"दिवाकरांच्या नाट्यछटा" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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'''दिवाकरांच्या नाट्यछटा''' हे पुस्तक काँटिनेन्टल प्रकाशनाने प्रसिद्ध केलेले असून यात दिवाकरांच्या सर्व एक्कावन्न नाट्यछटांचा समावेश आहे. सदर पुस्तकाला रा.कृ. लागू यांनी प्रस्तावना |
'''दिवाकरांच्या नाट्यछटा''' हे पुस्तक काँटिनेन्टल प्रकाशनाने प्रसिद्ध केलेले असून यात दिवाकरांच्या सर्व एक्कावन्न नाट्यछटांचा समावेश आहे. सदर पुस्तकाला रा.कृ. लागू यांनी प्रस्तावना लिहिलेली असून [[विजय तेंडुलकर]] यांनी प्रत्येक नाट्यछटेचे रसग्रहण केले आहे. |
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==या पुस्तकातील एकूण नाट्यछटा अनुक्रमे खालीलप्रमाणे:== |
==या पुस्तकातील एकूण नाट्यछटा अनुक्रमे खालीलप्रमाणे:== |
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१९) जातिभेद नाहीं कोठें? |
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२९) पंत मेले - राव चढले |
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३१) पोरटें मुळावर आलें! |
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४८) सायकॉलॉजिकली |
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==दिवाकरांच्या स्मृतिप्रीत्यर्थ होणारे कार्यक्रम== |
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* ’गजरा नाट्यछटांचा’ हा नाट्य संस्कार कला अकादमीतर्फे होणारा ’दिवाकर नाट्यछटा स्पर्धांचा कार्यक्रम |
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[[वर्ग:मराठी साहित्य नामसूची]] |
[[वर्ग:मराठी साहित्य नामसूची]] |
१८:३१, १८ जुलै २०१५ ची आवृत्ती
दिवाकरांच्या नाट्यछटा | |
लेखक | दिवाकर |
भाषा | मराठी |
साहित्य प्रकार | नाट्यछटा |
प्रकाशन संस्था | काँटिनेन्टल प्रकाशन |
प्रथमावृत्ती | १९३३ |
मुखपृष्ठकार | शि.द. फडणीस |
पृष्ठसंख्या | ११२ |
दिवाकरांच्या नाट्यछटा हे पुस्तक काँटिनेन्टल प्रकाशनाने प्रसिद्ध केलेले असून यात दिवाकरांच्या सर्व एक्कावन्न नाट्यछटांचा समावेश आहे. सदर पुस्तकाला रा.कृ. लागू यांनी प्रस्तावना लिहिलेली असून विजय तेंडुलकर यांनी प्रत्येक नाट्यछटेचे रसग्रहण केले आहे.
या पुस्तकातील एकूण नाट्यछटा अनुक्रमे खालीलप्रमाणे:
१) अरेरे! ओझ्याखालीं बैल मेला! धांवा
२) अशा शुभदिनीं रडून कसें चालेल?
३) असें केल्याशिवाय जगांत भागत नाही!
४) अहो, आज गिर्हाईकच आलें नाही!
५) अहो कुंभारदादा! असें का बरें रडता?
६) आनंद! कोठें आहे येथें?
७) ए: ! फारच बोवा!
८) एका दृष्टीनें साहाय्यच केलें आहे!
९) एका नटाची आत्यहत्या
१०) एका हलवायाचे दुकान
११) कशाला उगीच दुखवा!
१२) कारट्या! अजून कसें तुला जगांतले ज्ञान नाहीं?
१३) काय? पेपर्स चोरीला गेले?
१४) कारण चरित्र लिहावयाचें आहे!
१५) किती रमणीय देखावा हा! - पण इकडे?
१६) कोकिलाबाई गोडबोले
१७) कोण मेलें म्हणजे रडूं येत नाहीं!
१८) चिंगी महिन्याची झाली नाहीं तोंच?
१९) जातिभेद नाहीं कोठें?
२०) झूट आहे सब ! -
२१) "तनू त्यागितां कीर्ति मागें उरावी!" कशाला? एवढ्याचकरितां कीं नाहीं?
२२) ता. ७ नोव्हेंबर
२३) तेवढेंच 'ज्ञानप्रकाशां'त!
२४) त्यांत रे काय ऐकायचंय?
२५) दिव्याभोंवती पतंग उडत आहे!
२६) देवा! मीच मंगळ जर जन्माला आलों नसतों-!
२७) नासलेलें संत्रे
२८) "-पण बॅट नाही!"
२९) पंत मेले - राव चढले
३०) पाण्यांतील बुडबुडे
३१) पोरटें मुळावर आलें!
३२) फाटलेला पतंग
३३) फ्रान्स! - सैन्य! जोजफीन!
३४) बाळ! या नारळाला धक्का लावूं नकोस बरें!
३५) बोलावणं आल्याशिवाय नाहीं!
३६) मग तो दिवा कोणता?
३७) महासर्प
३८) माझी डायरेक्ट मेथड ही!
३९) मुंबईत मजा गमतीची | जीवाची हौस करण्याची ||
४०) म्याऊं - म्याऊं - म्याऊं!
४१) म्हातारा इतुका न | अवघें पाऊणशे वयमान
४२) यांतहि नाहीं निदान - ?
४३) रिकामी आगपेटी
४४) वर्डस्वर्थचें फुलपांखरूं
४५) शिवि कोणा देऊं नयें!
४६) शेवटची किंकाळी
४७) सगळें जग मला दुष्ट नाहीं का म्हणणार?
४८) सायकॉलॉजिकली
४९) स्वर्गांतील आत्मे!
५०) हें काय उगीचच-
५१) हें काय सांगायला हवें?
दिवाकरांच्या स्मृतिप्रीत्यर्थ होणारे कार्यक्रम
- ’गजरा नाट्यछटांचा’ हा नाट्य संस्कार कला अकादमीतर्फे होणारा ’दिवाकर नाट्यछटा स्पर्धांचा कार्यक्रम