"महाराष्ट्रातील अनुसूचित जातींची यादी" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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२००१ मध्ये, [[महार]] समूदायाच्या लोकसंख्येत ५६.३% बौद्ध, ४३.७% हिंदू आणि अवघी ०.१% शीख होते. |
२००१ मध्ये, [[महार]] समूदायाच्या लोकसंख्येत ५६.३% बौद्ध, ४३.७% हिंदू आणि अवघी ०.१% शीख होते. तर २०११ मध्ये, राज्यात सुमारे ७६ लाख महार समाज आहे, महारांत सुमारे ६२% (४७.१२ लाख) बौद्ध, ३७.९% (२८.७३ लाख) हिंदू, तर अवघे ०.१% (७.८ हजार) महार हे शीख धर्मीय आहेत. |
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महार समाज हा ९९.९०% जरी बौद्ध धर्मीय असला तरी सुद्धा महारांचा एक मोठा वर्ग (३८% महार) आजही जनगणनेत स्वत:च्या धर्माचा उल्लेख "हिंदू" असा करतो. परिणामी राज्यात बौद्धांची संख्या कमी नोंदली जाते. |
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२०११ मध्ये, अनुसूचित जातींच्या लोकसंख्येत ७६ लाख महार, २६.८ लाख मांग, १६.५ लाख चांभार व २.५ लाख भंगी या समाजाचे लोक आहेत. अनु. जातीत या चार जातींचे एकत्रित प्रमाण ९२% आहे. |
२०११ मध्ये, अनुसूचित जातींच्या लोकसंख्येत ७६ लाख महार, २६.८ लाख मांग, १६.५ लाख चांभार व २.५ लाख भंगी या समाजाचे लोक आहेत. अनु. जातीत या चार जातींचे एकत्रित प्रमाण ९२% आहे. |
१३:४२, २३ जानेवारी २०१८ ची आवृत्ती
२०११ च्या जनगणनेनुसार, महाराष्ट्रातील अनुसूचित जातींची लोकसंख्या १,३२,७५,८९८ (११.८१%) असून त्यात पुरुष ६७,६७,७५९ व स्त्रिया ६५,०८,१३९ आहेत. महाराष्ट्रात अनुसूचित जातींत ५९ जातींचा समावेश होतो. भारतातील एकूण २०.१४ कोटी अनु. जातींपैकी ६.६% अनु. जाती महाराष्ट्रात आहे.
२००१ च्या जनगणनेनुसार, अनुसूचित जातींमध्ये महार (५७.५%), मांग (२०.३%), भांबी/चांभार (१२.५%) व भंगी (१.९%) ह्या प्रमुख चार समाजाची लोकसंख्या ९२% आहे. लातूर जिल्ह्यात अनुसूचित जातींचे प्रमाण सर्वाधिक (१९.४%) आहे.
यादी
२००१ च्या जनगणनेनुसार, महाराष्ट्रातील अनुसूचित जातीच्या समूदायांची आणि त्यांच्या लोकसंख्येच्या यादी खालीलप्रमाणे आहे.[१]
क्रमांक | जाती | लोकसंख्या २००१ | एकूण अनु.जाती लोकसंख्येची टक्केवारी |
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१ | अगेर | 18,678 | 0.05% |
२ | अनमुक | 11,142 | 0.03% |
३ | आरेमाला | 11,721 | 0.03% |
४ | आरवा माला | % | |
५ | बहाना बहाना | % | |
६ | बाकड, बंट | % | |
७ | बलाही, बलाई | % | |
८ | बसोर , बुरूड, बांसोर, बांसोडी | % | |
९ | बेडाजंगम, बुडगा जंगम. | % | |
१० | बेडर | % | |
११ | भांबी,भांभी,असादरु,असोदी,चामडिया,चमार,चमारी,चांभार,चमगार,हरळय्या,हराळी,खालपा,भांबी, भांभी, असादरु, असोदी, चामडिया, चमार, चमारी, चांभार, चमगार, हरळय्या, हराळी, खालपा, माचीगार, मोचीगार, मादर, मादिग, मोची, तेलगू मोची, कामाटी मोची, राणीगार, रोहिदास, नोना, रामनामी, रोहित समगार, सतनामी, सूरज्यबंशी, सूरज्यरामनाम, समगारा, चर्मकार, परदेशी चामार (शा. नि. दि. 15 एप्रिल 2010 प्रमाणे समाविष्ट) | % | |
१२ | भंगी, मेहतर, ओलगाना, रुखी, मलकाना, हलालखोर, लालबेगी, बाल्मिकी, कोरार, झाडगल्ली, हेला (शा. नि. दि. 15 एप्रिल 2010 प्रमाणे समाविष्ट) | % | |
१३ | [[]] | % | |
१४ | [[]] | % | |
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१६ | [[]] | % | |
