"मधु मंगेश कर्णिक" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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'''मधु मंगेश कर्णिक''' ([[एप्रिल २८]], [[इ.स. १९३१|१९३१]] : [[कणकवली]], [[महाराष्ट्र]] - हयात) हे [[मराठी भाषा|मराठी]] कथाकार, कादंबरीकार, कवी आहेत. |
'''मधु मंगेश कर्णिक''' ([[एप्रिल २८]], [[इ.स. १९३१|१९३१]] : [[कणकवली]], [[महाराष्ट्र]] - हयात) हे [[मराठी भाषा|मराठी]] कथाकार, कादंबरीकार, कवी आहेत. ’कोकणी गं वस्ती’ हा त्यांचा पहिला कथासंग्रह आहे. |
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== जीवन == |
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मधु मंगेश कर्णिक यांचे मॅट्रिकपर्यंतचे शिक्षण कणकवली येथे झाले. त्यानंतर काही काळ त्यांनी राज्य परिवहन खात्यात नोकरी केली. गोवा सरकारच्या प्रसिद्धी खात्यात माहिती अधिकारी म्हणून आणि नंतर मुंबई येथे जनसंपर्काधिकारी या पदावरही त्यांनी काम केले. |
'''मधु मंगेश कर्णिक''' यांचे मॅट्रिकपर्यंतचे शिक्षण कणकवली येथे झाले. त्यानंतर काही काळ त्यांनी राज्य परिवहन खात्यात नोकरी केली. गोवा सरकारच्या प्रसिद्धी खात्यात माहिती अधिकारी म्हणून आणि नंतर मुंबई येथे जनसंपर्काधिकारी या पदावरही त्यांनी काम केले. |
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मधु मंगेश कर्णिक यांनी पतितपावन व निर्माल्य या चित्रपटांसाठी संवाद व गीते लिहिली. |
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==दूरदर्शन मालिकांचे लेखन== |
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*तर भाकरी आणि फूल, जुईली, रानमाणूस, सांगाती या दूरदर्शन मालिका लिहिल्या. आकाशवाणीसाठी अनेक नभोनाट्ये व श्रुतिका लिहिल्या. गोमंतक, पुढारी, साधना, तरुण-भारत (सांज), मनोहर या नियतकालिकांतून स्तंभलेखनही केले आहे. मधू मंगेश यांचा कवितासग्रह एकच आहे, परंतु त्यांच्या मनाच्या काव्यमयतेचा आल्हाद सर्वत्र व सर्वकाल जाणवतो. |
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|कॅलिफोर्नियात कोकण||कथासंग्रह || || |
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|करूळचा मुलगा||आत्मचरित्र ||मौज प्रकाशन||२०१२ |
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|कातळ||कादंबरी||||१९८६ |
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|काळवीट||कथासंग्रह || || |
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|काळे कातळ तांबडी माती ||कथासंग्रह || || १९७८ |
|काळे कातळ तांबडी माती ||कथासंग्रह || || १९७८ |
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|केवडा || |
|केवडा ||कथासंग्रह || || १९७३ |
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|कोकणी गं वस्ती|| कथासंग्रह || ||१९५९ |
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|गावाकडच्या गजाली||कथासंग्रह || || |
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|चटकचांदणी ||कथासंग्रह || || १९८५ |
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|जुईली ||कादंबरी || || |
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|झुंबर ||कथासंग्रह || || १९६९ |
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|तहान ||कथासंग्रह || || १९६६ |
|तहान ||कथासंग्रह || || १९६६ |
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|तोरण ||कथासंग्रह || || १९६३ |
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|दरवळ||कथासंग्रह || || |
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|दाखल ||कथासंग्रह || || १९८३ |
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|देवकी||कादंबरी||||१९६२ |
|देवकी||कादंबरी||||१९६२ |
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|निरभ्र||कादंबरी||नवचैतन्य|| |
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|पांघरूण||कादंबरी|||| |
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|पारधी||कथासंग्रह || || |
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|भाकरी आणि फूल||कादंबरी|||| |
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|भुईचाफा ||कथासंग्रह || || १९६४ |
|भुईचाफा ||कथासंग्रह || || १९६४ |
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|भोवरा|| ||अनघा प्रकाशन|| |
|भोवरा|| ||अनघा प्रकाशन|| |
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|मनस्विनी||कथासंग्रह || || |
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|माहीमची खाडी || कादंबरी || || १९६९ |
|माहीमची खाडी || कादंबरी || || १९६९ |
२०:५१, १ एप्रिल २०१३ ची आवृत्ती
मधु मंगेश कर्णिक (एप्रिल २८, १९३१ : कणकवली, महाराष्ट्र - हयात) हे मराठी कथाकार, कादंबरीकार, कवी आहेत. ’कोकणी गं वस्ती’ हा त्यांचा पहिला कथासंग्रह आहे.
