"होन" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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*[[भारतीय सर्वेक्षण विभाग]] |
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*[[पुरातत्त्वीय उत्खनन]] |
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ओळ ११: | ओळ ११: | ||
*[[ननाणेशास्त्र]] |
*[[ननाणेशास्त्र]] |
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*[[शिवराई]] |
*[[शिवराई]] |
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*[[होन]] |
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*[[डॉ. मधुकर ढवळीकर]] |
*[[डॉ. मधुकर ढवळीकर]] |
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*[[हसमुख धीरजलाल सांकलिया]] |
*[[हसमुख धीरजलाल सांकलिया]] |
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*[[भारतीय नाणेशास्त्र शोधसंस्था, अंजनेरी, नाशिक]] |
*[[भारतीय नाणेशास्त्र शोधसंस्था, अंजनेरी, नाशिक]] |
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{{मराठा साम्राज्य}} |
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[[वर्ग:चलने]] |
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[[वर्ग:भूतपूर्व चलने]] |
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०८:३९, १४ नोव्हेंबर २०१३ ची आवृत्ती
होन शिवकालीन चलन होते. या सुवर्णमुद्रेचे वजन सुमारे २.७ ते २.९ ग्राम एवढे होते.
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