"विष्णुबुवा ब्रह्मचारी" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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|title= विष्णुबुवा ब्रह्मचारी : काळ आणि कर्तृत्व |
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१५:५९, २६ एप्रिल २०२० ची आवृत्ती
विष्णुबुवा/ विष्णुबावा ब्रह्मचारी | |
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जन्म नाव | विष्णू भिकाजी गोखले |
टोपणनाव | विष्णुबुवा/ विष्णुबावा ब्रह्मचारी |
जन्म |
२० जुलै १८२५ शिरवली, ता. महाड |
मृत्यू |
१८ फेब्रुवारी १८७१ मुंबई |
राष्ट्रीयत्व | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
भाषा | मराठी |
साहित्य प्रकार | वैचारिक, टीकाग्रंथ |
विषय | धर्म, सामाजिक प्रबोधन |
प्रसिद्ध साहित्यकृती | वेदोक्तधर्मप्रकाश, सुखदायक राज्यप्रकरणीं निबंध, समुद्रकिनारीं वादविवाद, सेतुबंधनी टीका |
वडील | भिकाजी |
आई | उमाबाई |
विष्णुबुवा/ विष्णुबावा ब्रह्मचारी (जन्म : २० जुलै १८२५ - मृत्यू : १८ फेब्रुवारी १८७१) हे एकोणिसाव्या शतकातील महाराष्ट्रातील एक समाजसुधारक आणि विचारवंत होते. त्यांच्या नावाचा उल्लेख त्यांनी लिहिलल्या पुस्तकांवर विष्णुबावा असा केलेला आढळतो[१].
विष्णुबावांची ग्रंथसंपदा
- बोधसागर; १८५७; गणपत कृष्णाजी; मुंबई
- भावार्थसिंधू; १८५९; गणपत कृष्णाजी; मुंबई
- वेदोक्त धर्मप्रकाश; १८५९; गणपत कृष्णाजी; मुंबई
- सुखदायक राज्यप्रकरणीं निबंध; १८६७; इंदुप्रकाश; मुंबई
- चतुःश्लोकी भागवत याचा अर्थ; १८६७; मुंबई
- सहजस्थितीचा निबंध; १८६८; इंदुप्रकाश; मुंबई
- समुद्रकिनारीं वादविवाद; १८७२; ओरिएंटल छापखाना; मुंबई
- सेतुबंधनी टीका - प्राकृत; १८९०; गणपत कृष्णाजी; मुंबई
संदर्भ
संदर्भसूची
- श्री. पु., गोखले. Missing or empty
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(सहाय्य)
- रामपुरे, बा. धों. विष्णुबुवा ब्रह्मचारी : काळ आणि कर्तृत्व. शोधगंगा : प्रबंधाचा दुवा. ०८ एप्रिल २०२० रोजी पाहिले.
|अॅक्सेसदिनांक=
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