"चालुक्य राजघराणे" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक

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* [http://www.loksatta.com/index.php?option=com_content&view=article&id=9141:2009-09-18-06-20-59&catid=195:2009-08-14-03-11-12&Itemid=206 पट्टदकल विषयक लोकसत्ता मधील लेख.]
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*[[मौर्य साम्राज्य]]
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{{साचा:भारतीय राजवंश}}
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[[वर्ग:भारतीय राजवंश]]
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[[वर्ग:चालुक्य साम्राज्य]]
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१४:१५, ८ एप्रिल २०१७ ची आवृत्ती

चालुक्य साम्राज्य
ಚಾಲುಕ್ಯರು
[[चित्र:| px]]

५४३ - ७५३
राजधानी बादामी
राजे ५४३ - ५६६: पुलकेशी पहिला
६५५ - ६८५: विक्रमादित्य पहिला
७४६ - ७५३: कीर्तीवर्मा दुसरा
भाषा कन्नड
क्षेत्रफळ ११,००,००० चौ. कि.मी. वर्ग किमी

चालुक्य हे दक्षिण भारत व महाराष्ट्राचे प्राचीन राज्यकर्ते. पट्टदकल ही तत्कालीन राज्यकर्ते चालुक्यांची राजधानी होती. लाल दगडांच्या डोंगराच्या चोहीकडे रांगा असलेले पट्टदकल एकेकाळी रक्तपुरा म्हणजे लाल शहर म्हणून ओळखले जात होते. कन्नड साहित्यातील सिंगीराज पुराणातील उल्लेखानुसार तत्कालीन पुराणकालीन निग्रा, नहुष, नल, पुरुष, वसु, सागर, नंद आणि मौर्यकालीन राजे इत्यादींनी त्यांचा ‘पट्टबंध’ महोत्सव म्हणजे राज्याभिषेक करण्यासाठी या ठिकाणाची निवड केली होती.

ए गाइड टू जियोग्राफी’ या दुसऱ्या शतकाच्या मध्यावरील संशोधन पुस्तकात या शहराचा रोमन साम्राज्याशी व्यापार उदीम होता याचा उल्लेख आहे. दरवर्षी जानेवारी- फेब्रुवारीत वार्षिक नृत्य महोत्सव, ज्याला चालुक्य महोत्सवही म्हणतात- होतो त्याला पर्यटक खूप मोठय़ा प्रमाणात येतात.

बादामीच्या चालुक्यांची वंशावळ

 
 
 
जयसिंह
 
 
 
 
 
 
 
 
 
रणराग
 
 
 
 
 
 
 
 
 
पहिला पुलकेशी (इ.स. ५३५ ते ५६३)
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
पहिला कीर्तिवर्मा (इ.स. ५६६ ते ५९८)
 
मंगलेश (इ.स. ५९८ ते ६११)
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
दुसरा पुलकेशी (इ.स. ६११ ते ६४२)
 
कुब्ज विष्णुवर्धन
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
पहिला विक्रमादित्य (इ.स. ६५५ ते ६८५)
 
धराश्रय जयसिंह
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
विनयादित्य (इ.स. ६८५ ते ६९६)
 
श्रयाश्रय शीलादित्य
 
 
 
 
 
 
 
विजयादित्य (इ.स. ६९६ ते ७३३)
 
 
 
 
 
 
दुसरा विक्रमादित्य (इ.स. ७३३ ते ७४५)
 
 
 
 
 
 
दुसरा कीर्तिवर्मा (इ.स. ७४५ ते ७५७)
 

महत्त्वाच्या घटना

राज्य विस्तार

महाराष्ट्र कर्नाटक आंध्रप्रदेश आत्ताचे

बाह्य दुवे

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