"रामकृष्णबुवा वझे" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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{{भारतीय शास्त्रीय गायक |
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| नाव = रामकृष्ण वझे |
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| उपाख्य = वझेबुवा |
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| जीवनकाल = [[इ.स. ????]] ते [[इ.स. १९४५]] |
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| आई-वडिल = |
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| पती-पत्नी = |
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| गुरू = [[निस्सर खान]] |
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| गायन प्रकार = [[हिंदुस्थानी शास्त्रीय गायन]] |
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| घराणे = [[ग्वाल्हेर घराणे]] |
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| कार्य = [[शास्त्रीय गायन]] |
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| गौरव = |
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रामकृष्णबुवा वझे तथा वझेबुवा ( ???? - ५ मे १९४५) हे [[ग्वाल्हेर घराणे | ग्वाल्हेर घराण्याचे]] ख्यातकीर्त गायक आणि मराठी [[संगीत नाटक | संगीत नाटकांचे]] संगीतकार होते. वझेबुवांची [[धृपद]], [[खयाल]], [[ठुमरी]] आदि गायनप्रकारांवर हुकुमत होती. |
रामकृष्णबुवा वझे तथा वझेबुवा ( ???? - ५ मे १९४५) हे [[ग्वाल्हेर घराणे | ग्वाल्हेर घराण्याचे]] ख्यातकीर्त गायक आणि मराठी [[संगीत नाटक | संगीत नाटकांचे]] संगीतकार होते. वझेबुवांची [[धृपद]], [[खयाल]], [[ठुमरी]] आदि गायनप्रकारांवर हुकुमत होती. |
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१५:३१, १० सप्टेंबर २०१० ची आवृत्ती
रामकृष्णबुवा वझे तथा वझेबुवा ( ???? - ५ मे १९४५) हे ग्वाल्हेर घराण्याचे ख्यातकीर्त गायक आणि मराठी संगीत नाटकांचे संगीतकार होते. वझेबुवांची धृपद, खयाल, ठुमरी आदि गायनप्रकारांवर हुकुमत होती.
स्वातंत्रवीर सावरकर लिखीत रणदुंदुभी आणि सन्यस्त खड्ग ह्या संगीत नाटकातली पदे वझेबुवांनी स्वरबद्ध केली होती.
दिनानाथ मंगेशकर, केशवराव भोसले, विनायकराव पटवर्धन ह्यांसारखे प्रसिद्ध शिष्य वझेबुवांच्या मार्गदर्शनाखाली तयार झाले.