"विभक्ती" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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==संस्कृत विभक्ती== |
==संस्कृत विभक्ती== |
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"'''रामो''' राजमणिःसदा विजयते '''रामम्''' रमेशम् भजे। |
"'''रामो''' राजमणिःसदा विजयते '''रामम्''' रमेशम् भजे। |
१४:०५, १० जुलै २००९ ची आवृत्ती
उदाहरण
विभक्ती | एकवचन | अनेकवचन |
---|---|---|
प्रथमा | मुंगी | मुंग्या |
द्वितीया | मुंगीस, मुंगीला, मुंगीते | मुंग्यांस, मुंग्यांना, मुंग्यांते |
तृतीया | मुंगीने, मुंगीशी | मुंग्यांनी, मुंग्यांशी |
चतुर्थी | मुंगीस, मुंगीला, मुंगीते | मुंग्यांस, मुंग्यांना, मुंग्यांते |
पंचमी | मुंगीहून | मुंग्यांहून |
षष्ठी | मुंगीचा, मुंगीची, मुंगीचे | मुंग्यांचा, मुंग्यांची, मुंग्यांचे |
सप्तमी | मुंगीत | मुंग्यांत |
संबोधन | मुंगे | मुंग्यांनो |
संस्कृत विभक्ती
"रामो राजमणिःसदा विजयते रामम् रमेशम् भजे। रामेणाभिहता निशाचरचमू रामाय तस्मै नमः। रामान्नास्ति परायणम् परतरम् रामस्य दासोस्म्यहम्। रामे चित्तलयःसदा भवतु मे भो राम मामुध्दर।।" या श्लोकात प्रथमा ते सप्तमी या सात विभक्ती आणि संबोधन बरोबर क्रमाने येतात. त्यामुळे "रामः रामौ रामाः .. प्रथमा " पाठ करतांना विभक्तींचा क्रम लक्षात ठेवण्यासाठी हा श्लोक सोयीचा होता.[१]
वरील श्लोकात राम या शब्दाची जी रूपे आली आहेत त्यांना विभक्तिरूपे म्हणतात. राम,रामास, रामाने, रामाला, रामाहून, रामाचा, रामांत, आणि रामा-- ही राम शब्दाची प्रथमा ते संबोधनाची रूपे.
संस्कृत | मराठी | विभक्ती | मराठी वाक्यात | उपयोग |
रामो | राम | प्रथमा | राम आला | कोण/काय |
रामम् | रामास | द्वितीया | हे फळ रामास दे | कशास कोणास |
'रामेणाभिहता | रामाने | तृतीया | रामाने रथ मागवला | कसा कुणी/कोणी |
रामाय | रामाला | चतुर्थी | रामाला विमान हवे आहे | कशाला कुणाला |
रामान्नास्ति | रामाहून | पंचमी | भरत रामाहून लहान आहे | कशाहून कुणाहून |
राम | रामाचा | शष्ठी | हा भाता रामाचा आहे | कशाचा कुणाचा |
रामे | रामांत | सप्तमी | त्याचे मन रामांत रमत नाही | कशात कोणात |
भो राम | रामा- | संबोधन | अरे रामा ये आणि मला घेऊन जा | साद देणे हाक मारणे |
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