमात त्यांनी मराठीचे अध्यापन केले. परदेशातील विशेषतः फ्रेंच तसेच जर्मन विद्यार्थी/अभ्यासक ह्यांना हिंदी शिकवण्याचे काम ते करत असतात.
सन १९८० आणि १९८९ मध्ये जर्मनीतील ग्योटिंगन विद्यापीठात अभ्यागत प्राध्यापक म्हणून ते शिकवत होते.
साहित्य
मराठी साहित्य
अ.क्र. | ग्रंथनाम | प्रकाशक | स्थळ | प्रकाशनवर्ष |
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१ | आजचा अरुणाचल प्रदेश[१] | अक्षरदालन | कोल्हापूर | २०१६ |
२ | ओडर ते राईन | अक्षरदालन | कोल्हापूर | २०१६ |
३ | काकांचे स्वप्न (दस्तयव्हस्की ह्यांच्या कादंबरीचा[२] मराठी अनुवाद) | कॉन्टिनेन्टल | पुणे | १९८६, २०१३ |
४ | कैलास मानस | कॉन्टिनेन्टल | पुणे | २०१२, २०१६ |
५ | गरुडाच्या देशात | माधुरी | पुणे | १९८८ |
६ | जर्मनचा श्रीगणेश | गौतमी | नाशिक | २०१० |
७ | जर्मन भाषा परिचय | फडके | कोल्हापूर | १९८३ |
८ | जर्मन भाषेचा श्रीगणेशा | विराज | मुंबई | २००४ |
९ | जर्मन भाषेतील साहित्य | गायत्री | पुणे | २००९ |
१० | जर्मन-मराठी भाषान्तर शब्दकोश | वसुधा | नाशिक | २०१४ |
११ | जर्मन-मराठी, सिन्धी शब्दकोश | सिन्धु | पुणे | २०१४ |
१२ | जर्मन शिका | अनमोल | पुणे | २०००, २००१ |
१३ | जर्मन शिका | नितीन | पुणे | २००३ |
१४ | जर्मन शिकू या | स्नेहल | पुणे | १९९४ |
१५ | झटपट जर्मन | नितिन | पुणे | २००४ |
३७ | नर्मदे हर! हर नर्मदे! (मूल हिंदीत असलेल्या सुहास भास्कर लिमये यांच्या पुस्तकाचा अनुवाद) | गोण्डी | मण्डला | २०१० |
१६ | नावडतं व्याकरण हॊईल आवडतं | अक्षर दालन | कोल्हापूर | २०१५ |
१७ | (महाराष्ट्राबाहेरची) न्याहारी | अक्षर दालन | कोल्हापूर | २०१२ |
१८ | परिसस्पर्श शब्दांच्या कथा | डायमंड | पुणे | २००९ |
१९ | पूर्वांचल | कॉन्टिनेन्टल | पुणे | २००८, २०१० |
२० | प्रोफेसर माम्लोक (फ्रेडरिश वूल्फ यांच्या नाटकाचा अनुवाद) | साहित्य संस्कृती मंडळ | मुंबई | १९८६ |
२१ | फ्रेंच भाषेचा श्रीगणेशा | मुद्रा | विरार | २००५ |
२२ | फ्रेंच संभाषण | वसुधा | नाशिक | २०१४ |
२३ | बोमदिला | कॉन्टिनेन्टल | पुणे | १९९५ |
२४ | बोलु कवतिकें | राजहंस | पुणे | २००५ |
२५ | भाकरीची भाषा | डायमंड | पुणे | २००९ |
२६ | भाषा - आपली सर्वाचींच | राज्य मराठी विकास संस्था | मुंबई | २००० |
२७ | भाषाकारण | मुद्रा | विरार | २००२ |
२८ | भाषा घडताना | गौतमी | नाशिक | २००७ |
२९ | मराठी-जर्मन व्यवहारोपयोगी शब्दकोश | नितीन | पुणे | १९९८, २००६ |
३० | माता धीराई (बेर्टोल्ट ब्रेख्त यांच्या जर्मन नाटकाचा[३] अनुवाद) | कॉन्टिनेन्टल | पुणे | १९८३, २०१५ |
३१ | माय मरो पण | राजहंस | पुणे | २००५ |
