"गुरु ग्रंथ साहिब" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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या ग्रंथात केवळ शीख गुरूंचाच उपदेश नाही तर यात [[भारत|भारतातील]] अनेक प्रांत, भाषा व जातीत जन्मलेल्या विविध संतांचे उपदेश आहेत. हा ग्रंथ जुनी [[पंजाबी]] (गुरुमुखी), [[मराठी]], [[ब्रज]], [[अवध]] आदी बोलींनी सुशोभित आहे.<ref>{{संकेतस्थळ स्रोत|दुवा=https://m.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-9330.html|title=जीवन की सही राह|भाषा=हिंदी|ॲक्सेसदिनांक=२१ मार्च २०२१ }}</ref> |
या ग्रंथात केवळ शीख गुरूंचाच उपदेश नाही तर यात [[भारत|भारतातील]] अनेक प्रांत, भाषा व जातीत जन्मलेल्या विविध संतांचे उपदेश आहेत. हा ग्रंथ जुनी [[पंजाबी]] (गुरुमुखी), [[मराठी]], [[ब्रज]], [[अवध]] आदी बोलींनी सुशोभित आहे.<ref>{{संकेतस्थळ स्रोत|दुवा=https://m.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-9330.html|title=जीवन की सही राह|भाषा=हिंदी|ॲक्सेसदिनांक=२१ मार्च २०२१ }}</ref> |
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गुरुग्रंथ साहेबमधील विविध संतांचे |
गुरुग्रंथ साहेबमधील विविध संतांचे '''[[शबद]]''' (रचना) : |
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==गुरुग्रंथ साहेबासंबंधी मराठी पुस्तके== |
==गुरुग्रंथ साहेबासंबंधी मराठी पुस्तके== |
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* श्री गुरु ग्रंथ साहिब : एक अवलोकन ([[दिलीप गोगटे]]) |
* श्री गुरु ग्रंथ साहिब : एक अवलोकन ([[दिलीप गोगटे]]) |
२१:१४, २१ मार्च २०२१ ची आवृत्ती
गुरुग्रंथ साहेब (हिंदी: गुरुग्रंथ साहिब) हा शीख धर्मीयांचा धर्मग्रंथ असून त्यास शिखांचा अकरावा व अंतिम गुरू मानले जाते. शिखांचे दहावे गुरू गुरु गोविंदसिंग यांचा आदेश : 'सब सिखन को हुकूम है, गुरु मान्यो ग्रंथ' (सर्व शिखांना असा हुकूम आहे की त्यांनी 'ग्रंथसाहेब'ला आपला गुरू मानावे.)[१][२]
या ग्रंथात केवळ शीख गुरूंचाच उपदेश नाही तर यात भारतातील अनेक प्रांत, भाषा व जातीत जन्मलेल्या विविध संतांचे उपदेश आहेत. हा ग्रंथ जुनी पंजाबी (गुरुमुखी), मराठी, ब्रज, अवध आदी बोलींनी सुशोभित आहे.[३]
गुरुग्रंथ साहेबमधील विविध संतांचे शबद (रचना) :
[४]संत | शबद (रचना) |
---|---|
कबीर दास | २२४ |
नामदेव | ६१ |
संत रविदास | ४० |
भगत त्रिलोचन जी | ४ |
फरीद जी | ४ |
भगत बैणी जी | ३ |
भगत धंना जी | ३ |
भगत जयदेव जी | २ |
भगत भीखन जी | २ |
सूरदास | १ |
भगत परमानन्द जी | १ |
भगत सैण जी | १ |
पीपाजी | १ |
भगत सधना जी | १ |
रामानन्द | १ |
गुरु अर्जन देव | ३ |
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गुरुग्रंथ साहेबासंबंधी मराठी पुस्तके
- श्री गुरु ग्रंथ साहिब : एक अवलोकन (दिलीप गोगटे)
संदर्भ
- ^ "नांदेड़ के हज़ूर साहिब गुरुद्वारे की कहानी, जहां से कई लोग कोरोना पॉजिटिव निकले" (हिंदी भाषेत). २१ मार्च २०२१ रोजी पाहिले.
- ^ "Amritsar : 416 साल पहले आज के दिन स्वर्ण मंदिर में हुई थी "पवित्र ग्रंथ साहिब" की स्थापना, जानें इसकी अहमियत" (हिंदी भाषेत). २१ मार्च २०२१ रोजी पाहिले.
- ^ "जीवन की सही राह" (हिंदी भाषेत). २१ मार्च २०२१ रोजी पाहिले.
- ^ "गुरुवाणी: संतो की वाणी है गुरु ग्रंथ साहिब, कबीर जी के भी हैं 224 शबद" (हिंदी भाषेत). २१ मार्च २०२१ रोजी पाहिले.
मागील: गुरु गोविंदसिंग |
गुरुग्रंथ साहेब विद्यमान |
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शिखांचे अकरा गुरू | ||
गुरू नानकदेव | गुरू अंगददेव | गुरू अमरदास | गुरू रामदास | गुरू अर्जुनदेव | गुरू हरगोबिंद | गुरू हर राय | गुरू हरकिशन | गुरू तेगबहादूर | गुरू गोबिंदसिंग | (यानंतर गुरू ग्रंथसाहिब ग्रंथास कायमस्वरूपी गुरू मानले जाते.) |