दाद
दाद | |
लेखक | पु. ल. देशपांडे |
भाषा | मराठी |
प्रथमावृत्ती | २६ जानेवारी १९९७ (चवथी: १ जून २००१) |
चालू आवृत्ती | २७ |
मुखपृष्ठकार | बाळ ठाकूर |
पृष्ठसंख्या | १९८ |
आय.एस.बी.एन. | 81-7486-211-0 |
पु.लं.नी घेतलेलानिवडक साहीत्यकृतींचा आस्वाद. हे समीक्षणात्मक लेख नव्हेत. ’दाद’ व याआधीच्या ’चार शब्द’ या दोन संग्रहातून पु.लं.च्यारसिकतेची साक्ष पटेल. केवळखालील अनुक्रमाणिकेवरून त्यातील विविधता लक्षात येईल.
अनुक्रमाणिका:
१. प्रास्ताविकः …म्हणुनी ग्रंथांची आवडी(आ ठ)
२. जोहार मायबाप जोहार १
३. घरटे शोधणारे पीस १८
४. ’आईला पत्र’: एक अकल्पितग्रंथलाभ२४
५. कालचा पाऊस३१
६. मान्नी पुनव ४०
७. वारणानगरीतले बाल-किन्नर ४२
८. अनुदिनि अनुतापे ४७
९. डॉ. जावडेकरांचा दातबोध ५०
१०. प्रवासापूर्वी ५१
११. योजनगंधा ५६
१२. साथ ६२
१३. कार्यकर्ता ६७
१४. मास्तरीणबाईंना पत्र ६९
१५. वऱ्हाडी मानसं ७४
१६. शुभास्ते पंथानः सन्तु ७७
१७. रामची ’रामनगरी’
१८. मनोरुग्णांची उपेक्षैत दुनिया८६
१९. इसम ८९
२०. एक दुःखानं गदगदलेलं झाड ९४
२१. रंगविश्वातील रसयात्रा १००
२२. ऋचाला पत्र १०७
२३. विनोद: एक व्याख्यान १०९
२४. एक क्षेत्र: दोन व्यक्ती १११
२५. गीतसौभद्र ११५
२६. गुणिजनांचे स्मरण १२१
२७. आनंदाची पावती १२५
२८. अल्लाउद्दिन खॉंसाहेबांची कहाणी १३०
२९. लोकसंस्कृतीची क्षितिजे १३४
३०. अवसरेडाक्टर १३९
४०. मिरच्यांच्या खळ्यावर १४५
४१. घायल की गत घायल जाने १५०
४२. पुन्हा प्रपंच १५६
४३. वृक्षगान १६१
४४. ज्ञानेश्वर : पुनर्भेट १६९
४५. ’कोसला’ वाचल्यावर १७६
४६. कुश लव रामायण गाती १८४
४७. आमचा बाप अन् आम्ही १८९