३२ | शब्दगन्ध | गौतमी | नाशिक | २००७ |
३३ | संस्कृति - जर्मन भाषिकांची | डायमंड | पुणे | २००६ |
३४ | सृजनाची कृति (??) | क्ष (?) | - | १९८६ (?) |
३५ | सोपे व्याकरण | अक्षरदालन | कोल्हापूर | २०१६ |
३६ | मेनोपौज | ज्ञाननयन | पुणे | २०१३ |
हिंदी साहित्य
अ.क्र. | ग्रंथनाम | प्रकाशक | स्थळ | प्रकाशनवर्ष |
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१ | (अ)घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र ( हिंदी ) | यज्ञेश्वर | बदलापूर | २०१० |
२ | आंतकवाद में झुलसता पूर्वांचल (हिंदी) | सुनिल | मुंबई | २००१ |
३ | जननायक - एक जीवनी | क्ष | - | २००१ |
४ | जय कैलाश (हिन्दी) | जागृति | पटना | २०१२ |
५ | जर्मन भाषा का श्रीगणेश (हिंदी) | नितीन | पुणे | २००८ |
६ | जर्मन सम्भाषण (हिंदी) | वसुधा | नाशिक | २०१३ |
७ | जर्मन सीखिए (हिंदी) | अनमोल | पुणे | २००२ |
८ | पूर्वांचल - आवाहन तथा आह्वान (हिंदी) | लोकहित | लखनौ | २००३ |
९ | फ्रान्सिसी भाषा का श्रीगणेश (हिंदी) | नितीन | पुणे | २००८ |
१० | बोमदिला (हिंदी) | श्रीविद्या | दिल्ली | १९९८ |
११ | यज्ञरहस्य (हिन्दी) | यज्ञेश्वर | बदलापूर | २०११ |
१२ | मुक्काम पोस्ट देवाचे गोठणे (हिन्दी) | राज्य मराठी विकास संस्था | मुंबई | २००१ |
१३ | हिंदी-मराठी शब्दकोश (हिन्दी) | ढवळे | मुंबई | २००१ |
इंग्रजी साहित्य
अ.क्र. | ग्रंथनाम | प्रकाशक | स्थळ | प्रकाशनवर्ष |
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१ | ABC of German | करिअर | नाशिक | २००७, २००९ |
२ | ABC of French | करिअर | नाशिक | २००७, २००९ |
३ | German through Assamese | असम बुक हाइभ | गुवाहाटी | २०१४ |
४ | German-Marathi English Dictionary | व्हिजन | पुणे | २००६ |
५ | German - Let’s learn it | व्हिजन | पुणे | २००६ |
६ | Marathi-Deutsch Worterbuch | साहित्य संस्कृती मंडळ | मुंबई | २०१२ |
७ | Model Handbook | (Oxford University Press) | नवी दिल्ली | २००१ |
इतर भाषेतील साहित्य
अ.क्र. | ग्रंथनाम | प्रकाशक | स्थळ | प्रकाशनवर्ष | |
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जर्मन शीखो (गुजराती) | प्रवीण | राजकोट | २००३ | ||
बोमदिला (असमीया) | प्रोक्रिएट | उदालगुरि | २०१० | ||
बोमदिला (कन्नड) | अयनि | धारवाड | २००७ | ||
बोमदिला (गुजराती) | अरुणोदय | अमदाबाद | २०१३ | ||
बोमदिला (संस्कृत) | संस्कृत प्रतिष्ठान | नवी दिल्ली | २०१० |
पुरस्कार
१. "भाषा आपली सर्वांचीच" साठी "कोमसाप"चा पुरस्कार (२००१)
२. " जय कैलाश " कादम्बरीसाठी हिन्दी साहित्य अकादमीचा पुरस्कार (२०१४)