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१८ | [[]] | % | |
१९ | डोम, डुमार | % | |
२० | [[]] | % | |
२१ | [[]] | % | |
२२ | [[]] | % | |
२३ | [[]] | % | |
२४ | [[]] | % | |
२५ | [[]] | % | |
२६ | [[]] | % | |
२७ | [[]] | % | |
२८ | कैकाडी (अकोला, अमरावती, भंडारा, बुलढाणा, नागपूर, वर्धा व यवतमाळ जिल्हे व राजूरा तालूका सोडून चंद्रपूर जिल्हा यांत) | % | |
२९ | [[]] | % | |
३० | [[]] | % | |
३१ | [[]] | % | |
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३५ | [[]] | % | |
३६ | [[]] | % | |
३७ | महार, मेहर, तराळ, धेगू-मेगू | % | |
३८ | माहयावंशी, धेड, वणकर, मारु-वणकर | % | |
३९ | [[]] | % | |
४० | [[]] | % | |
४१ | [[]] | % | |
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धर्म
२००१ च्या जनगणनेनुसार, महाराष्ट्रातील अनुसूचित जातींच्या लोकसंख्येत ६७% हिंदू, ३२.९% बौद्ध व ०.१% (५,९८३) शीख होते. तर २०११ च्या जनगणनेनुसार, अनुसूचित जातींमध्ये ६०.७% (सुमारे ८०.१२ लाख) हिंदू, ३९.२% (५२,०४,२८४) बौद्ध व ०.१% (१३ हजार) शीख आहेत. २००१-११ या कालावधीत महाराष्ट्रातील अनुसूचित जातींच्या बौद्ध लोकसंख्येत तब्बल ६०% वाढ झाली आहे.[२]
२००१ मध्ये, महार समूदायाच्या लोकसंख्येत ५६.३% बौद्ध, ४३.७% हिंदू आणि अवघी ०.१% शीख होते. तर २०११ मध्ये, राज्यात सुमारे ७६ लाख महार समाज आहे, महारांत सुमारे ६२% (४७.१२ लाख) बौद्ध, ३७.९% (२८.७३ लाख) हिंदू, तर अवघे ०.१% (७.८ हजार) महार हे शीख धर्मीय आहेत.
महार समाज हा ९९.९०% जरी बौद्ध धर्मीय असला तरी सुद्धा महारांचा एक मोठा वर्ग (३८% महार) आजही जनगणनेत स्वत:च्या धर्माचा उल्लेख "हिंदू" असा करतो. परिणामी राज्यात बौद्धांची संख्या कमी नोंदली जाते.
२०११ मध्ये, अनुसूचित जातींच्या लोकसंख्येत ७६ लाख महार, २६.८ लाख मांग, १६.५ लाख चांभार व २.५ लाख भंगी या समाजाचे लोक आहेत. अनु. जातीत या चार जातींचे एकत्रित प्रमाण ९२% आहे.
अनुसूचित जातीमध्ये बौद्ध धर्म अतिशय वेगाने वाढत आहे. इ.स. २००१ मध्ये भारत देशात ४१.५९ लाख बौद्ध हे अनुसूचित जातीचे होते, तर इ.स. २०११ मध्ये हे प्रमाण ३८% वेगाने वाढून ५७.५६ लाख एवढे झाले आहे. देशातील एकूण अनुसूचित जातीच्या बौद्धांपैकी ५२.०४ लाख (९०% पेक्षा अधिक) महाराष्ट्रात आहेत. महाराष्ट्रात एकूण बौद्ध लोकसंख्येत ७९.६८% अनुसूचित जाती आहे.
स
भारतातील एकूण २०.१४ कोटी अनु. जातींपैकी ६.६% अनु. जाती महाराष्ट्रात आहे.
अनुसूचित जातींच्या लोकसंख्येत ५७.५% (७६ लाख) महार, २०.३% (२६.८ लाख) मांग, १२.५% (१६.५ लाख) चांभार व १.९% (२.५ लाख) भंगी या समाजाचे लोक आहेत. अनु. जातीत या चार जातींचे एकत्रित प्रमाण ९२% आहे.
अनु. जातींचा धर्म :- अनुसूचित जातींपैकी ६०.७% (सुमारे ८०.१२ लाख) लोक हिंदू, ३९.२% (५२,०४,२८४) लोक बौद्ध व अवघे ०.१% (१३ हजार) लोक शिख आहेत.
महारांचा धर्म :- राज्यात सुमारे ७६ लाख महार समाज आहे, त्यापैकी सुमारे ६२% (४७.१२ लाख) महार हे बौद्ध, ३७.९% (२८.७३ लाख) हिंदू, तर अवघे ०.१% (७.८ हजार) महार हे शीख धर्मीय आहेत.
- - महार समाज हा ९९.९०% जरी बौद्ध धर्मीय असला तरी सुद्धा महारांचा एक मोठा वर्ग (३८% महार) आजही जनगणनेत स्वत:च्या धर्माचा उल्लेख "हिंदू" असा करतो. परिणामी राज्यात बौद्धांची संख्या कमी दिसते.