जीवन
मधु मंगेश कर्णिक यांचे मॅट्रिकपर्यंतचे शिक्षण कणकवली येथे झाले. त्यानंतर काही काळ त्यांनी राज्य परिवहन खात्यात नोकरी केली. गोवा सरकारच्या प्रसिद्धी खात्यात माहिती अधिकारी म्हणून आणि नंतर मुंबई येथे जनसंपर्काधिकारी या पदावरही त्यांनी काम केले.
मधु मंगेश कर्णिक यांनी पतितपावन व निर्माल्य या चित्रपटांसाठी संवाद व गीते लिहिली.
कोकण मराठी साहित्य परिषदेच्या स्थापनेत त्याचा सिंहाचा वाटा होता.
दूरदर्शन मालिकांचे लेखन
- तर भाकरी आणि फूल, जुईली, रानमाणूस, सांगाती या दूरदर्शन मालिका लिहिल्या. आकाशवाणीसाठी अनेक नभोनाट्ये व श्रुतिका लिहिल्या. गोमंतक, पुढारी, साधना, तरुण-भारत (सांज), मनोहर या नियतकालिकांतून स्तंभलेखनही केले आहे. मधू मंगेश यांचा कवितासग्रह एकच आहे, परंतु त्यांच्या मनाच्या काव्यमयतेचा आल्हाद सर्वत्र व सर्वकाल जाणवतो.
पुरस्कार/मानसन्मान
- १९९१ साली रत्नागिरीत झालेल्या अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलनाचे अध्यक्ष.
- ग.दि.माडगुळकर प्रतिष्ठानचा गदिमा पुरस्कार (२०१०)
प्रकाशित साहित्य
नाव | साहित्यप्रकार | प्रकाशन | प्रकाशन वर्ष (इ.स.) |
---|---|---|---|
कॅलिफोर्नियात कोकण | कथासंग्रह | ||
कमळण | कथासंग्रह | ||
करूळचा मुलगा | आत्मचरित्र | मौज प्रकाशन | २०१२ |
कातळ | कादंबरी | १९८६ | |
काळवीट | कथासंग्रह | ||
काळे कातळ तांबडी माती | कथासंग्रह | १९७८ | |
केवडा | कथासंग्रह | १९७३ | |
कोकणी गं वस्ती | कथासंग्रह | १९५९ | |
गावाकडच्या गजाली | कथासंग्रह | ||
चटकचांदणी | कथासंग्रह | १९८५ | |
जुईली | कादंबरी | ||
झुंबर | कथासंग्रह | १९६९ | |
तहान | कथासंग्रह | १९६६ | |
तोरण | कथासंग्रह | १९६३ | |
दरवळ | कथासंग्रह | ||
दाखल | कथासंग्रह | १९८३ | |
देवकी | कादंबरी | १९६२ | |
निरभ्र | कादंबरी | नवचैतन्य | |
पांघरूण | कादंबरी | ||
पारधी | कथासंग्रह | ||
पुण्याई | दिलीप | ||
भाकरी आणि फूल | कादंबरी | ||
भुईचाफा | कथासंग्रह | १९६४ | |
भोवरा | अनघा प्रकाशन | ||
मनस्विनी | कथासंग्रह | ||
माहीमची खाडी | कादंबरी | १९६९ | |
लागेबांधे | कादंबरी | ||
लामणदिवा | कथासंग्रह | १९८३ | |
वारूळ | कादंबरी | १९८८ | |
चिवार | नवचैतन्य | ||
विहंगम | २००१ | ||
संधिकाल | कादंबरी | २००१ | |
सनद | कादंबरी | १९८६ | |
सूर्यफूल | कादंबरी | ||
सृष्टी आणि दृष्टी | |||
सोबत | कादंबरी | ||
ह्रदयंगम | अनघा प्रकाशन |
गौरव, पुरस्कार
- अध्यक्ष, मराठी साहित्य संमेलन, १९९१ रत्नागिरी
- २००९ पद्मश्री विखे पाटील साहित्य जीवन गौरव पुरस्कार
इतर
- कोकण मराठी साहित्य परिषदेचे संस्थापक सदस्य
- २००६ महाराष्ट्र राज्य साक्षरता आणि संस्कृती विभागाचे अध्यक्ष